Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : संसद के दोनों सदनों में बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर विपक्ष के हंगामे के कारण शुक्रवार को कोई कामकाज नहीं हो सका और एक-एक बार के स्थगन के बाद कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे के कारण कार्यवाही पहले 12 बजे तक और फिर सोमवार सुबह 11 बजे तक लिए स्थगित कर दी गयी। दूसरी ओर लोकसभा में कार्यवाही पहले 2 बजे और बाद में सोमवार के लिए स्थगित कर दी गई। राज्यसभा में पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही बिहार के संदर्भ में एसआईआर को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया। इस बीच आम आदमी पार्टी के सदस्य अशोक कुमार मित्तल ने अस्पतालों में भीड़ का मुद्दा उठाया। हंगामा फिर भी नहीं थमा।
इसके बाद सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। सदन की कार्यवाही 12 बजे दोबारा शुरू होने पर भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा। पीठासीन अधिकारी घनश्याम तिवाड़ी ने प्रश्नकाल को शुरुआत की । पहले प्रश्न के उत्तर में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जवाब के लिए उठे लेकिन हंगामे के कारण कार्यवाही चल नहीं सकी, जिसके बाद कार्यवाही सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा में अध्यक्ष ओम बिरला ने पूर्वाह्न 11 बजे कार्यवाही शुरु होते ही विपक्ष के शोर-शराबे और तख्तियां लेकर आने पर आपत्ति जताई। बिरला ने सदस्यों से प्रश्नकाल को चलने देने का आग्रह किया लेकिन हंगामा जारी रहा जिसके बाद कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। अपराह्न दो बजे कार्यवाही दोबारा शुरु होने पर सरकार ने गोवा राज्य विधानसभा के निर्वाचन क्षेत्रों में अनुसूचित जनजातियों के प्रतिनिधित्व का समायोजन विधेयक, 2024 चर्चा के लिए पेश किया। लेकिन विपक्ष का हंगामा जारी रहा। इस पर संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने विपक्ष पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) विरोधी होने के आरोप लगाया। शोर शराबा जारी रहने पर पीठासीन अधिकारी कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने कार्यवाही को सोमवार के लिए स्थगित कर दिया।