गौ क्षेत्र में उभरती चुनौतियां व संभावनाएं को लेकर कार्यशाला 19 को

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रांची: झारखंड गौ सेवा आयोग के तत्वावधान में पारिस्थतिकी संतुलन एवं आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य में गो सेवा के क्षेत्र में उभरती चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की जा रही है जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से वक्ता एवं प्रतिनिधि भाग लेने वाले हैं। उक्त बातें गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने सोमवार को प्रेस क्लब में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा । उन्होंने कहा कि आगामी 19 जून एवं 20 जून 2025 को यह कार्यशाला गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन के दृष्टिकोण से झारखंड राज्य में नीति निर्धारण के दिशा में मिल का पत्थर साबित होगी। इस दो दिवसीय कार्यशाला के मंथन से निकलने वाले सकारात्मक विचारों से भविष्य में हमारी गौशालायें आत्मनिर्भर बनेंगी। उन्होंने कहा की गाय हमारी संस्कृति में केवल एक पशु नहीं, बल्कि एक पोषक माता के रूप में पूजनीय रही है। उसके दूध से पोषण, गोबर से ईंधन और जैविक खेती, तथा मूत्र से आयुर्वेदिक औषधियों का निर्माण किया जाता है जिससे यह प्रमाणित होता है कि हमारी भौतिक, आध्यात्मिक एवं संस्कार निर्माण में गोमाता का योगदान अद्वितीय है। आप सभी इस बात से अवगत हैं कि आज की इस भागती दौड़ती जिन्दगी एवं 21वीं सदी के आम जनमानस में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में, बढ़ते हुए शहरीकरण एवं बदलती खान-पान की शैली एवं संस्कार में कहीं न कहीं हमारी गो सेवा की भावना पीछे छूट जा रही है। शहरों में बढ़ती दूध की मांग, मिलावटी व्यापार के कारण हमारी स्वदेशी नस्ल की गोमाताएं औद्योगिकीकरण की धारा से पीछे छूट गई है। नतीजतन आम जन-जीवन के स्वास्थ्य में गिरावट, शहरीकरण से संबधित स्वास्थ्य समस्या यथा थायरायड, बी पी, शूगर की समस्या अब हर घर की समस्या बन गई है। गो सेवा आयोग के वर्तमान कार्यकाल में गौशालाओं की बैठकों एवं लगातार सभी जिलों के भ्रमण क्रम में चुनौतियों को पाया जो निम्नलिखित हैं और इसको लेकर कार्य अवश्यक हैं।उन्होंने अनेको समस्याओं को अवगत कराया। नई पीढ़ी में गौसेवा को लेकर जागरूकता की कमी है। जरूरत है इस परंपरा को नवाचार के साथ जोड़ने की।ं सब विषयों को केंद्र विंदु मान कर झारखण्ड गो सेवा आयोग के द्वारा कार्यशाला आयोजन का बीड़ा उठाया गया है। जिसमें संभावनाओं पर चर्चा की जा सके। नए स्टार्टअप, जैविक खेती, गोमूत्र, गोबर प्रसंस्करित उद्योग आज समय की मांग है।
इन विषयों पर विस्तृत चर्चा एवं नई संभावनाओं की तलाश हेतु कार्यशाला में देश भर से प्रतिनिधियों के भाग लिए जाने की सहमती मिल चुकी है।
झारखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने बताया की इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के द्वारा 19 जून को जाएगा उद्घाटन सत्र में विभागीय सचिव अबु बकर सिद्दिकी एवं निदेशक पशुपालन रण पासी भी शामिल रहेंगी। संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजू गिरी ने बताया कि पूर्ववर्ती सरकारों की उपेक्षा के कारण एवं गौ माताओं के संरक्षण के नाम पर सिर्फ राजनीति लाभ लेने की प्रवृत्ति से ये सारे कार्य उपेक्षित रहे वर्तमान सत्ताधारी गठबंधन की संवेदनशीलता एवं ा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदर्शिता का परिणाम है कि आज आयोग की पहचान सिर्फ अनुदान देनेवाली संस्था के स्थान पर राज्य के समग्र विकास में सहभागिता निभाने वाली संस्था के रुप में बनी है। हमें पूरी उम्मीद है की इस दो दिवसीय मंथन से जरूर अमृत निकलेगा जिसका लाभ राज्य को मिलेगा और इस राज्य की पहचान गौ संरक्षक एवं गौ संवर्धक राज्य के रुप में होगी।