एसपी ने 48 लाख रूपयों का चेक चालक राम रतन सिंह के आश्रितों को दिया

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Eksandesh Desk

लोहरदगा: गुरूवार को लोहरदगा पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एसपी हारिश बिना जमां ने प्रेसवार्ता में बताया कि चालक राम रतन सिंह (मृत) की पत्नी सविता देवी एवं आश्रित बच्ची को मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम केस में माननीय न्यायालय से प्राप्त 46 लाख रूपये का चेक प्रदान किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक हारिस बिन जमां ने सविता देवी और उनके चारों बच्चों को न्यायालय द्वारा प्राप्त चेक प्रदान किया और उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामना दी। उन्होंने कहा कि कार्यालय के विधि सलाहकार सह अधिवक्ता विवेक कुमार की सराहना करते हुए कहा कि श्री कुमार सीपे गए दायित्वों का निर्वाह काफी लगन और तत्परता के साथ करते हैं। माननीय उच्च न्यायालय में लंबित कई बाद श्री कुमार की मेहनत और बुद्धिमता से इस कार्यालय के पक्ष में निष्पादित किए गए हैं। आज 48 लाख रूपयों का चेक चालक राम रतन सिंह के आश्रितों का मिल सका है यह उनके प्रयास के कारण संभव हुआ है।
विदित हो कि दिनांक 18.05.2019 को रात्रि लगभग 11 बजे तत्कालीन पुलिस अधीक्षक प्रियदर्शी आलोक के साथ स्कार्पियो वाहन नं. JH01CV 2667 से राची से लोहरदगा लौटते समय चालक राम रतन सिंह की वाहन दुर्घटना में मृत्यु हो गयी थी। उक्त स्कार्पियों के आगे एक 407 गाड़ी सं० JH01L 3698 तेजी व लापरवाडी से बल रही थी जिसपर लदे हुए लोहे के एंगल रॉड गाड़ी के डल्ला से बाहर निकले हुए थे। विलिवर्स चर्च टिकरा टोली नगड़ी के पास 407 गाड़ी का चालक अचानक बिना इंडीकेटर लाईट दिए ब्रेक मारते हुए अपनी गाड़ी दाहिनी ओर मोड़ दिया जिसको कारण उक्त गाड़ी में लदा डल्ला से बाहर निकला हुआ एगल रॉड स्कार्पियो गाड़ी के आगे दाहिनी तरफ की बॉडी को छेदते हुए चालक रामरतन सिंह के दाहिने सीने में धस गया और वह गंभीर रूप से जख्मी हो गये। इलाज के क्रम में चालक रामरतन सिंह की मृत्यु रिम्स रांची में हो गयी थी।तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार पुलिस अधीक्षक कार्यालय के विधि सलाहकार अधिवक्ता विवेक कुमार के द्वारा माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह मोटर वाहन दुर्घटना क्लेम ट्रिब्यूनल लोहरदगा में वाहन मालिक एवं बजाज एलाइज इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध एम.ए.सी.सी. केस नं० 72/2019 दायर किया गया। उक्त केस का विचारण लगभग समाप्त हो चुका था जिसमें दिनांक 13.07.2024 को राष्ट्रीय लोक अदालत में इंश्योरेंस कंपनी ने सुलह के आधार पर दावाकर्ता को 48 लाख रूपये चेक निर्गत किया है।