हॉकी कोच प्रतिमा बरवा को लोगों ने नम आंखों से दी श्रद्धांजलि

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Eksandeshlive Desk

खूंटी : झारखंड की जानी-मानी हॉकी कोच प्रतिमा बरवा का शव खिलाड़ियों और खेल प्रेमियों के दर्शनार्थ रविवार को एसएस हाई स्कूल स्टेडियम लाया गया, जहां लोगों ने नम आंखों से उनके शव पर पुष्पचक्र और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कुछ हॉकी खिलाड़ी प्रतिमा बरवा के निधन पर फूट-फूट कर रो रहे थे। बाद में प्रतिमा बरवा का पार्थिव शरीर खूंटी शहर के खूंटी टोला मुहल्ला ले जाया गया, जहां वे रहतीं थीं। खूंटी टोला में उनके शव के अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। बाद में उनका शव उनकें पैतृक गांव तोरपा प्रखंड के कोचा गांव ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार हुआ।

खूंटी हॉकी प्रशिक्षण केंद्र में कोच के रूप में कार्यरत थीं : प्रतिमा बरवा का निधन रविवार की सुबह पारस हॉस्पिटल, रांची में हो गया था। प्रतिमा बरवा अपने पीछे एक वर्षीय पुत्र पवन नाग और पति सुकरा नाग को छोड़ गई हैं। सुकरा नाग वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य में त्रिपुरा पुलिस पद पर कार्यरत हैं। प्रतिमा पिछले दो वर्षों से खूंटी हॉकी प्रशिक्षण केंद्र में कोच के रूप में कार्यरत थीं। अंतिम विदाई के दौरान हॉकी खिलाड़ियों ने हॉकी स्टिक को उनके शव पास ऊपर उठाकर उन्हें विदाई दी। मौके पर मौजूद जिला खेल पदाधिकारी राजेश कुमार चौधरी, जिला हॉकी संघ अध्यक्ष अशोक भगत, उपाध्यक्ष अपर्णा हंस, ओलंपियन मनोहर टोपनो, कोच दशरथ महतो, हॉकी खिलाड़ी सुनीता लकड़ा, सुमराय टेटे सहित कई गणमान्य लोगों ने गहरा शोक व्यक्त किया। प्रतिमा बरवा की असमय निधन पर कोच दशरथ महतो ने कहा इससे झारखंड के खेल जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। उनका समर्पण, अनुशासन और नेतृत्व भावी खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हॉकी को अलग पहचान दी : प्रतिमा बारवा के निधन पर शोक वयक्त करते हुए सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि गांव की बच्चियों के हाथों में हॉकी स्टिक पकड़ाकर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की जो कला काेच प्रतिमा में थी, वह अद्वितीय थी। सिमडेगा और खूंटी में बालिका हॉकी को बढ़ावा देने में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका निधन न केवल राज्य, बल्कि देश के लिए अपूरणीय क्षति है। खूंटी हॉकी संघ के अध्यक्ष अशोक भगत, जो उनके अंतिम क्षणों तक अस्पताल में मौजूद रहे, ने कहा कि सिमडेगा से जितनी भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी निकली हैं, उनमें प्रतिमा बरवा का अहम योगदान रहा है। उनका जाना झारखंड और खूंटी हॉकी के लिए एक गहरी क्षति है। झारखंड हॉकी संघ की वरीय उपाध्यक्ष अपर्णा हंस ने भी प्रतिमा बरवा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि महिला कोचों में प्रतिमा बरवा का स्थान बेहद महत्वपूर्ण रहा। उनकी दूरदर्शिता और मेहनत का ही परिणाम है कि सलीमा टेटे जैसी खिलाड़ी आज अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित हुईं।