हिंद महासागर क्षेत्र में खत्म हुआ तीनों सेनाओं का समुद्री अभ्यास ‘ट्रोपेक्स’

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : हिंद महासागर क्षेत्र में तीन माह से चल रहा तीनों सेनाओं का समुद्री अभ्यास ‘ट्रोपेक्स’ ख़त्म हो गया है। इस द्विवार्षिक अभ्यास के दौरान हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया। नौसेना, थलसेना, वायुसेना और तटरक्षक बल से जुड़े हथियारों, जहाजों और विमानों की भागीदारी के साथ यह अभ्यास आयुध की सटीक डिलीवरी, साइबर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध पर केंद्रित था।

भारतीय नौसेना के थिएटर लेवल ऑपरेशनल एक्सरसाइज ‘ट्रोपेक्स’ की शुरुआत जनवरी में हुई थी। अब मार्च की शुरुआत में समाप्त होने वाले इस अभ्यास ने नौसेना के संचालन की कई अवधारणाओं को मान्य करने में मदद की है। इस अभ्यास से राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा हितों की रक्षा के लिए समन्वित और एकीकृत तरीके से विविध चुनौतियों का जवाब देने की नौसेना की क्षमता का मूल्यांकन हुआ है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी सहित हिंद महासागर में हुए इस अभ्यास का संचालन क्षेत्र उत्तर से दक्षिण तक 35 डिग्री दक्षिण अक्षांश तक लगभग 4300 समुद्री मील और पश्चिम में होर्मुज जलडमरूमध्य से पूर्व में सुंडा और लोम्बोक जलडमरूमध्य तक 5000 समुद्री मील तक फैला हुआ था।

नौसेना के अनुसार इस अभ्यास में 65-70 भारतीय नौसेना के जहाज, 9-10 पनडुब्बियां और विभिन्न प्रकार के 80 से अधिक विमानों ने भाग लिया। इस अभ्यास में भारतीय सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल की इकाइयों ने व्यापक भागीदारी की, जिसमें सुखोई-30, जगुआर, सी-130, फ्लाइट रिफ्यूलर और अवाक्स विमान, 600 से अधिक पैदल सेना के सैनिक और 10 से अधिक आईसीजी के जहाज शामिल थे। अभ्यास के दौरान नौसेना की परिचालन तैयारियों और युद्ध के लिए तैयारियों का आकलन किया गया। इस अभ्यास ने ‘युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार बल’ बने रहने की नौसेना की प्रतिबद्धता पर मुहर लगाई।

यह अभ्यास हथियारों से प्रत्यक्ष फायरिंग सहित युद्ध संचालन के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए बंदरगाह और समुद्र के विभिन्न चरणों में हुआ। पिछले कुछ वर्षों में कार्यक्षेत्र और जटिलता में वृद्धि होने के बाद इस अभ्यास ने बहु-खतरे वाले वातावरण में काम करने के लिए भारतीय नौसेना के संयुक्त बेड़े के लड़ाकू तैयारी का परीक्षण करने का मौका दिया। इस संयुक्त समुद्री अभ्यास से भारतीय थलसेना, भारतीय वायुसेना और तटरक्षक बल के साथ जटिल वातावरण में संयुक्त अभियान को और मजबूती मिली। विगत 23 जनवरी से शुरू हुआ यह सैन्य अभ्यास आज खत्म हुआ।

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