सुरेंद्र सिंह भौरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया, वाई पूरन कुमार का पांचवें दिन भी न पोस्टमार्टम न अंतिम संस्कार
Eksandeshlive Desk
चंडीगढ़/लखनऊ/नई दिल्ली : हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ में आत्महत्या के मामले में चौतरफा दबाव के बीच सरकार ने शनिवार को रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरानिया को पद से हटा दिया। बिजरानिया को अभी नई पोस्टिंग नहीं दी गई है। उनके स्थान पर सुरेंद्र सिंह भौरिया को रोहतक का नया एसपी नियुक्त किया गया। हालांकि, पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर पर कार्रवाई को लेकर संशय बरकरार है। शत्रुजीत कपूर को लेकर दिनभर सोशल मीडिया पर तो कार्रवाई के बयान आते रहे लेकिन धरातल पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। सचिवालय के गलियारों में चर्चा है कि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के विदेश दौरे से आने के बाद ही इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई होगी।उधर, शनिवार को पांचवें दिन भी वाई पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका। चंडीगढ़ के गृहसचिव मनदीप बराड़ ने शनिवार की सुबह पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार के साथ मुलाकात की। इसके कुछ समय बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने वाई पूरन कुमार के शव को सेक्टर-16 अस्पताल से पीजीआई में रखवा दिया। परिवार के लोगों की तरफ से इसका भी विरोध किया गया। शनिवार सुबह जैसे ही पूरन कुमार का शव पीजीआई पहुंचा तो एफएसएल की टीम तथा वीडियोग्राफर भी मौके पर पहुंच गए। माना जा रहा था कि अब पूरन कुमार का पोस्टमार्टम होगा। इसके उलट कुछ समय बाद परिजनों ने दावा किया कि उनकी सहमति के बगैर ही शव को पीजीआई शिफ्ट किया जा रहा है। इस बीच चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने अमनीत पी कुमार से मुलाकात की लेकिन वह आज भी पोस्टमार्टम के लिए नहीं मानी। एससपी कंवरदीप कौर ने कहा कि परिवार से लगातार बातचीत जारी है। उनकी सहमति के बाद ही पोस्टमार्टम करवाया जाएगा।
मायावती की मांग, हरियाणा आईपीएस आत्महत्या प्रकरण की हो निषपक्ष जांच : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि एक सभ्य सरकार के लिये यह शर्मनाक है। यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश कितना अधिक खासकर शासन-प्रशासन में हावी है और सरकारें इसको रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं। उन्होंने इस घटना की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की। बसपा प्रमुख ने शनिवार को एक्स पर एक लंबी पोस्ट में लिखा, ”हरियाणा राज्य में आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पूरन कुमार, जिनकी पत्नी भी स्वंय हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, ने जातिवादी शोषण व प्रताड़ना के कारण की गयी आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। खासकर दलित व बहुजन समाज के लोग काफी उद्वेलित हैं।” उन्होंने कहा, ”यह अति-दुखद व अति-गंभीर घटना खासकर एक सभ्य सरकार के लिये शर्मनाक है और यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश कितना अधिक ख़ासकर शासन-प्रशासन में हावी है और सरकारें इसको रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं। वैसे यह सब सरकार की नीयत व नीति की बात ज्यादा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की समयबद्ध स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच होना चाहिये और इसके लिये दोषियों को सख़्त सजा मिलनी चाहिये, ताकि सभ्य समाज को शर्मिन्दा करने वाली ऐसी दर्दनाक घटनायें दोबारा कहीं ना होने पायें।” मायावती ने कहा, ”हरियाणा सरकार इस घटना को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से ले और इसकी भी लीपापोती करने का प्रयास ना करे तो यह उचित होगा। जांच के नाम पर खानापूर्ति भी नहीं होनी चाहिये, जैसा कि आरोप लगने शुरू हो गये हैं। सुप्रीम कोर्ट व केन्द्र सरकार भी इस घटना का उचित संज्ञान ले तो यह बेहतर। ऐसी घटनाओं से ख़ासकर उन लोगों को जरूर सीख लेनी चाहिये जो एससी, एसटी व ओबीसी आरक्षण को आर्थिक स्थिति से जोड़ कर क्रीमी लेयर की बात करते हैं। क्योंकि धन व पद पा लेने के बाद भी जातिवाद उनका पीछा नहीं छोड़ता है। हर स्तर पर जातिवादी शोषण, अत्याचार व उत्पीड़न लगातार जारी रहता है, जिसकी ताज़ा मिसाल हरियाणा की वर्तमान घटना है।”
सोनिया गांधी ने आईपीएस अधिकारी वाई पूरन की आत्महत्या पर जताया शोक : कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या पर पत्र लिखकर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत अधिकारी की पत्नी आईएएस अमनीत पी कुमार को पत्र लिखकर संवेदना प्रकट की है। सोनिया गांधी ने अपने पत्र में कहा कि वाई पूरन की आत्महत्या बेहद दुखद और मन को झकझोर देने वाली घटना है। इस कठिन समय में वह स्वयं और पूरा देश अमनीत कुमार व उनके परिवार के साथ खड़ा है। वाई पूरन का जाना हमें यह याद दिलाता रहेगा कि हमारे पुलिस बल में कितनी गहन मानसिक और पेशेगत चुनौतियां हैं, जिनसे निपटने के लिए संवेदनशील दृष्टिकोण और संस्थागत सहयोग की आवश्यकता है। उल्लेखनीय है कि तेलंगाना कैडर के 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार ने हाल ही में आत्महत्या कर ली थी। फिलहाल मामले की जांच जारी है।
