गाजा पर दोहा वार्ता संकट में, अमेरिका और इजराइल ने अधिकारियों को वापस बुलाया

INTERNATIONAL

Eksandeshlive Desk

दोहा/ कैनबरा/वाशिंगटन : गाजा पट्टी में युद्धविराम पर कतर की राजधानी दोहा में चल रही वार्ता बिना किसी परिणाम के बीच में खत्म हो गई। संयुक्त राज्य अमेरिका और इजराइल ने दोहा से अपनी वार्ता टीम को वापस बुला लिया है। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ ने कहा कि हमास प्रतिक्रिया से वह निराश हैं। सीएनएन की खबर के अनुसार, विटकॉफ ने कहा कि अमेरिका अब बंधकों को वापस लाने के वैकल्पिक विकल्पों पर विचार करेगा। साथ ही गाजा के लोगों के लिए स्थिर वातावरण तैयार करने का प्रयास करेगा। हमास के साथ संभावित अस्थायी युद्धविराम के बारे में परामर्श के लिए इटली पहुंचे विटकॉफ ने कहा कि मध्यस्थों ने बहुतेरे प्रयास किए, लेकिन हमास का रवैया समन्वय या सद्भावना के विपरीत है। उन्होंने कहा कि बावजूद इसके हम संघर्ष को समाप्त करने और गाजा में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए दृढ़ हैं। हमास के हठधर्मी रवैया की वजह से इजराइल ने भी कतर की राजधानी से अपनी वार्ता टीम को भी वापस बुला लिया।

ऑस्ट्रेलिया ने इजराइल को मानवीयता की दुहाई दी : इस बीच, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने शुक्रवार को इजराइल से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने और गाजा में खाद्य सामग्री पहुंचाने की अनुमति देने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि गाजा मानवीय आपदा की चपेट में है। इसलिए इजराइल संयुक्त राष्ट्र और गैरसरकारी संगठनों को बिना किसी बाधा के काम करने की अनुमति दे। फिलिस्तीनी आबादी के जबरन विस्थापन को रोका जाए। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया को इजराइल का समर्थन करने पर गर्व है, लेकिन गाजा के लोगों की स्थिति को अनदेखा नहीं किया जा सकता। इस टिप्पणी के बाद इजराइल ने कहा कि गाजा में खाद्यान की कमी नहीं है। हमास पर खाद्यान्न की कमी का भ्रम फैला रहा है। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने अपनी टिप्पणी में आतंकवादी समूह हमास की क्रूरता की निंदा करते हुए शेष बंधकों को रिहा करने की मांग दोहराई।

अमेरिका ने मैक्रों की घोषणा को खारिज किया : अमेरिका के विदेशमंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका संयुक्त राष्ट्र महासभा में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने की फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की घोषणा को कड़ाई से खारिज करता है। रुबियो ने एक्स पर लिखा, “यह लापरवाही भरा फैसला हमास के दुष्प्रचार को बढ़ावा देता है और शांति को बाधित करता है। यह 7 अक्टूबर के पीड़ितों के मुंह पर एक तमाचा है।” इजराइली अधिकारियों ने भी मैक्रों की इस घोषणा का कड़ा विरोध किया है।

Spread the love