Eksandeshlive Desk
टाटीझरिया/हजारीबाग: ऐसा लगता है मानो जंगली हाथियों को टाटीझरिया प्रखंड से ज्यादा ही लगाव हो गया है। यही कारण है कि वे यहां से निकल नहीं रहें हैं। रविवार को भी शाम ढलते ही वे फिर पानीमाको नव प्राथमिक विद्यालय का दरवाजा तोड़ ,चावल और अन्य मध्याह्न भोजन के समान को चट कर गए। उसके बाद धरमपुर के मंडरिया में जंगल से निकले और धान की खेतों में घुसकर मजे से फसलों को खाया और पैरों तले दबाकर रख दिया।जिसमें लीलो यादव,कैलाश यादव, घुटारी यादव,महेंद्र यादव के खेत में घुसकर पूरी तरह से धान को नष्ट कर दिया। वहीं बगल में लगे खीरा के फसलों को भी बर्बाद कर दिया।जहां जिस खेत में 30 की संख्या में हाथी घुस जाए तो उस खेत की स्थिति कैसी होगी,यह विचारणीय प्रश्न है।। उन्हें भगाने वाली टिम भी अब विवश दिखता है।किसान प्रशासनिक पदाधिकारियों को कोसते नहीं थक रहें हैं।
झुंड से बिछड़े एक हाथी दूसरी ओर गाड़िया में जमकर उत्पात मचाया
एक समूह में 7 हाथी थे,उनमें से पिछले दिनों 24 हाथियों के दल में 6 हाथी जा मिले ,एक हाथी बिछड़ कर गोधीया के जंगल में ही रह गया। वह अकेला हाथी रविवार को गोधीया में जमकर उत्पात मचाया। उसने हेमन महतो,दिनेश्वर महतो,मुंशी महतो,किशुन महतो,तुलसी महतो,सूरज कुमार,परमेश्वर महतो,सहदेव महतो,अशोक महतो,काली महतो और महावीर महतो के धान के खेत में घुसकर पूरी फसल को बर्बाद कर दिया। किसानों ने हाथियों द्वारा बर्बाद फसलों की मुआवजा शीघ्र देने की मांग किया है।