वैज्ञानिकों का दावा है कि यह अगले महीने तक बाजार में उपलब्ध होगा, और इसकी कीमत सामान्य चावल से 20 प्रतिशत कम होगी
Eksandeshlive Desk
सोनीपत : हरियाणा के सोनीपत के राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान (निफ्टेम) ने बाजरे से एक अनोखा मोटा चावल विकसित किया है, जो शुगर रोगियों के लिए भी उपयुक्त है। यह चावल नूडल्स की तरह मात्र 5 मिनट में खीर के रूप में तैयार हो जाता है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह अगले महीने तक बाजार में उपलब्ध होगा, और इसकी कीमत सामान्य चावल से 20 प्रतिशत कम होगी। इस नवाचार को पेटेंट भी प्राप्त हो चुका है। निफ्टेम के निदेशक डॉ. हरिंदर सिंह ओबेरॉय ने बताया कि डॉ.अंकुर ओझा और उनकी टीम ने बाजरे के साथ दो विशेष चावलों को मिलाकर यह मोटा चावल तैयार किया है। इसे बनाने में एक्सट्रूजन तकनीक का उपयोग हुआ, जिसमें अनाज को उच्च दबाव और तापमान पर नया आकार दिया जाता है।इससे चावल हल्का भूरा और स्वाद में सामान्य चावल जैसा हो जाता है। यह चावल एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से युक्त है, जो सेहत के लिए लाभकारी है।
वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 में इस चावल को खूब सराहना मिली : दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड फूड इंडिया 2025 कार्यक्रम में निफ्टेम और उत्पादकों के बीच इसे बाजार में लाने का समझौता हुआ। डॉ. ओझा के अनुसार, यह चावल प्राकृतिक है और इसमें कोई कृत्रिम रंग नहीं मिलाया गया। इसे बनाने में 33 प्रतिशत बाजरा, 33 प्रतिशत काला नमक चावल और 33 प्रतिशत काला चावल उपयोग किया गया है। इन तीनों को पीसकर एक्सट्रूजन तकनीक से हल्के भूरे रंग के दाने बनाए गए हैं। यह चावल न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिक भी है। एक पैकेट से 5 मिनट में 6 कटोरी खीर तैयार हो सकती है, जिसमें आयरन और विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होते हैं। सामान्य दूध वाली खीर में ये पोषक तत्व नहीं मिलते। इसमें चीनी, मिश्रित अनाज, मखाना के टुकड़े, दूध के ठोस पदार्थ, बादाम, पिस्ता और इलायची शामिल हैं, जो इसे स्वाद और सेहत का अनूठा मिश्रण बनाते हैं। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय ने निफ्टेम के साथ मिलकर इस चावल को बाजार में लाने की योजना बनाई है। यह सामान्य चावलों से सस्ता होगा और इसे पानी में डालकर आसानी से खीर बनाई जा सकेगी। यह उत्पाद दो स्वादों में उपलब्ध होगा और मोटे अनाजों (मिलेट्स) के उपयोग से यह सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी है। यह नवाचार खासकर शुगर रोगियों के लिए वरदान साबित हो सकता है, क्योंकि यह पौष्टिक होने के साथ-साथ आसानी से पचने वाला है। निफ्टेम की इस पहल से मोटे अनाजों का महत्व बढ़ेगा और लोग इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित होंगे। यह चावल न केवल खाने में स्वादिष्ट है, बल्कि इसे तैयार करना भी आसान है, जो इसे हर घर के लिए उपयोगी बनाता है।
