ईपीएफओ से जुड़ी कोई भी सेवा थर्ड पार्टी एजेंट या साइबर कैफे से न लेने की अपील

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों, कंपनियों और पेंशनर्स से ईपीएफओ से जुड़ी कोई भी सेवा थर्ड पार्टी एजेंट या साइबर कैफे से न लेने की अपील की है। ये सेवाएं ईपीएफओ के पोर्टल और ‘उमंग’ ऐप पर बिल्कुल मुफ्त में उपलब्ध हैं। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के मुताबिक ईपीएफओ ने बीमारी, आवास, विवाह और शिक्षा के तहत अग्रिम के लिए ऑटो क्लेम निपटान सुविधा की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है, जिसके परिणामस्वरूप वित्‍त वर्ष 2024-25 में 2.34 करोड़ दावों का ऑटो मोड में निपटान किया गया है। साथ ही अधिकांश मामलों में नियोक्ता की मंजूरी की आवश्यकता को हटाकर 15 जनवरी, 2025 से स्थानांतरण दावा प्रक्रिया को भी सरल बना दिया गया है।

मंत्रालय के मुताबिक कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने आधार प्रमाणीकरण का उपयोग करके सदस्य प्रोफाइल सुधार के लिए प्रदान की गई ऑनलाइन सुविधा को भी सरल बनाया गया है। अधिकांश मामलों में सदस्य प्रोफ़ाइल सुधार के लिए नियोक्ता और ईपीएफओ पर निर्भरता समाप्त कर दी गई है। ऑनलाइन डी-लिंकिंग सुविधा ने सदस्यों को उनके यूएएन से गलत सदस्य आईडी को डीलिंक करने में सक्षम बनाया है। इस प्रकार शिकायतों में भी कमी आई है। इसके अलावा यूएएन का आवंटन और सक्रियण फेस ऑथेंटिकेशन टेक्नोलॉजी (एफएटी) का उपयोग करके उमंग ऐप के जरिए किया जा रहा है। इस सुविधा का लाभ उठाकर, सदस्य को ईपीएफओ सेवाओं जैसे पासबुक देखना, केवाईसी अपडेट, दावा प्रस्तुत करना आदि तक तत्काल पहुंच प्राप्त होती है। इसके मद्देनजर ईपीएफओ ने अपने सदस्यों, कंपनियों और पेंशनर्स से अनधिकृत एजेंटों से संपर्क करने से बचने और मुफ्त एवं सुरक्षित ऑनलाइन सेवाओं के लिए आधिकारिक ईपीएफओ पोर्टल का उपयोग करने का आग्रह किया है। मंत्रालय के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अपने सभी हितधाकों के लिए ईपीएफओ सेवाओं को तेज, पारदर्शी और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। ईपीएफओ विश्व स्तरीय, प्रौद्योगिकी-संचालित सामाजिक सुरक्षा सेवाओं के साथ भारत के कार्यबल को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।