ईरान की संसद में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी से नाता तोड़ने का विधेयक लाने पर विचार, होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने के पक्ष में मतदान

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Eksandeshlive Desk

तेहरान : ईरान की संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाकर कलीबाफ ने कहा कि इस समय संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी का गैरपेशेवर आचरण सामने आया है। इसके जवाब में अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के साथ तेहरान के सहयोग को निलंबित करने के लिए एक विधेयक लाने पर विचार किया रहा है। ईरान की समाचार एजेंसी मेहर की खबर के अनुसार कलीबाफ ने सोमवार को संसद के सत्र को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम शांति के लिए है। परमाणु हथियारों के निषेध पर इस्लामी क्रांति के नेता के धार्मिक फरमान पर संसद के अध्यक्ष ने कहा, “ईरान के पास गैर-शांतिपूर्ण गतिविधियों की कोई योजना नहीं है, लेकिन दुनिया ने स्पष्ट रूप से देखा है कि आईएईए ने अपनी किसी भी प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं किया है। वह एक राजनीतिक साधन बन गया है।” कलीबाफ ने कहा कि ईरानी संसद आईएईए के साथ ईरान के सहयोग को निलंबित करने के लिए एक विधेयक पारित करने पर विचार कर रही है। विधेयक में यह प्रावधान होगा कि जब तक संयुक्त राष्ट्र परमाणु एजेंसी के पेशेवर आचरण की ठोस गारंटी तेहरान को नहीं दी जाती तब तक आईएईए से नाता नहीं रखेगा। उन्होंने ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका के सैन्य हमलों की निंदा की। साथ ही इसे इजराइली शासन की विफलता के बाद ईरान के खिलाफ युद्ध में सीधे अमेरिका की भागीदारी बताई। उन्होंने कहा कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम निश्चित रूप से ऐसा जवाब देंगे जिससे डोनाल्ड ट्रंप को पछतावा होगा।

ईरान की संसद ने होर्मुज जलडमरूमध्य बंद करने के पक्ष में किया मतदान, वैश्विक तेल संकट की आशंका बढ़ी : अमेरिका द्वारा ईरान पर सैन्य हमले के जवाब में ईरान की संसद ने एक कड़ा कदम उठाते हुए दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण तेल मार्गों में से एक ‘होर्मुज जलडमरूमध्य’ को बंद करने के पक्ष में मतदान किया है। इस कदम ने वैश्विक बाजारों में बेचैनी बढ़ा दी है और कच्चे तेल की कीमतों में तेज उछाल की आशंका गहरा गई है। हालांकि यह मतदान बाध्यकारी नहीं है क्योंकि अंतिम निर्णय ईरान की सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल द्वारा लिया जाएगा, लेकिन यह संकेत अवश्य देता है कि तेहरान अब अपने जवाबी कदमों में नरमी नहीं बरतने वाला। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमलों के बाद पैदा हुआ तनाव अब वैश्विक ऊर्जा सुरक्षा को सीधे चुनौती दे रहा है। उस पर ईरानी सासंद के फैसले ने कच्चे तेल की कीमतों में 5 डॉलर तक की तत्काल वृद्धि की संभावना बढ़ा दी है। ऐसे में अगर यह समुद्री मार्ग बंद होता है, तो तेल कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से दुनियाभर में महंगाई और आर्थिक अस्थिरता फैल सकती है। यह हालात वैश्विक मंदी की ओर ले जा सकते हैं। बतादें कि ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत पहले ही शुक्रवार तक 77 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुकी थी, जो कि जून के मध्य से अब तक 10% की वृद्धि को दर्शाता है। जानकारों का कहना है कि रविवार देर रात (यूके समयानुसार) जब वैश्विक बाजार खुलेंगे, तब इसमें और उछाल आ सकता है। होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी से बाहर निकलने वाला प्रमुख मार्ग है, जहां से दुनिया की कुल तेल खपत का लगभग 20 फीसदी हिस्सा होकर गुजरता है। इस जलमार्ग की संभावित बंदी से न केवल कच्चे तेल की कीमतों में तेज वृद्धि होगी, बल्कि वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर भी गंभीर असर पड़ सकता है।