नागालैंड : गुवाहाटी हाई कोर्ट ने कुत्ते की मीट पर लगा बैन हटाया, जानिए क्या था पूरा मामला

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भारत के उत्तर पूर्व में एक राज्य है, जिसका नाम है नागालैंड. नागालैंड की जनजातियां अभी भी कुत्ते के मांस को खाना बेहद पसंद करती है. वो इसे औषधि मानते हैं. लेकिन नागालैंड की राज्य सरकार ने डॉग मीट पर जुलाई 2020 में बैन लगा दिया था. जिसके लगभग 35 महीने बाद 2 जून, 2023 को गुवाहाटी हाई कोर्ट की कोहिमा बेंच ने राज्य सरकार के फैसले को पलट दिया. कोर्ट ने कहा नगालैंड में डॉग मीट पर लगे सभी तरह के प्रतिबंध हटा दिए हैं. इस आदेश के बाद अब नागालैंड की बाजारों से लेकर रेस्टोरेंट तक में कुत्तों की मीट मिलेगी. वहीं, गुवाहाटी हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद व्यापारियों में खुशी है तो डॉग लवर्स ने चिंता जाहिर की है.

कोर्ट कैसे पहुंचा मामला?

दरअसल, साल 2020 में राज्य सरकार की ओर से लाइसेंस प्राप्त तीन व्यापारियों पर बैन लगा दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने राज्य सरकार के आदेश पर नवंबर 2020 में स्टे लगा दिया. कोर्ट ने कहा था कि नागालेंड के लोगों के बीच कुत्ते का मांस खाना काफी प्रसिद्ध और स्वीकार्य भी है, ऐसे में इस पर बैन लगाना सही नहीं होगा. बता दें कि राज्य के सभी लोग कुत्ते का मीट नहीं खाते है. इसमें बहुत प्रोटीन होता है, इसलिए प्रेग्नेंट महिलाएं,  कैंसर के मरीज, इलाज करवा रहे या ऑपरेशन करवा चुके लोग इसे खाते हैं, ऐसा माना जाता है कि इसके सूप में बहुत ताकत होती है.

राज्य सरकार ने इस वजह से किया था बैन

राज्य में कुत्तों के मांस खाने वालों की संख्या अच्छी खासी है  फिर भी इसे बैन करने की मांग क्यों उठी और राज्य सरकार ने बैन करने का फैसला क्यों लिया. दरअसल, मीट बेचने के खिलाफ कई एनिमल वेलफेयर एक्टिविस्ट खड़े हो गए और मामला हाई कोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा. जिसके बाद राज्य सरकार ने बैन का फैसला लिया था.