गुरु गोविंद सिंह पार्क अतिक्रमण मुक्त, गेट पर जड़ा गया ताला

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सिख समाज बोला, “पार्क समाज की सेवा के लिए, किसी निजी स्वार्थ के लिए नहीं,

हजारीबाग: शहर के बीचों-बीच स्थित ऐतिहासिक गुरु गोविंद सिंह पार्क में सिख समाज द्वारा गठित पार्क संचालन को नई समिति के आवेदन पर रविवार को प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की। पिछले 18 साल से भी अधिक समय से चल रहे पौध शाला को खाली करा दिया गया। आरोप था कि पौधशाला के आड़ में अवैध गतिविधिया संचालित की जा रही थी और निजी उपयोग किया जा रहा था। शिकायतों के बाद प्रशासन ने पुलिस बल की उपस्थिति में पार्क को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त कराया और मुख्य द्वार पर ताला जड़ दिया। कार्यवाही के दौरान बड़ी संख्या में सिख समाज से जुड़े लोग एकत्रित थे। इस दौरान पुलिस की कार्रवाई से प्रसन्न लोगों ने “वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतेह” के जयकारे लगाए। जानकारी के अनुसार करीब दो दशक से यह पार्क वीरेंद्र मेहता को पौधारोपण और देखरेख के लिए नगर प्रशासन द्वारा सौंपा गया था।  लेकिन बीते कुछ समय से यहां गैरकानूनी गतिविधियों और निजी उपयोग की शिकायतें मिलने लगी थीं।  इस पर प्रशासन ने करीब 10 दिन पहले ही नोटिस जारी कर पार्क को खाली करने का निर्देश दिया था। निर्धारित समयसीमा के अनुसार आज दोपहर 1 बजे तक पार्क खाली करने को कहा गया था, लेकिन, संचालक ने खाली नहीं किया। आरोप है कि संचालक खाली करने की जगह पार्क का गेट अंदर से बंद कर दिया था। इस पर प्रशासनिक टीम ने पुलिस की मदद से गेट तोड़कर प्रवेश किया और पूरे परिसर को खाली कराया। कार्रवाई के दौरान एसडीओ, नगर प्रशासन, पुलिस बल और सिख समाज से जुड़े लोग मौजूद रहे। प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पार्क की स्थिति का जायजा लिया और कहा कि अब यह पार्क किसी व्यक्तिगत कब्जे में नहीं रहेगा। सिख समाज के प्रतिनिधियों ने भी प्रशासनिक पहल का स्वागत किया। सिख समाज के अध्यक्ष ने कहा की गुरु गोविंद सिंह पार्क समाज की सेवा और लोगों की भलाई के लिए है और इसे किसी निजी स्वार्थ या नियंत्रण में रखना गुरु परंपरा के खिलाफ है। हमारा प्रयास रहेगा कि यह पार्क सभी समुदायों के लिए खुला, सुरक्षित और धार्मिक भावना से जुड़ा स्थान बने। प्रशासन ने भी स्पष्ट किया कि अब यह पार्क पूरी तरह से नगर प्रशासन के अधीन रहेगा। आने वाले दिनों में यहां सफाई, हरियाली और सार्वजनिक उपयोग की सुविधाएं सुनिश्चित की जाएंगी। प्रशासन ने कहा कि पार्क को समाज के लिए एक खुले, हरित और शांतिपूर्ण स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को दोनों पक्षों को बुलाकर संवाद और समझौते की प्रक्रिया चलाई जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे विवाद दोबारा न हों। इस कार्रवाई के बाद से शहर में प्रशासन की सख्ती और पार्कों में हो रही मनमानी पर लगाम लगाने की दिशा में इसे एक बड़ी पहल के रूप में देखा जा रहा है।

विवादित रहे हैं पार्क संचालक वीरेंद्र मेहता, लग चुका है हत्या का आरोप

गुरु गोविंद सिंह पार्क में इचाक निवासी वीरेंद्र मेहता पार्क का संरक्षण कर रहे थे और उनके जिम में पार्क का देखरेख भी था । पिछले दो दशकों से यह काम उनके द्वारा किया जा रहा था। बताया जाता है कि वीरेंद्र मेहता पर पूर्व में भी गौशाला के बहाने जमीन कब्जा करने का आरोप है और होमगार्ड चौक स्थित एक लकड़ी फॉर्म की जमीन कब्जा कर लिया था । इस मामले में जमीन मालिक की हत्या हो गई थी तथा वीरेंद्र मेहता करीब आठ माह तक जेल में रहे थे यह मामला भी कोर्ट में चल रहा है।।

 समिति बदलते ही लिया निर्णय 

गुरु गोविंद सिंह पार्क में चल रहे पौधशाला को हटाने को लेकर कई शिकायतें मिल रही थी।  आरोप था कि पूरे परिसर में बैठने की जगह को हटा दिया गया था और चारों ओर पौधा रख दिया गया था।  सार्वजनिक शौचालय में ताला मार दिया गया था तथा नगर निगम से बैठने के लिए बनाए गए शेड को भी कब्जा कर लिया गया था।  इस बाबत कई शिकायतें गुरुद्वारा  समिति को मिली थी परंतु दबी जुबान से लोग बता रहे थे कि पूर्व के अध्यक्ष नहीं चाहते थे कि वहां से पौधशाला हटे। सूत्र बताते हैं कि कुछ लोगों को वहां से मोटी रकम भी मिलती थी लेकिन इस बात की पुष्टि कोई नहीं कर रहा।

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