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कुड़ू/लोहरदगा: भारत के पहले साइंटिस्ट और पहले गैर राजनीतिक राष्ट्रपति डॉ. ए. पी. जे. अब्दुल कलाम के जीवन का हर क्षण राष्ट्र को समर्पित था। मिसाइल मैन, पीपुल्स प्रेसिडेंट कहे जाने वाले और परमाणु हथियार कार्यक्रमों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाने वाले डॉ. कलाम की जीवनशैली और सादगी सभी के लिए प्रेरणा दायी थी। गरीबी और अभाव में जिंदगी गुजारने वाले नौजवानों को उन्होंने बड़े सपने देखना और उसे पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करना सिखाया। ये बातें आज कुड़ू प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत पीएम रा. उत्क्रमित उच्च विद्यालय जिंगी में डॉ. कलाम की पुण्य तिथि पर आयोजित कार्यक्रम में आज विद्यालय के प्र. प्रधानाध्यापक अलीरजा अंसारी ने कहीं। उन्होंने कहा कि दस भाई-बहनों में सबसे छोटे और बचपन में घर-घर अखबार बेचकर जीवन निर्वाह करने वाले कलाम की जीवनी, जीवन में सभी चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहने की सीख देती है। कार्यक्रम में सहायक शिक्षक डॉ. सरोज कुमार दुबे ने कलाम की पूरी जीवनी छात्र-छात्राओं को बताते हुए लगातार कठिन परिश्रम करते रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम की कड़ी मेहनत से विश्वपटल पर भारत का सिर हमेशा ऊंचा रहा है। पद्मभूषण, पद्मविभूषण, वीर सावरकर पुरस्कार से लेकर भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न तक प्राप्त करने वाले डॉ. कलाम सादा जीवन उच्च विचार की प्रतिमूर्ति थे। कार्यक्रम को संस्था मैजिक बस के प्रतिनिधि दशरथ कुमार ने भी संबोधित किया और बच्चों को लक्ष्य निर्धारित कर नियमित रूप से पढ़ाई करने की बात कही। कार्यक्रम का संचालन आईसीटी इंस्ट्रक्टर सादाब अंसारी एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक शिक्षिका खुशमारेन मर्शिला तिर्की ने किया। मौके पर शिक्षिका चांदो तिर्की, सरिता टोप्पो, मोनिका उरांव, समीना खातून सहित विद्यालय के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।