ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों से हिला इजराइल, रक्षामंत्री काट्ज ने खामेनेई को बताया आधुनिक हिटलर, ट्रंप पर सबकी निगाहें

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Eksandeshlive Desk

तेल अवीव/तेहरान/वाशिंगटन/काठमांडू : ईरान और इजराइल के बीच छिड़े सैन्य संघर्ष के सातवें दिन गुरुवार को दोनों देशों में भारी तबाही की खबरें हैं। ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले से इजराइल हिल गया है। ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइलों की नई लहर से कई शहरों पर तेज बमबारी की है। द टाइम्स ऑफ इजराइल अखबार की खबर के अनुसार मिसाइलों की लहर थमने के बाद इजराइल के रक्षामंत्री काट्ज ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। होलोन में काट्ज ने तबाही देखकर कहा कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई आधुनिक हिटलर हैं। उन्होंने कहा कि इस आदमी को खत्म करना युद्ध के लक्ष्यों के अनुरूप है। अस्पतालों और शहरों को निशाना बनाना ठीक नहीं है। इजराइल ने अभी तक ऐसा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि इजराइल डिफेंस फोर्जेज (आईडीएफ) ने कहा कि आईडीएफ ने ईरान के अराक रिएक्टर, परमाणु हथियार विकास स्थल और दर्जनों अन्य ठिकानों पर हमला किया है। मगर आईडीएफ ने आबादी और अस्पतालों को निशाना नहीं बनाया है। वहीं ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने घोषणा की है कि निशाना बनाए गए सोरोका मेडिकल सेंटर से मरीजों को देश भर के अन्य अस्पतालों में भेजना शुरू कर दिया गया है। सुबह ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल से सोरोका का बड़ा हिस्सा मलबे के ढेर में बदल गया है। इस बीच आईडीएफ ने कहा कि ईरान झूठ बोलता है। सोरोका को सैन्य सुविधा के रूप में इस्तेमाल किए जाने का ईरान का दावा पूरी तरह झूठा है।

ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले में सोरोका अस्पताल, इजराइल की बमबारी में अराक जल रिएक्टर को क्षति : ईरान और इजराइल के बीच छिड़े सैन्य संघर्ष के सातवें दिन दोनों की सरजमीं पर भारी तबाही हुई है। इजराइल का कहना है कि ईरान ने आज उसके आबादी वाले क्षेत्रों और अस्पतालों पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। ईरान ने कहा कि इजराइल ने सुबह उसके अराक भारी जल रिएक्टर पर बमबारी की है। अमेरिका के सीएनएन चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, इजराइली सैन्य अधिकारी ने कहा कि ईरान ने आज दर्जनों बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इनमें से कई मिसाइलें नागरिक इलाकों पर गिरीं। इससे दक्षिणी इजरायल के प्रमुख सोरोका अस्पताल सहित कई आबादी वाले इलाकों पर भारी क्षति हुई है। अधिकारी ने बताया कि इजराइल डिफेंस फोर्सेज होमफ्रंट कमांड सर्च एंड रेस्क्यू टीमों को प्रभावित जगहों पर भेजा गया है। इस अधिकारी ने कहा कि दक्षिणी इजराइली शहर बेयर-शेवा में एक और प्रमुख अस्पताल ईरानी हमलों में क्षतिग्रस्त हो गया। सोरोका मेडिकल सेंटर की प्रवक्ता ने कहा कि नुकसान का आकलन किया जा रहा है। इस हमले में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक क्षति हुई है। यह अस्पताल इजराइल के प्रमुख चिकित्सा केंद्रों में से एक है। इमारत का बड़ा हिस्सा मलबे के ढेर में बदल चुका है। इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा कि ईरानी मिसाइलों के ताजा हमले के बाद खोज और बचाव दल देश भर में कई स्थानों पर काम कर रहे हैं। इस हमले में तेल अवीव में एक बहुमंजिला इमारत क्षतिग्रस्त हो गई है। इस बीच ईरान ने कहा कि इजराइल ने आज उसके अराक भारी जल रिएक्टर पर बम बरसाए हैं। यह स्थान राजधानी तेहरान से लगभग 155 मील (250 किलोमीटर) दक्षिण-पश्चिम में है। यह एक परमाणु सुविधा केंद्र है। स्थानीय समयानुसार सुबह 6 बजे के आसपास सुविधा पर दो प्रोजेक्टाइल दागे गए। हालांकि गंभीर नुकसान नहीं हुआ है। इससे पहले इजराइल ने अराक के पास रहने वाले निवासियों को निकासी की चेतावनी जारी की थी। सनद रहे कि अराक भारी जल रिएक्टर अमेरिका और अन्य शक्तियों के साथ 2015 के परमाणु समझौते का केंद्र बिंदु था। इजराइल सात दिन के भीतर ईरान के नतांज और इस्फहान परमाणु सुविधा केंद्र पर हमला कर चुका है।

राष्ट्रपति ट्रंप ईरान पर हमले को तैयार, अंतिम निर्णय बाकी, अमेरिकी मीडिया का दावा : राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार रात ईरान पर हमले की योजना को मंजूरी दी है। उन्होंने इस बात पर अंतिम निर्णय नहीं लिया कि हमला किया जाए या नहीं। औपचारिक रूप से वह यह भी तय नहीं कर पाए हैं कि इजराइल के हवाई अभियान में शामिल हुआ जाए या नहीं। अमेरिका के ‘सीबीएस न्यूज’ चैनल ने अपनी 18 जून को प्रसारित रिपोर्ट में यह दावा एक वरिष्ठ खुफिया सूत्र और रक्षा विभाग के अधिकारी के हवाले से किया है। सीबीएस न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि अगर तेहरान अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने पर सहमत हो जाता है तो अमेरिका हमला नहीं करेगा। यह बात ट्रंप ने हमले की योजना को मंजूरी देते हुए कही। चैनल के अनुसार, यह खबर सबसे पहले द वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दी। व्हाइट हाउस ने इस पर टिप्पणी के अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया। सीबीएस न्यूज के अनुसार, ट्रंप ईरान के फोर्डो भूमिगत यूरेनियम संवर्धन सुविधा पर अमेरिकी हमले पर विचार कर रहे थे। पिछले सप्ताह के अंत में ईरानी परमाणु और सैन्य ठिकानों पर बमबारी शुरू करने के बाद से इजराइल ने अभी तक फोर्डो पर हमला नहीं किया है। ट्रंप ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने ईरान पर हमला करने के बारे में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा, “मैं अंतिम निर्णय समय से एक सेकंड पहले लेना पसंद करता हूं, क्योंकि चीजें बदलती रहती हैं, खासकर युद्ध के साथ।” उन्होंने बुधवार को पहले कहा, “मैं यह कर सकता हूं। मैं यह नहीं भी कर सकता। मेरा मतलब है, कोई नहीं जानता कि मैं क्या करने जा रहा हूं।” उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए एक समझौते पर बातचीत करे। ईरान ने बुधवार को कहा कि वह दबाव में बातचीत नहीं करता है। उसने कहा कि वह किसी भी खतरे का जवाब धमकी से देगा। एक वरिष्ठ अमेरिकी खुफिया अधिकारी और मामले की जानकारी रखने वाले पेंटागन अधिकारी के अनुसार, यदि अमेरिका इजराइली अभियान में शामिल होता है तो ईरान ने मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर हमले के लिए मिसाइल और उपकरण तैयार किए हैं। यूएस टुडे अखबार के अनुसार, पेंटागन के पास ईरान पर संभावित हमले के बाद की स्थिति संभालने के लिए कम से कम 40,000 सैनिक पहले से मध्य पूर्व में हैं। यह सैनिक इस समय बहरीन से लेकर सीरिया और बीच के स्थानों पर तैनात हैं। अगर अमेरिका ईरान की परमाणु सुविधाओं पर चल रहे हमले में इजरायल के साथ शामिल होता है, तो यह सैनिक ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों, ड्रोन या आतंकवाद से जुड़े जवाबी हमलों में मदद करेंगे।

ट्रंप ने की ईरान-इजराइल युद्ध की समीक्षा, इजराइल को अमेरिका के साथ आने की घड़ी का इंतजार : ईरान-इजराइल सैन्य टकराव आज सातवें दिन में प्रवेश कर गया। फिलहाल कोई शांति दूत इन दोनों को शांत नहीं करवा पा रहा। ईरान प्रतिशोध की आग में अब भी झुलस रहा है। इजराइल मोर्चे से पीछे हटता नहीं दिख रहा। उसे उम्मीद है कि अमेरिका जरूर उसके सैन्य अभियान में खुलकर शामिल होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम में अपने सैन्य रणनीतिकारों के साथ इस युद्ध की समीक्षा की है। उन्होंने संकेत दिया है कि अमेरिका कभी भी इजराइल के साथ युद्ध में खड़ा हो सकता है। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इंतजार कर रहे हैं कि वह घड़ी कब आएगी। ईरान के प्रमुख अखबार तेहरान टाइम्स के अनुसार, विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक्स पोस्ट पर कहा कि ईरान अपनी आत्मरक्षा के लिए किसी भी स्तर पर जा सकता है। उन्होंने कहा कि तेहरान ने कभी भी परमाणु हथियार बनाने की कोशिश नहीं की है और भविष्य में भी ऐसा नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि “अब, पूरी दुनिया को यह जान लेना चाहिए कि ईरान केवल अपना बचाव कर रहा है। ” अराघची ने कहा कि ईरान ने अभी तक इजराइल में आम लोगों को निशाना नहीं बनाया है। तेल अवीव ने सबसे पहले हमलाकर तेहरान को ललकारा। ईरान की न्यूज एजेंसी मेहर के अनुसार, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) ने कहा कि उसने इजराइली रक्षा प्रणालियों को नष्ट कर दिया है। साथ ही कहा कि अब बसने वालों को आश्रयों में धीरे-धीरे मरने या फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों से भागने के बीच चयन करना होगा। इजराइल के खिलाफ ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस III के 12वें चरण को शुरू करने के बाद बयान में कॉर्प्स ने कहा कि उसने पूरे कब्जे वाले फिलिस्तीन में इजराइली रक्षा प्रणालियों को नष्ट करने में सफलता प्राप्त की है। इसी के साथ कब्जे वाले क्षेत्रों का हवाई क्षेत्र ईरानी मिसाइलों और ड्रोनों को गले लगाने के लिए खुल गया है।

ऑस्ट्रेलिया ने इजराइल से लोगों को निकालना शुरू किया : अमेरिकी चैनल सीएनएन के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया ने इजराइल से लोगों को निकालना शुरू किया। उसने मध्य पूर्व में सहायता के लिए लगभग 3,000 लोगों को पंजीकृत किया है। साथ ही ऑस्ट्रेलिया ने ईरान से किसी भी परमाणु हथियार कार्यक्रम को रोकने के लिए अपना आह्वान दोहराया है। विदेशमंत्री पेनी वोंग ने गुरुवार को कैनबरा में संवाददाताओं से कहा कि ऑस्ट्रेलिया इजराइल से जमीन के रास्ते एक छोटे समूह को निकालने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। वहीं सीएनएन की खबर के अनुसार, इजराइल ने पश्चिमी ईरान के अराक और खोंडब के कुछ हिस्सों के निवासियों के लिए निकासी की चेतावनी जारी की है। इजराइली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने गुरुवार सुबह पश्चिमी ईरान के अराक और खोंडब में रहने वाले निवासियों को निकासी की चेतावनी जारी की। आईडीएफ के फारसी चैनल के बयान में कहा कि इस क्षेत्र के लोग जल्द से जल्द इलाके को खालीकर चले जाएं। बयान में कहा गया है कि यहां ईरान का परमाणु सुविधा केंद्र है। उस पर कभी भी हमला हो सकता है। सीएनएन की खबर के अनुसार, अमेरिका में इजराइल के राजदूत येचिएल लीटर ने कहा कि इजरायल को न केवल ईरान की परमाणु हथियार बनाने की क्षमता को खत्म करना चाहिए, बल्कि बैलिस्टिक मिसाइल बनाने की उसकी क्षमता को भी खत्म करना चाहिए। कोम शहर के पास एक पहाड़ के नीचे दबे ईरान के फोर्डो परमाणु संवर्धन स्थल को नष्ट करने की इजराइल की क्षमता के बारे में पूछे जाने पर लीटर ने कहा, “इसके लिए कई हमलों की आवश्यकता हो सकती है। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने स्थानीय समयानुसार सुबह 4 बजे से ठीक पहले टेलीग्राम पर पोस्ट किया। इसमें कहा गया है कि तेहरान के ऊपर वायु रक्षा प्रणाली सक्रिय कर दी गई है। ईरान की राजधानी तेहरान के आसपास के स्थानों पर अब इजराइल के लिए हमला करना आसान नहीं होगा। ईरान के उप विदेश मंत्री माजिद तख्त रवांची ने कहा कि हम आत्मरक्षा के लिए काम कर रहे हैं।

ईरान पर इजराइली हमले : इजराइल ने कहा कि उसने ईरान की मिसाइल निर्माण क्षमताओं को निशाना बनाया और तेहरान में 20 से अधिक सैन्य स्थलों को निशाना बनाकर तीव्र हमले किए हैं। एक इजरायली सैन्य अधिकारी के अनुसार, ईरान के राष्ट्रीय पुलिस मुख्यालय पर सटीक निशाना लगाया गया है। ईरान ने कहा है कि उसने इजराइल की ओर सेजिल-2 ठोस ईंधन वाली मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने एक बयान में कहा कि ईरान में इंटरनेट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। पूरे देश में इंटरनेट एक्सेस पर राष्ट्रव्यापी अस्थायी प्रतिबंध लगाया गया है। यह कदम सूचना और संचार प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए उठाया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के लिए हमले की योजनाओं की समीक्षा की है। ये योजनाएं उन विकल्पों में से थीं, जिन पर राष्ट्रपति के सैन्य सलाहकारों ने इस सप्ताह सिचुएशन रूम में उनके साथ चर्चा की। ट्रंप ने कहा कि मुझे मालूम है कि क्या करना है, लेकिन उन्होंने कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया है। वह युद्ध में एक सेकंड पहले अंतिम निर्णय लेना पसंद करते हैं।

अमेरिका ने कुछ दूतावास कर्मियों और परिवार के सदस्यों को सैन्य विमान से इजराइल से निकाला : इजराइल और ईरान संघर्ष के बीच अमेरिका ने बुधवार को इजराइल में तैनात कुछ दूतावास कर्मियों और उनके परिवारजनों को अमेरिकी सैन्य विमान के जरिए वहां से निकाला है। यह जानकारी अमेरिकी मीडिया की एक रिपोर्ट से मिली है। हालांकि, अमेरिकी दूतावास को पूरी तरह खाली करने का कोई आदेश फिलहाल जारी नहीं किया गया है और राजनयिकों या उनके परिजनों को अनिवार्य रूप से देश छोड़ने के लिए बाध्य नहीं किया गया है। यह निकासी “स्वैच्छिक अधिकृत प्रस्थान” नीति के तहत की गई, जो पिछले सप्ताहांत से लागू है। जानकारी के मुताबिक कुछ अमेरिकी नागरिक स्थलीय मार्ग से जॉर्डन के रास्ते भी देश छोड़ चुके हैं।अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने बताया कि “चालू हालात को देखते हुए और दूतावास के अधिकृत प्रस्थान स्थिति के तहत मिशन के कर्मचारी विभिन्न माध्यमों से इजराइल से प्रस्थान कर रहे हैं।” इससे पहले, अमेरिकी राजदूत माइक हकाबी ने बुधवार को कहा था कि अमेरिका उन नागरिकों के लिए विमानों और क्रूज जहाजों के माध्यम से निकासी की व्यवस्था कर रहा है, जो इजराइल छोड़ना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि ईरान और इजराइल के बीच चल रहे सैन्य संघर्ष के चलते इजराइल में सुरक्षा स्थिति तेजी से बिगड़ी है। अमेरिका पहले ही अपने नागरिकों को एसटीईपी (स्मार्ट ट्रेवलर इनरोलमेंट प्रोग्राम) के माध्यम से अलर्ट पर रहने और पंजीकरण करने की सलाह दे चुका है।

ईरान और इजरायल सहित मध्य पूर्व देशों के लिए नेपाल ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी : नेपाल के विदेश मंत्रालय ने इजरायल, ईरान सहित मध्य पूर्व के खाड़ी देशों में रहने वाले नेपाली नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवायजरी जारी करते हुए उन्हें सतर्क रहने का आग्रह किया है। एडवाइजरी में उन नेपाली नागरिकों को आगाह किया गया है, जो रोजगार के लिए इज़राइल, ईरान या मध्य पूर्व के अन्य देशों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं। मंत्रालय ने नेपाली नागरिकों से विदेशी रोजगार या अन्य उद्देश्यों के लिए इजरायल और ईरान की यात्रा करने से परहेज करने का आग्रह किया है। अपने नागरिकों से वर्तमान परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए यात्राएं न करने की सलाह दी गई है। परामर्श में यह भी कहा गया है कि इजरायल और ईरान के अलावा मध्य पूर्व के अन्य देशों की यात्रा करने की तैयारी कर रहे नेपाली नागरिकों को यात्राओं या विदेशी रोजगार या अन्य उद्देश्यों के लिए ऐसी यात्राओं को तब तक स्थगित करना चाहिए, जब तक कि वर्तमान अस्थिर स्थिति बनी हुई है। नेपाल सरकार ने कहा है कि वह स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है और वर्तमान में वहां रहने वाले नेपाली नागरिको की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों देशों के दूतावासों को निर्देश दे चुकी है। मंत्रालय के अनुसार वहां रहने वाले नेपाली नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी। मंत्रालय ने कहा है कि इज़राइल और ईरान के बीच हवाई मार्गों के बंद होने के कारण स्वेच्छा से नेपाल लौटने के इच्छुक नेपाली नागरिकों को किसी तीसरे देश के लिए ‘पारगमन वीजा’ दिलाने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे। मंत्रालय ने इजरायल और ईरान में रहने वाले नेपाली नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे आवश्यक आवाजाही को छोड़कर सुरक्षा सावधानियां अपनाएं और घर के अंदर रहें। उनसे यह भी अनुरोध किया गया है कि वे इजरायली अधिकारियों की सुरक्षा सलाह का लगातार पालन करें और उसे अपनाएं। मंत्रालय ने नेपाली समुदाय को नेपाली दूतावास के नियमित संपर्क में रहने, आपात स्थिति में विदेश मंत्रालय, वाणिज्य दूतावास विभाग और नेपाली दूतावास की वेबसाइटों पर उपलब्ध ‘ऑनलाइन लिंक’ के माध्यम से अपना विवरण पंजीकृत करने की सलाह दी है।

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