Eksandeshlive Desk
रांची : हटिया कामगार यूनियन एटक के उपाध्यक्ष लालदेव सिंह ने कहा है कि भेल प्रबंधन के अधीन रहने के दौरान हेवी इंजीनियर्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचईसी) रांची की देनदारियां बढ़कर लगभग तीन हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गई हैं। आने वाले समय में यह राशि और बढ़ने की आशंका है। उन्होंने कहा कि एचईसी का सीआईएसएफ के पास 150 करोड़, सप्लायर के रिटायर कर्मी, कर्मचारी के वेतन बकाया में 100 करोड़, बिजली मद में 150 करोड़, पानी का मद, पेंशन मद, इनकम टैक्स सहित अन्य मद में कुल मिलकर तीन हजार करोड़ से भी अधिक राशि शामिल है।
उन्होंने कहा कि यह बोझ अंततः राज्य सरकार या केंद्र सरकार को ही उठाना पड़ेगा, जो दीर्घकालिक दृष्टि से न कर्मचारियों के हित में है और न ही उद्योग के विकास के अनुकूल है। उन्होंने शुक्रवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि यदि एचईसी को समय रहते पुनर्जीवित नहीं किया गया, तो यह ऐतिहासिक उद्योग पूरी तरह ठप पड़ जाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि अब साफ हो चुका है कि सरकारी आर्थिक सहायता के बिना एचईसी का संचालन संभव नहीं है और यदि किसी तरह चलाया भी गया तो केवल कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों को परेशान करने के लिए ही चलेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से कर्मचारियों और रिटायर कर्मियों के हित में जल्द से जल्द ठोस फैसला लेते हुए एचईसी को बचाने की दिशा में कदम उठाने का आग्रह किया।
