Eksandesh Desk
हज़ारीबाग: जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था सोमवार से गंभीर संकट में आ गई है, जब 108 एंबुलेंस कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए। एंबुलेंस कर्मचारी संघ के बैनर तले किए गए इस हड़ताल का मुख्य कारण कर्मियों को पिछले चार महीनों से वेतन न मिलना है। इस हड़ताल ने जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एम्बुलेंस कर्मियों का कहना है कि पिछले चार महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके परिवारों में भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कर्मियों का कहना है कि एंबुलेंस गाड़ियों की हालत भी बहुत खराब है, और इनकी देखभाल के लिए जिम्मेदार कंपनी ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है। पिछले कुछ दिनों में गाड़ियों की खराब स्थिति के कारण दो कर्मियों की जान भी चली गई, लेकिन न तो कंपनी ने मदद की और न ही मृतकों के परिजनों को मुआवजा या बीमा का कोई पैसा मिला।
संघ के अध्यक्ष ने बताया कि सिविल सर्जन से अनुरोध किया गया था कि अगर 14 अक्टूबर तक वेतन का भुगतान नहीं हुआ तो सभी कर्मी सामूहिक रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। प्रशासन द्वारा कोई कदम न उठाए जाने पर कर्मी मजबूरन हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताल पर जाने से रेफर होने वाले मरीजों की परेशानी काफी बढ़ गई है।
एम्बुलेंस कर्मियों ने कहा की उनकी पांच प्रमुख मांगें हैं जिनमें चार महीने का बकाया वेतन का तत्काल भुगतान, ईपीएफ का बकाया राशि का भुगतान ,श्रम कानून के तहत कार्य लेना, ठेका प्रथा बंद करना ,सभी एंबुलेंस की समय पर मरम्मत कराना। 108 एंबुलेंस कर्मियों की हड़ताल ने हजारीबाग जिले की स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। प्रशासन और संबंधित कंपनियों द्वारा इन कर्मियों की मांगों को नजरअंदाज करना न केवल उनके जीवन को कठिन बना रहा है, बल्कि मरीजों के जीवन को भी खतरे में डाल रहा है। उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस मामले का समाधान करेगा और स्वास्थ्य सेवाओं को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास करेगा।