by sunil
रांची : पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के भाजपाई बनने के बाद राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला दिनोंदिन तेज होता जा रहा है। सोमवार को सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आरोप लगाया कि आयातित नेताओं के सहारे भाजपा चुनावी जंग जीतना चाहती है। झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि भाजपा के सारे नेता मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता को देखकर बेचैन हो गए हैं। यही झामुमो की असली ताकत भी है। भाजपा में आयातित नेताओं की भरमार है। असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि बाहर से आकर जो नेता यहां लंबी-चौड़ी बातें कर रहे हैं, वे भी भाजपा में आयातित ही हैं। उन्हें अपने राज्य की चिंता करनी चाहिए, जहां चारों तरफ अराजकता है। ऐसे आयातित नेताओं को झामुमो की ताकत का अंदाज हो गया है। भाजपा फूट डालो, राज करो की नीति पर चल रही है, लेकिन झारखंड में इनकी मंशा सफल नहीं होगी। भाजपा के एक नेता ने संताल परगना, बिहार और बंगाल के कुछ हिस्से को मिलाकर केंद्रशासित प्रदेश बनाने की मांग की है। इससे भाजपा की सोच का पता चल जाता है। जाति को जाति, धर्म को धर्म और समुदाय को समुदाय से लड़ाने की नफरती रणनीति पर भाजपा के नेता काम करते हैं। झामुमो भाजपा को हर मोर्चे पर मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। चम्पाई सोरेन को पार्टी में लाकर भाजपा के नेता आह्लादित हैं। उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि झामुमो में कार्यकर्ता ही नेता बनाते हैं। झामुमो के कार्यकतार्ओं का दल से भावनात्मक लगाव होता है। भाजपा के अफवाह गैंग की हवा निकल गई है। प्रधानमंत्री के प्रस्तावित दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व उनका आना स्वाभाविक है। लोकसभा चुनाव का राज्य में परिणाम दुनिया देख चुकी है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जल्द ही गठबंधन दलों के साथ सीटों के बंटवारे पर निर्णय हो जाएगा। झामुमो बड़े भाई की भूमिका में है। सीटों के बंटवारा में पार्टी की अहम भूमिका होगी।