Eksandeshlive Desk
यरुशलम/तेहरान/तेल अवीव/वाशिंगटन/बगदाद/ब्रसेल्स/मॉस्को/इस्लामाबाद : इजराइल और ईरान के बीच चल रहे संघर्ष ने रविवार को तीसरे दिन भी भयावह रूप ले लिया, जब इजराइल ने ईरान के कई शहरों पर जोरदार हवाई हमले किए। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक ईरान में कम से कम 406 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 654 से अधिक लोग घायल हुए हैं। वाशिंगटन स्थित मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट्स ने यह जानकारी दी है। ईरान की सरकार ने अभी तक आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं। वहीं, ईरान के हमले में इजराइल में भी 14 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस संघर्ष ने क्षेत्रीय तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु और सैन्य प्रतिष्ठानों पर अचानक किए गए हमलों में कई शीर्ष जनरल और परमाणु वैज्ञानिक मारे गए, जिससे हालात और बिगड़ गए।
तेहरान में दो रिफाइनरियों पर हमला, ऊर्जा संकट की आशंका : ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने बताया कि इजराइल ने राजधानी तेहरान के पास और फारस की खाड़ी स्थित एक प्रांत में दो तेल रिफाइनरियों पर हमला किया है। इससे न केवल क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक ऊर्जा बाजार पर भी असर पड़ सकता है। इजराइली सेना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर ईरानी नागरिकों को हथियार निर्माण फैक्ट्रियों को खाली करने की चेतावनी दी है, जिससे इस अभियान के और विस्तृत होने के संकेत मिले हैं।वहीं, रविवार शाम ईरान की राजधानी तेहरान के व्यस्त रिहायशी इलाके में हुए इजराइली हवाई हमले में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इस हमले की पुष्टि की है। इजरायली सेना की ओर से रविवार को पूर्वी ईरान के मशहद हवाई अड्डे पर एक हवाई ईंधन भरने वाले विमान पर हमला किया गया। यह हमला पिछले सप्ताह ईरान के खिलाफ अभियान शुरू करने के बाद से उसका सबसे लंबी दूरी का हमला था। रविवार को तेहरान में दोपहर और दोपहर बाद जोरदार विस्फोट हुए। वैली-ए-असर स्क्वायर और एयरफोर्स हेडक्वार्टर के नजदीकी इलाकों में ये धमाके हुए। ईरान की अर्द्ध-सरकारी समाचार एजेंसियों ने इन हमलों की पुष्टि की है। ईरानी टेलीविजन ने जानकारी दी कि मेट्रो स्टेशन और मस्जिदों को बम शेल्टर के रूप में इस्तेमाल के लिए खोल दिया गया है, जो यह दर्शाता है कि ईरान आने वाले दिनों में भी हमलों की आशंका से सतर्क है।
इजराइल में भी हालात गंभीर, बच्चों सहित कई की मौत : इजराइल में भी 14 लोगों की मौत और 400 से अधिक लोगों के घायल होने की पुष्टि हुई है। एक मिसाइल हमले में तेल अवीव के पास बाट याम शहर में एक इमारत ध्वस्त हो गई, जिसमें 10 और 9 वर्षीय बच्चे सहित छह लोग मारे गए। इसके अलावा उत्तरी शहर तमरा में एक और हमले में 13 वर्षीय बच्चा सहित चार लोगों की मौत हुई और 24 घायल हो गए। वहीं, हाइफा में ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल के हमले के बाद छर्रे लगने से दो लोग मामूली रूप से घायल हो गए, जबकि रेहोवोट शहर में एक हमला वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान वीजमैन इंस्टिट्यूट के परिसर पर भी हुआ, जहां कई इमारतें क्षतिग्रस्त हुईं लेकिन किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल को पूर्ण समर्थन देते हुए ईरान को चेतावनी दी है कि यदि वह और तबाही से बचना चाहता है, तो उसे नया परमाणु समझौता स्वीकार करना होगा। वहीं ईरान के विदेश मंत्री अराकची ने अमेरिका को भी इस संघर्ष में जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि “अगर इजराइल के हमले रुकते हैं, तो हमारी प्रतिक्रिया भी थम जाएगी। अमेरिका इन हमलों का साझेदार है और उसे इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।”
इजराइली हमले में मारे गए ईरान के तीन शीर्ष खुफिया अधिकारी : इजराइल के मिसाइल हमले में रविवार को ईरान के तीन शीर्ष खुफिया अधिकारी मारे गए। इनके नाम मोहम्मद काजमी, हसन मोहक्कक और मोहसेन बाकरी हैं। इस बीच ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई का कोई अता-पता नहीं है। समझा जा रहा है कि उन्हें ईरान के सबसे सुरक्षित भूमिगत बंकर में छुपा दिया गया है। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कोर से संबद्ध ईरान की सरकारी संवाद समिति ‘तस्नीम न्यूज’ ने तीन शीर्ष खुफिया अधिकारियों के मारे जाने की पुष्टि की है। ‘तस्नीम’ की खबर के अनुसार, 15 जून को हुए इजराइल के मिसाइल हमले में इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन के प्रमुख जनरल मोहम्मद काजमी, उप प्रमुख जनरल हसन मोहक्कक और जनरल मोहसेन बाकरी शहीद हो गए। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स इंटेलिजेंस ऑर्गनाइजेशन ने बयान में तीनों अधिकारियों की मौत पर शोक जताया है। बयान में आरोप लगाया है कि इजराइल आवासीय क्षेत्रों को निशाना बना रहा है। आवासीय क्षेत्रों पर हमला आतंकवादी प्रवृत्ति है। इजराइली हमलों में 13 जून से अब तक सैन्य अधिकारियों, परमाणु वैज्ञानिकों और आम लोगों सहित दर्जनों ईरानियों की जान जा चुकी है। इस बीच, इजराइल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) ने कहा है कि उसके सुरक्षा बलों ने ईरान में हथियार बनाने वाले कई कारखानों को मिट्टी में मिला दिया। साथ ही ईरानी सेना के तीन आला अफसरों को मार गिराया। एक अन्य खबर में कहा गया है कि ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह अली खामेनेई को शुक्रवार को इजराइली हमलों के शुरू होने के कुछ घंटों बाद तेहरान के उत्तर-पूर्वी इलाके लवीजान में एक भूमिगत बंकर में ले जाया गया। खामेनेई और उनका परिवार इस बंकर में मौजूद है। टाइम्स ऑफ इजरायल की खबर के अनुसार, खामेनेई ने अप्रैल 2024 और अक्टूबर में भी ईरान के इजराइल पर हमलों के दौरान इसी बंकर में पनाह ली थी।
ईरान ने सूरज निकलने से पहले इजराइल पर मिसाइलों की बौछार की : ईरान ने सोमवार को सूरज निकलने से पहले इजराइल पर मिसाइलों की बौछार कर दी। इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्ड कॉर्प्स की यह बैलिस्टिक मिसाइलें इजराइल के तेल अवीव और हाइफा में लक्ष्यों पर गिरीं। इससे पहले रात को भी ईरान ने मिसाइलों से हमला किया। ईरान 13 जून को हुए इजराइली हवाई हमले में अपने सैन्य अधिकारियों और परमाणु वैज्ञानिकों की मौत से बौखलाया हुआ है। ईरान की न्यूज एजेंसी तस्नीम, सरकारी एजेंसी इरना और तेहरान टाइम्स अखबार की खबरों में ईरान के इजराइल के खिलाफ हवाई हमले की जानकारी दी गई है। खबरों के अनुसार, ईरान ने ताजा हमले में तेल अवीव, हाइफा, बेन गुरियन हवाई अड्डे और नेवातिम एयरबेसल गोलान हाइट्स में लक्ष्यों को निशाना बनाया। ईरान ने पिछले तीन दिनों में कई इजराइली सैन्य इमारतें जमींदोज कर दी हैं। ईरानी सशस्त्र बलों ने सोमवार सुबह फिलिस्तीन के कब्जे वाले इजराइली क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइलों की बौछार की है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कोर ने घोषणा की कि इस बार दुश्मन की रक्षा प्रणालियों को निशाना बनाया गया। ईरानी मिसाइलों ने हाइफा बिजली संयंत्र को नुकसान पहुंचाया है। खबरों के अनुसार, इजराइली आर्मी रेडियो ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया कि इजराइली वायुरक्षा कम से कम 10 ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने में असमर्थ रही। ईरानी ड्रोन हमले के बाद कब्जे वाले क्षेत्रों के उत्तर में चेतावनी सायरन बजने शुरू हो गए। अल जजीरा की खबर के अनुसार, ईरानी मिसाइल हमलों की आठवीं लहर इजराइल के लिए विनाशकारी रही।
हाइफा बिजली संयंत्र आग की लपटों में घिरा रहा : स्थानीय मीडिया की खबरों के अनुसार, ऑनलाइन प्रसारित फुटेज में हाइफा बिजली संयंत्र आग की लपटों में घिरा रहा। इसके बाद व्यापक बिजली कटौती की सूचना मिली। कई वीडियो में शवों को निकालने के लिए बड़ी संख्या में एम्बुलेंस को इकट्ठा होते हुए दिखाया गया। इससे पहले आधीरात को ईरान ने नेगेव रेगिस्तान और किर्यत गत के साथ-साथ हाइफा के अन्य क्षेत्रों में रणनीतिक स्थलों को निशाना बनाया। नेगेव रेगिस्तान में डिमोना परमाणु परिसर और गुप्त मिसाइलों का तैनाती स्थल हैं। किरयात गाट इजरायल के सैन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण अर्धचालक विनिर्माण केंद्र है। पिछले दिनों, ईरान ने शासन की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी और कब्जे वाले क्षेत्रों में 150 से अधिक सैन्य और खुफिया साइटों पर हमला किया। इरना ने दावा किया है कि ईरान पुलिस ने मोसाद के दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के पुलिस कमांड के प्रवक्ता सईद मोंटेजर अल-महदी ने रविवार को कहा कि दोनों को तेहरान प्रांत के रे काउंटी के जिले फशाफुयेह में 200 किलोग्राम से अधिक विस्फोटक और 23 ड्रोन, लॉन्चर और दूसरे उपकरणों के साथ दबोचा गया।
ईरान और इजराइल ने अंतरराष्ट्रीय आह्वान को किया दरकिनार : इजराइल और ईरान शांति के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार कर लगातार एक-दूसरे की सरजमीं पर हवाई हमले कर रहे हैं। रविवार को दोनों ने आबादी वाले इलाकों पर हमले किए। इस वजह से ईरान-अमेरिका परमाणु वार्ता भी नहीं हो सकी। अमेरिका के द न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार, इजराइल और ईरान ने रविवार को एक-दूसरे की धरती पर आबादी वाले इलाकों पर मिसाइल हमले किए। दोनों पक्षों ने तनाव कम करने के अंतरराष्ट्रीय आह्वान को दरकिनार कर दिया है। ईरान के परमाणु कार्यक्रम के भविष्य पर तेहरान और वाशिंगटन के बीच रविवार को होने वाली वार्ता को अधिकारियों के रद्द किए जाने के बाद कूटनीतिक रास्ता संकट पर पड़ता दिख रहा है। इजराइल ने कहा कि शुक्रवार को किए गए शक्तिशाली हमलों का लक्ष्य ईरान के परमाणु बुनियादी ढांचे को नष्ट करना था। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने युद्धरत देशों से लड़ाई में पीछे हटने का आग्रह किया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “ईरान और इजराइल को एक समझौता करना चाहिए। अभी कई फोन कॉल्स और बैठकें हो रही हैं।” इस बीच ईरानी इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने चेतावनी दी कि अगर बमबारी बंद नहीं हुई तो वे इजराइल के खिलाफ हमले बढ़ा देंगे। इजराइल के सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि इजराइल किसी भी कीमत पर ईरान पर अपने हमले एक पल के लिए भी बंद नहीं करेगा। वरिष्ठ ईरानी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि वार्ता के दूसरे दौर से पहले इजराइल हमला करेगा।
ट्रंप ने खामेनेई की हत्या की इजराइली योजना को खारिज किया : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की हत्या की इजराइल की योजना का विरोध किया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से बातचीत में कहा कि यह विचार अच्छा नहीं है। ऐसा हरगिज नहीं होना चाहिए। अमेरिका के न्यूज चैनल सीबीएस ने कहा कि यह जानकारी तीन अमेरिकी अधिकारियों ने रविवार को चैनल ने दी। खबर के अनुसार, इजराइल के पास खामेनेई की हत्या करने का अवसर था। ट्रंप ने प्रधानमंत्री नेतन्याहू से पिछले हफ्ते टेलीफोनिक वार्ता में कहा कि यह योजना ठीक नहीं।अमेरिका के एनबीसी चैनल के अनुसार, ट्रंप ने कहा कि उन्हें इजराइल और ईरान के बीच समझौते की उम्मीद है। ट्रंप ने कहा कि वह विश्व नेताओं की बैठक के लिए कनाडा जा रहे हैं। उनकी कनाडा यात्रा में ईरान और इजराइल के बीच संघर्ष को रोकना खास एजेंडा रहेगा। कनाडा में जी-7 प्रमुख अर्थव्यवस्था के शिखर सम्मेलन के लिए व्हाइट हाउस छोड़ने से पहले ट्रंप ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे उम्मीद है कि कोई न कोई समझौता होगा। यह समझौते का सही समय है।”
इराक में अमेरिकी नागरिकों पर संभावित हमले का खतरा : इराक में बढ़ते तनाव और ईरान-इजराइल संघर्ष के बीच अमेरिकी दूतावास ने बगदाद में अमेरिकी नागरिकों और प्रतिष्ठानों पर आतंकी हमले की आशंका जताते हुए सुरक्षा चेतावनी जारी की है। बगदाद स्थित अमेरिकी दूतावास ने रविवार को एक सुरक्षा अलर्ट जारी करते हुए कहा कि विदेशी आतंकवादी संगठनों द्वारा अमेरिकी नागरिकों, व्यवसायों और लोकप्रिय स्थलों को निशाना बनाए जाने की आशंका बढ़ गई है। इसलिए अमेरिकी नागरिक सतर्क रहें। साथ ही अमेरिकी नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे भीड़-भाड़ वाले इलाकों से दूर रहें, विदेशी नागरिकों द्वारा अक्सर देखे जाने वाले स्थानों पर न जाएं, प्रदर्शनों एवं जमावड़ों से दूर रहे तथा स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करें।इसके अलावा, विदेश विभाग ने इराक के लिए लेवल-4 ट्रैवल एडवाइजरी को भी बरकरार रखा है, जिसका अर्थ है कि अमेरिकी नागरिकों को किसी भी स्थिति में इराक की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब मध्य पूर्व में तनाव चरम पर है। ईरान-इजराइल संघर्ष के मद्देनजर इराक जैसे देशों में अमेरिकी प्रतिष्ठानों को आतंकी हमलों का खतरा और बढ़ गया है।
रूस ने अपने नागरिकों से तत्काल इजराइल छोड़ने का आग्रह किया : इजराइल के तेल अवीव में स्थित रूस के दूतावास ने अपने नागरिकों से तत्काल इजराइल छोड़ने का आग्रह किया है। राजदूत अनातोली विक्टरोव ने आज रूसी मीडिया से कहा कि इजराइल और ईरान के बीच पिछले सप्ताह के अंत से मिसाइल और ड्रोन हमले जारी हैं। ऐसे में रूस के नागरिकों का इजराइल में रहना खतरे से खाली नहीं है। द मास्को टाइम्स अखबार की खबर के अनुसार विक्टरोव ने रोसिया 24 प्रसारक से कहा, “इजराइल में मौजूद सभी रूसी नागरिकों को स्थिति सामान्य होने तक देश छोड़ देना चाहिए।” उन्होंने रूस के नागरिकों को मिस्र के रास्ते लौटने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मिस्र से रूस के नागरिक बिना वीजा के मॉस्को के लिए उड़ान भर सकते हैं। उन्होंने कहा, “स्थिति तनावपूर्ण है, मुझे स्वीकार करना चाहिए। इजराइल में राजनयिकों और रूसी नागरिकों दोनों के जीवन के लिए काफी खतरा है।” राजदूत ने कहा कि व्यापक निकासी की आवश्यकता पड़ने पर आकस्मिक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। सप्ताहांत में तेहरान में रूस के दूतावास ने अपने वाणिज्य दूतावास में गतिविधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर अपने नागरिकों के एक समूह को रूस वापस बुला लिया है। इस बीच रूस के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने एयरलाइंस को ईरान और इजराइल के लिए उड़ानें निलंबित करने और उन देशों के साथ-साथ जॉर्डन और इराक के ऊपर के हवाई क्षेत्र से कम से कम 26 जून तक बचने का आदेश दिया है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इजराइली हमलों की निंदा करते हुए मध्य पूर्व में शांति भंग होने की चेतावनी दी है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि रूस दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।
पाकिस्तान ने ईरान-इजराइल तनाव की वजह से 16 उड़ानें रद्द की : ईरान और इजराइल के बीच बढ़े सैन्य तनाव के कारण पाकिस्तान, इराक और कतर सहित कई देशों में अंतरराष्ट्रीय उड़ान संचालन बाधित हो गया है। पाकिस्तान ने कम से कम 16 उड़ानें रद्द कर दी हैं। कराची में क्षेत्रीय हवाई क्षेत्र प्रतिबंधों के कारण जेद्दा, मशहद, बगदाद और तेहरान के लिए आठ उड़ानें रद्द की गई हैं। विदेशी एयरलाइन की इस्लामाबाद से नजफ के लिए दो उड़ानें भी रद्द कर दी गई हैं। पाकिस्तान के दुनिया न्यूज चैनल की खबर में यह जानकारी दी गई। चैनल ने दावा किया है कि इसके अलावा, जेद्दा, दुबई, बहरीन और रस अल खैमाह से इस्लामाबाद के लिए उड़ानें भी देरी का सामना कर रही हैं। क्षेत्रीय संघर्ष के बीच सऊदी एयरलाइंस ने आज और 17 जून के लिए ईरान और इराक के लिए निर्धारित सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। इसी तरह, रूस, लेबनान, कजाकिस्तान, अजरबैजान और उज्बेकिस्तान के लिए उड़ानें भी रोक दी गई हैं। कतर एयरवेज ने ईरान, इराक और सीरिया के लिए अपने परिचालन को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। यूएई स्थित एयरलाइनों ने 20 जून तक इजराइल, ईरान और इराक के लिए सभी उड़ानें रोक दी हैं। जर्मन एयरलाइन लुफ्थांसा ने भी इजराइल, इराक, ईरान, ओमान और लेबनान के लिए अपनी सेवाएं निलंबित कर दी हैं। इस बीच, तुर्किये एयरलाइंस ने 19 जून तक ईरान के लिए सभी उड़ानें रद्द कर दी हैं। इस क्षेत्र में हवाई यात्रा अनिश्चित बनी हुई है।
यूरोपीय संघ मंगलवार को बुलाई विदेश मंत्रियों की आपात बैठक : ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते सैन्य टकराव को लेकर यूरोपीय संघ (ईयू) ने गहरी चिंता जताई है। इसी सिलसिले में यूरोपीय संघ की विदेश नीति प्रमुख काजा कैलास ने मंगलवार को ईयू के सभी विदेश मंत्रियों की एक आपातकालीन वीडियो कांफ्रेंस बैठक बुलाई है। यूरोपीय संघ के प्रवक्ता ने रविवार को कहा कि “मध्य पूर्व की वर्तमान स्थिति अत्यंत गंभीर है। इसी को ध्यान में रखते हुए उच्च प्रतिनिधि काजा कैलास ने मंगलवार को यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की वर्चुअल बैठक बुलाई है।” प्रवक्ता के अनुसार, इस बैठक का मुख्य उद्देश्य ईरान और इजराइल के बीच चल रहे संघर्ष पर चर्चा, तेहरान और तेल अवीव के साथ कूटनीतिक संपर्क के प्रयासों का समन्वय तथा संभावित अगले कदमों की रणनीति तय करना है। यूरोपीय संघ लंबे समय से ईरान परमाणु समझौते (जेसीपीओए) का समर्थक रहा है और वह इस बात को लेकर चिंतित है कि मौजूदा टकराव कहीं पूरे क्षेत्र को युद्ध की आग में न झोंक दे।