ईद-उल अजहा में होने वाली कुर्बानी अपने घर के अंदर परदे में करें: नसीम अंसारी

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मेसरा(रांची) : कांके प्रखंड कांग्रेस मंडल अध्यक्ष सह पूर्व उप मुखिया ग्राम नेवरी निवासी मोहम्मद नसीम अंसारी ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से शांति के साथ ईद-उल अजहा (बकरीद पर्व) मनाने की अपील करते हुए कहा कि सभी मुस्लिम समुदाय के लोगों को चाहिए ईद-उल अजहा में होने वाली जानवर की कुर्बानी अपने घर के अंदर परदे में करें। सभी भाई दूसरे मजहबों का एहतराम करे,और कुर्बानी के मीट की खुलेआम नुमाईश न करें। कुर्बानी के मीट की फोटो या वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड न करें। साथ जो कुछ भी अवशेष बचे तो उसे जमीन पर गड्ढा खोदकर डाल दें। नालियों या रास्तों पर रक्त न बहाएं और साफ सफाई का खास ख्याल रखना है। ईद-उल अजहा के त्यौहार पर हज़रत इब्राहीम अलैहिस्सलाम ने इसी दिन अल्लाह के हुक्म पर अपने बेटे हज़रत इस्माईल अलैहिस्सलाम को उनकी राह में कुर्बान करने का फैसला किया था। उनके जज्बे को देखकर खुदा ने उनके बेटे को जीवन दान दे दिया था। तभी से अल्लाह के हुक्म के मुताबिक़ इंसानों की जगह बकरा ईद पर जानवरो की कुर्बानी होने लगी। असल कुर्बानी तो बाप बेटे की गुफ्तगू की थी,हमने जानवर तो याद रखा मगर गुफ्तगू भूल गए अपने बड़ों का एहतराम करें। श्री अंसारी ने बताया कि ईद-उल अजहा का त्यौहार अल्लाह की रजा के लिए मनाया जाता है न की किसी तरह के देख दिखावे के लिए। अपने पड़ोसियों का ख्याल रखें,चाहे व किसी भी मजहब का मानने वाला हो कोई भी भूखा न सोए। इस्लाम धर्म प्यार और मोहब्बत का पैगाम फैलाने की अपील करता है। किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का नहीं,इसलिए इस बार अपनी बुराईयों की भी कुर्बानी करते हुए सौहार्दपूर्ण वातावरण में ईद-उल अजहा का त्यौहार मनाएं।