गंभीर कांड के अनुसंधानकर्ताओं से ई-साक्ष्य ऐप का उपयोग अनिवार्य रूप से कराया जाए…समीक्षा बैठक में एडीजी प्रशिक्षण व आधुनिकीकरण का निर्देश

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Eksandeshlive Desk

रांची : एडीजी प्रशिक्षण एवं आधुनिकीकरण सुमन गुप्ता ने मंगलवार को ई साक्ष्य ऐप को लेकर पुलिस मुख्यालय में समीक्षा बैठक की। बैठक में सभी जोनल आईजी, डीआईजी, और जिलों के एसएसपी, एसपी वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से शामिल हुए। इसमें एडीजी गुप्ता ने ई-साक्ष्य ऐप के उपयोग से संबंधित विषय और स्थिति की समीक्षा की गई। इसके अलावा आपराधिक कानून में प्रावधानित अपराध दृश्य, घटनास्थल, तलाशी और जब्ती प्रक्रिया और वादी एवं साक्षियों के बयान को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से रिकॉर्ड किये जाने और ई-साक्ष्य ऐप पर अपलोड करने पर समीक्षा हुई।

समीक्षा में एडीजी ने अनुसंधान के मद्देनजर सभी जिलों के सभी एसपी को इस तथ्य से अवगत कराया कि जिस कांड में सात साल से अधिक का सजा का प्रावधान है, उस कांड की विशेष रूप से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी के लिए शत प्रतिशत अनुसंधानकर्ताओं को ई-साक्ष्य ऐप का उपयोग अनिवार्य रूप से कराया जाए। साथ ही एडीजी ने हिदायत दी कि अनुसंधान में वांछित वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं होने से भविष्य में कोर्ट द्वारा कोई प्रतिकूल टिप्पणी की जाती है या अनुसंधान को खारिज किया जाता है, या फिर झूठा होने का निर्णय दिया जाता है। तो ऐसे में इसकी पूरी जिम्मेदारी कांड के अनुसंधानकर्ता पर होगी। बैठक में कार्तिक एस, संध्या रानी मेहता, राजीव कुमार सिन्हा, अनुप रंजन, संदीप कौशिक सहित अन्य शामिल थे।

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