Eksandeshlive Desk
तेहरान/अंकारा/दोहा/तेल अवीव : ईरान ने इजराइल पर व्यापक साइबर युद्ध छेड़ने का गंभीर आरोप लगाया है। ईरान की साइबर सुरक्षा कमान के अनुसार, इजराइल ने देश के डिजिटल ढांचे पर बड़े पैमाने पर साइबर हमले किए हैं, जिनका उद्देश्य आम नागरिकों को दी जाने वाली सेवाओं को बाधित करना है। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरआईबी के अनुसार, “इजराइल की साइबर रणनीति का उद्देश्य हमारे साइबर नेटवर्क की परतों में घुसपैठ करना और इन ढांचों का उपयोग कर सैन्य एवं डिजिटल हमले करना है। लेकिन अब तक कई हमलों को सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया गया है।” ईरान ने दावा किया कि उसके सुरक्षा तंत्र ने इन हमलों को रोकने के लिए आवश्यक उपाय किए हैं ताकि इजराइली हैकर्स को सरकारी प्रणाली में प्रवेश करने और उसे नुकसान पहुंचाने से रोका जा सके। सरकारी-संबद्ध समाचार एजेंसी एफएआरएस की रिपोर्ट में बताया गया कि देश के प्रमुख वित्तीय संस्थान बैंक सेपा की सेवाएं भी साइबर हमले की चपेट में आईं। इस हमले के बाद बैंक की कई सेवाएं अस्थायी रूप से बाधित हो गईं। एक इजराइल-संबंधित हैकर समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है और दावा किया है कि उसने “बैंक सेपा का पूरा डेटा नष्ट कर दिया है।” उल्लेखनीय है कि यह साइबर हमला ऐसे समय में हुआ है जब ईरान और इजराइल के बीच पांच दिनों से जारी सैन्य संघर्ष ने पूरे क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है। दोनों देशों के बीच हवाई हमले, मिसाइल बमबारी और अब साइबर युद्ध जैसे नए मोर्चों पर भी टकराव खुलकर सामने आ रहा है।
ईरान ने अपने नागरिकों को व्हाट्सएप-टेलीग्राम का उपयोग बंद करने की चेतावनी दी : इजराइल की तरफ से की गई हालिया ‘लक्षित हत्याओ’ (टारगेटेड असैसिनेशन) के बाद ईरानी सरकार ने नागरिकों को व्हाट्सअप, टेलीग्राम और अन्य “लोकेशन-आधारित ऐप्स” के उपयोग से बचने की कड़ी चेतावनी जारी की है। यह जानकारी ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरआईबी ने एक सुरक्षा रिपोर्ट के हवाले से दी। रिपोर्ट के अनुसार, “वैज्ञानिकों सहित हालिया हत्याओं के बाद यह बात सामने आई है कि इजराइली खुफिया एजेंसियां मोबाइल ऐप्स के जरिए लोगों की लोकेशन ट्रैक कर उन्हें निशाना बना रही हैं।” रिपोर्ट में कहा गया है कि मौजूदा हालात में इन ऐप्स का उपयोग “खतरनाक” हो सकता है। ईरानी सुरक्षा एजेंसियों ने लोगों को सलाह दी है कि वे स्थान बदलने से पहले अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ करें और “संवेदनशील स्थानों पर मोबाइल फोन साथ न ले जाएं।” इसके साथ ही, रिपोर्ट में संवेदनशील संगठनों के कर्मचारियों को विशेष रूप से “सुरक्षित दूरसंचार माध्यम” का उपयोग करने और “असुरक्षित सॉफ्टवेयर” से बचने की सलाह दी गई है।
तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन का नेतन्याहू पर तीखा हमला : तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को “मध्य पूर्व की सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा” करार दिया है। यह तीखा बयान उन्होंने कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से फोन पर बातचीत के दौरान दिया। इस बात की जानकारी तुर्की राष्ट्रपति कार्यालय ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा की। ‘एक्स’ पोस्ट में कहा गया कि राष्ट्रपति एर्दोआगन ने ईरान पर इजराइल के हमलों के बाद उपजे संघर्ष को लेकर गहन राजनयिक प्रयास शुरू कर दिए हैं और उन्होंने क्षेत्र में हिंसा के दुष्चक्र को समाप्त करने के लिए प्रयास जारी रखने का संकल्प जताया है। एर्दोगन ने जोर देते हुए कहा कि, “इजराइल के हमले गाजा में चल रहे मानवीय संकट और नरसंहार की वास्तविकता को छिपाने का बहाना नहीं बन सकते।” उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि इन घटनाओं को समय रहते नहीं रोका गया, तो यह संघर्ष सीरिया को भी अपनी चपेट में ले सकता है। गौरतलब है कि गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से एर्दोगन नेतन्याहू और इजराइली नीतियों के मुखर आलोचक रहे हैं। वे अक्सर इजराइल को “आतंकी राष्ट्र” बताते आए हैं और नेतन्याहू की तुलना हिटलर से भी कर चुके हैं।
इजराइल सरकार ने 2,700 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया : ईरान और इजराइल के बीच जारी सैन्य संघर्ष के बीच इजराइल सरकार ने मंगलवार को बताया कि अब तक देशभर से कम से कम 2,725 नागरिकों को उनके घरों से सुरक्षित स्थानों पर निकाला गया है। यह कदम हालिया सैन्य हमलों के मद्देनजर उठाया गया है, जो शुक्रवार से लगातार जारी हैं। इजराइल सरकार ने युद्धग्रस्त इलाकों में नागरिकों को सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने के लिए आपातकालीन योजनाएं लागू की हैं। अधिकारियों के अनुसार, रेस्क्यू ऑपरेशन और मानवीय सहायता कार्यों में सेना और आपात सेवाएं पूरी मुस्तैदी से लगी हुई हैं। सरकारी प्रेस कार्यालय (जीपीओ) के अनुसार, इजराइल में अबतक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 647 से अधिक लोग घायल हैं, जिनमें से कम से कम 10 की हालत गंभीर बनी हुई है। यह संघर्ष शुक्रवार को उस समय शुरू हुआ जब इजराइल ने ईरान के खिलाफ अभूतपूर्व हवाई हमले किए, जिनका मुख्य निशाना ईरान का परमाणु कार्यक्रम और शीर्ष सैन्य अधिकारी थे। इसके जवाब में ईरान ने भी मिसाइल और ड्रोन हमलों से पलटवार किया। पांचवें दिन भी यह संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा।