Eksandesh Desk
बड़कागांव: बडकागांव में कोयला खनन और तेल गैस निकलने वाली एनटीपीसी और ओएनजीसी जैसी कंपनियों का आगमन हुआ है बडकागांव के आस पास के क्षेत्र में हाथियों का आतंक बढ़ गया हैl इसमें हाथियों की कोई गलती नहीं है, बल्कि गलती इन कंपनियों की है जो इस पूरे जंगली क्षेत्र को अपने फायदे के लिए बर्बाद कर रहे हैं और हाथियों के आशियाने को उजाड़ रहे हैं l यही कारण है कि हाथी भोजन और पानी की तलाश में जंगल से गांव की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे जान माल की क्षति हो रही है l आपको बता दें पिछले दिनों रविवार कि रात को हाथियों का झुंड बड़कागांव के नापो खुर्द गांव पहुंचा। जहां दर्जनों किसानों के खेतों में लगी धान की फसल बुरी तरह से रौंद दिया। जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। ग्रामीणों द्वारा हाथी भगाने के लिए वन विभाग को जानकारी दी गई परंतु ,वन विभाग के द्वारा अब तक कोई पहल नहीं की गई है। जिसके कारण ग्रामीणों को भारी नुकसान के साथ जान माल की भी खतरे की भय सता रहा है। जिसे देखते हुए ग्रामीणों के द्वारा हाथी को भगाने का प्रयास किया जा रहा है।हाथियों की संख्या 22 बताई जा रही है ,जिसमें चार छोटे हाथी के बच्चे भी शामिल है। नापोखुर्द गांव में तबाही मचाने के बाद हाथियों का झुंड इंदिरा जंगल की ओर चला गया। जहां सोमवार देर शाम तक डेरा जमाए हुए थे। वही इस मामले को लेकर वन विभाग के एक वनरक्षी से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि हम लोग अभी स्ट्राइक पर हैं, जिसके कारण हम लोग कुछ कर नहीं सकते हैं। नापोखुर्द पंचायत मुखिया गणेश साव ने बताया कि गांव में सैकड़ो किसानों को नुकसान हुआ है। जगतनंदन प्रसाद गुप्ता के लगभग 1 एकड़ धान के खेत के अलावा मुटू राम, छोटू यादव चकलू ठाकुर करू साहू डाकली साहू निर्मला साहू महेश साहू के अलावा कई किसानों के धान की खेती को हाथियों ने रौंद कर बर्बाद कर नष्ट कर दिया है। मुखिया गणेश साव ने किसानों के फसल की बर्बादी को लेकर वन विभाग से मुआवजे की मांग की है।