फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 से 25 तक चलाया जायेगा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम

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Eksandesh desk

कोडरमा: फाइलेरिया उन्मूलन के लिए 10 से 25 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम चलाया जायेगा। 10 फरवरी को जिले के 759 बूथों पर 1518 दवा प्रशासक द्वारा 8 लाख से अधिक लोगों को अपने सामने दवा खिलाने का लक्ष्य है। इस अभियान की सफलता के लिए 98 सुपरवाइजर भी क्रियाशील रहेंगे। वहीं छूटे हुए लोगों को 11 से 25 फरवरी तक दवा प्रशासक घर-घर जाकर अपने सामने डीइसी व एल्बेंडाजोल की खुराक खिलायेंगे। उक्त जानकारी उपायुक्त श्रीमती मेघा भारद्वाज ने दी। उपायुक्त महोदया की अध्यक्षता में  मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम को लेकर जिला समन्वय समिति की बैठक संपन्न हुई और आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये।

कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर उपायुक्त मेघा भारद्वाज ने कहा कि मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन केंद्र एवं राज्य सरकार की प्राथमिकता है, शत प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करें। अधिक से अधिक लोगों को दवा का सेवन कराने के लिए पोस्टर बैनर लगाकर लोगों को जागरूक करें। उन्होंने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जिले के सभी लोगों से दवा लेने की अपील की। बैठक के समापन से पूर्व उपायुक्त ने सभी को जिले को फाइलेरिया मुक्त करने की शपथ दिलायी। 

जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिले के 669 गांव में 759 बूथों पर दवा प्रशंसकों द्वारा पर्यवेक्षकों की देखरेख में 8,38,258 लोगों को दवा खिलाई जायेगी। अभियान के दौरान सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व हेल्थ सब सेंटर, सदर अस्पताल पर लोगों को दवा खिलायी जायेगी। एक से दो साल तक के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली (200 एमजी) पानी में घोलकर, दो से पांच वर्ष तक को डीइसी की एक गोली (100 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली (400 एमजी), 6 वर्ष से 14 वर्ष तक डीइसी की दो गोली (200 एमजी), एल्बेंडाजोल की एक गोली, 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को डीइसी की तीन गोली 300 (एमजी) व एल्बेंडाजोल की एक गोली खिलायी जायेगी। जबकि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं व अत्यंत वृद्ध एवं गंभीर बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं दी जायेगी। किसी को भी खाली पेट यह दवा नहीं खानी है। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक वेक्टर जनित लाइलाज व दूसरी सबसे बड़ी दिव्यांगता पैदा करने वाली बीमारी है। यह गंदे पानी में पनपने वाले संक्रमित मादा क्युलेक्स मच्छर के काटने से फैलती है। यह जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन इसे शरीर में विकृति पैदा होती है। इस रोग से बचने के लिए सभी व्यक्तियों को दवा का सेवन करना आवश्यक है।

बैठक में मुख्य रूप से जिला समाज कल्याण पदाधिकारी कनक कुमारी तिर्की, जिला शिक्षा पदाधिकारी अविनाश राम, जिला शिक्षा अधीक्षक अजय कुमार, जिला कुष्ठ निवारण पदाधिकारी डॉ रमण, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी समेत अन्य मौजूद रहे।