एफटीए में डेयरी, एमएसएमई क्षेत्रों के हितों का लगातार ध्यान रख रहा है भारत : पीयूष गोयल

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पीयूष गोयल और न्यूजीलैंड के प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन ने एक-दूसरे को गले लगाया

Eksandeshlive Desk

नई दिल्‍ली : न्यूजीलैंड की चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर वेलिंगटन पहुंचे केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को ऑकलैंड में भारत-न्यूजीलैंड व्यापार मंच को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत अपने मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) में डेयरी और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम (एमएसएमई) जैसे संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की लगातार सुरक्षा करता है।उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों ने व्यापार समझौते में एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करने पर सहमति जताई है। भारत-न्यूजीलैंड व्यापार मंच पर मेरे समकक्ष टॉड मैक्ले के साथ बातचीत बहुत अच्छी रही। गोयल ने कहा कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच प्रस्तावित एफटीए पर जारी वार्ता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इस समय दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी चौथे दौर की बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी डेयरी, किसानों और एमएसएमई के हितों से समझौता नहीं करता है। हम हमेशा इन संवेदनशील क्षेत्रों के हितों की सुरक्षा करते हैं।

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बहुत अच्छी बातचीत चल रही है। उन्‍होंने कहा कि लगातार बातचीत चल रही है। वाणिज्‍य मंत्री ने कहा कि कई संवेदनशील मुद्दे हैं, गंभीर मुद्दे हैं, स्वाभाविक है कि थोड़ा समय लगता है।वाणिज्‍य मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी या कृषि क्षेत्र में साझेदार देश को शुल्क रियायत नहीं दी है। उन्होंने कहा कि हम ऐसे मुद्दों को नहीं छूते हैं। हम एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं। एफटीए वार्ता के अगले चरणों को लेकर पूछे गए सवाल पर वाणिज्य मंत्री ने कहा कि हो सकता है कि हमें बहुत अधिक चरणों की जरूरत न पड़े। इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति पहले ही हो चुकी है। व्यापार समझौते की दिशा में ठोस चर्चा चल रही है। न्‍यूजीलैंड की चार दिवसीय आधिकारिक दौरे पर एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे गोयल ने कहा कि भारत-न्यूजीलैंड के बीच रक्षा, कृषि, अंतरिक्ष, शिक्षा और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग की बड़ी संभावनाएं हैं। हालांकि, उन्होंने संकेत दिया कि भारत कृषि प्रौद्योगिकी, खासकर डेयरी मशीनरी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसर देख सकता है।

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