Eksandeshlive Desk
खूंटी : भारतीय हॉकी के स्वर्णिम इतिहास की 100वीं वर्षगांठ पर शुक्रवार को बिरसा कॉलेज मैदान में शताब्दी उत्सव के तहत भव्य हॉकी मैचों का आयोजन किया गया। अखंड भारत में हॉकी संघ का गठन 7 नवंबर 1925 को हुआ था। इसके 100 वर्ष पूरा होने पर देशभर के 570 जिलों में उत्सव मनाया जा रहा है। खूंटी की धरती इस आयोजन की विशेष साक्षी बनी, जहां से भारत को 1928 एम्स्टर्डम ओलंपिक में पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा जैसे महानायक ने देश का नेतृत्व किया था। खूंटी ने वर्षों से देश को अंतरराष्ट्रीय स्तर के दर्जनों खिलाड़ी दिए हैं। 1984 के ओलंपियन गोपाल भेंगरा से लेकर 2016 और 2020 में डबल ओलंपिक खेलने वाली झारखंड की पहली महिला ओलंपियन निक्की प्रधान तक, खूंटी ने भारतीय हॉकी को नई ऊंचाइयां दी हैं। महिला टीम में सावित्री पूर्ति, विश्वासी पूर्ति, पुष्पा प्रधान, जसमणी संग, दयामणि सोए, अल्मा गुड़िया, गुड्डी कुमारी, सलोमी पूर्ति, अनिमा सोरेन सहित कई खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन किया है। पुरुष खिलाड़ियों में बिगन सोय, बिनीमा धान, सुशील टोपनो, गोपाल भेंगरा, सामुएल नाग सहित दर्जनों खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है।
महिला वर्ग में आरडीसी खूंटी, पुरुष वर्ग में आरडीसी बिचना चैंपियन : शताब्दी समारोह के अंतर्गत आयोजित महिला वर्ग के फाइनल में आरडीसी खूंटी ने हॉकी खूंटी को 1–0 से पराजित कर खिताब जीता। वहीं पुरुष वर्ग के रोमांचक फाइनल में आरडीसी बिचना ने हॉकी खूंटी को 2–1 से मात दी। दोनों मैचों में खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन कर दर्शकों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम में बिरसा कॉलेज के प्राचार्य चंद्रकिशोर भगत, एथलेटिक्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजकुमार गुप्ता, डीएवी खूंटी के प्राचार्य मनोजेश्वर कुमार, शारीरिक शिक्षा शिक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह, सदर अस्पताल के डॉक्टर एस उरांव सहित विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे। अतिथियों ने खिलाड़ियों से परिचय प्राप्त कर मैच का शुभारंभ किया। फाइनल मुकाबलों के बाद अतिथियों ने विजेता और उपविजेता टीमों को पुरस्कार दिया। वहीं कार्रक्रम को सफल बनाने में हॉकी खूंटी के सचिव दशरथ महतो, जुनास मुंडू, चमन होरो, अमित सौरभ एक्का, करमा भेंगरा, संजीता बरवा, अनिल नाग, जोसेफ हेंब्रम, चेतू हे रेंज, अनिमा भेंगरा, अनीशा भेंगरा सहित हॉकी खूंटी के सभी पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
