गोरखा में पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र का भव्य स्वागत, राजसंस्था के समर्थन के प्रति जनलहर का अद्भुत प्रवाह

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Ashutosh Jha

काठमांडू : पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह शनिवार को गोरखा में बाबा गोरखनाथ और गोरखकाली माता की पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे, जहां स्थानीय जनता ने उनका भव्य स्वागत किया। राजा ज्ञानेन्द्र के समर्थन में उमड़े जनसैलाब ने “राजा आओ, देश बचाओ” के नारे लगाते हुए उत्साहपूर्वक उनका अभिनंदन किया। गोरखा पहुंचने के बाद पूर्व राजा ने पत्रकारों से संक्षिप्त बातचीत में अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने कहा, “गोरखा आकर मुझे खुशी हुई। यह मेरा जन्मस्थान नहीं है, लेकिन मेरे पूर्वजों की भूमि है। यहां आकर सभी से मिलकर अच्छा लगा। इस समय देश को शांति की आवश्यकता है। कोई भी किसी का बुरा न चाहे, केवल भलाई की कामना करे। कोई भी अच्छे कार्य करने से डरे नहीं। मेरी प्रार्थना है कि देश में शांति बनी रहे, विकास हो, सुख-समृद्धि हो।”

राजसंस्था के प्रति जनता का समर्थन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। जहां-जहां राजा ज्ञानेन्द्र जाते हैं, वहां हजारों की संख्या में लोग स्वतःस्फूर्त रूप से उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ते हैं। पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र कल गोरखा के प्रसिद्ध मनोकामना मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना करेंगे, इस बारे में जानकारी विश्व हिंदू महासंघ अंतरराष्ट्रीय समिति की अध्यक्ष अस्मिता भण्डारी ने दी। भण्डारी ने यह भी बताया कि राजा ज्ञानेन्द्र को गोरखा जाने के क्रम में मेलखु और आबु खैरहनी में भव्य स्वागत किया गया, स्थानीय लोगों ने अपने घर के सामने राजा ज्ञानेन्द्र के स्वागत में नये कलश स्थापित किये थे। पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र की हालिया यात्राओं से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि जनता का झुकाव फिर से राजसंस्था की ओर बढ़ रहा है। गोरखा में उनके प्रति दिखे जनसमर्थन और उत्साह ने देश में एक बार फिर से राजसंस्था की बहस को तेज कर दिया है।