Eksandeshlive desk
पश्चिम सिंहभूम : आदिवासी हो समाज महासभा ने अपने पारंपरिक त्योहारों के ईसाईकरण के प्रयासों पर गहरी नाराजगी जताई है। शुक्रवार को क्लब भवन हरिगुटू में महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष मुकेश बिरुवा की अध्यक्षता में आयोजित विशेष बैठक में यह मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। बैठक में कैथोलिक समुदाय की ओर से चर्च परिसर में हेरो: पर्व मनाए जाने की घटना की तीखी आलोचना की गई और इसे हो समाज की धार्मिक पहचान और संस्कृति के साथ छेड़छाड़ बताया गया। महासभा की ओर से पारित निंदा प्रस्ताव में कहा गया कि हेरो पर्व विशुद्ध रूप से प्रकृति पूजक हो समाज का पारंपरिक धार्मिक त्योहार है, जिसे केवल धर्मांतरण से अछूते हो समुदाय के लोग ही पूजा-पाठ सहित संपन्न कर सकते हैं। अन्य समुदाय के लोग इसमें सहभागी तो हो सकते हैं, लेकिन वे इसे अपने धार्मिक रीति-रिवाजों से सम्पन्न नहीं कर सकते।
धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा : बैठक में यह भी कहा गया कि जिस प्रकार कैथोलिक चर्च द्वारा पल्ली पुरोहितों के माध्यम से हेरो: पर्व की पूजा कराई गई, वह न सिर्फ धार्मिक आस्था का उल्लंघन है बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी एक आपत्तिजनक और अशोभनीय कृत्य है। महासभा ने स्पष्ट किया कि यह कृत्य हो समाज के पर्वों का ईसाईकरण करने का प्रयास है, जिसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। महासभा ने चेतावनी देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में ऐसे प्रयासों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई पर भी गंभीर विचार किया जा रहा है। इस संबंध में शोकॉज नोटिस और विधिक नोटिस जारी करने की प्रक्रिया पर काम चल रहा है। समाज की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। इस गंभीर मसले पर विचार-विमर्श के लिए महासभा ने 10 अगस्त को सभी गांवों के दियुरी (धार्मिक अगुवा) और बुद्धिजीवियों की बैठक महासभा भवन हरिगुटू में बुलाई है। इसमें यह तय किया जाएगा कि भविष्य में समाज अपनी धार्मिक-सांस्कृतिक पहचान की रक्षा के लिए कौन-कौन से कदम उठाएगा। साथ ही यह भी चर्चा की जाएगी कि क्या अन्य धार्मिक समुदायों को हो समाज के त्योहारों को अपने धार्मिक स्थलों पर मनाने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं। महासभा ने इस विषय की जानकारी प्रशासन को भी देने का निर्णय लिया है ताकि ऐसे मामलों में समय रहते आवश्यक हस्तक्षेप हो सके। साथ ही भविष्य में एक सम्मेलन आयोजित कर इस विषय पर समाज की सामूहिक राय से निर्णय लिया जाएगा। बैठक में बामिया बारी, सोमा कोड़ा, चैतन्य कुंकल, बागुन बोदरा, के.सी. बिरुली, यदुनाथ तिउ, नारायण पूर्ति, राम सिंह सोय और छोटे लाल तामसोय सहित कई गणमान्य सदस्य उपस्थित थे।