Eksandeshlive Desk
खूंटी : महर्षि मेंही आश्रम शांतिपुरी मुरहू में चल रहे दो दिवसीय सत्संग में प्रवचन करते हुए रविवार को स्वामी प्रमोद महाराज ने कहा कि दुनिया में सभी सुख चाहते हैं। इसके लिए जतन भी करते हैं, पर इसके लिए सही युक्ति सद्गुरु का बताया गया भक्ति मार्ग ही है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि धरती का धूल गिना जा सकता है, पर परमात्मा के नाम की गिनती नहीं हो सकती। गुरु भी परमात्मा का ही एक नाम है और भगवान श्रीराम भी कहते हैं मोते अधिक संत कर लेखा, यानी बिना सच्चे संत का संग किये सच्चा सुख नहीं मिलता है।
उन्होंने कहा कि ईश्वर से कोई स्थान खाली नहीं है। इंद्रियां माया रूपी जोंक है, जो हमें विषयों में डालकर दुःख देती हैं। सत्संग से मन निर्मल और मनुष्यों के सारे कष्टों का समाधान हो जाता है। हमें बस गुरु के बताए मार्ग पर चलकर नशा, हिंसा, झूठ, चोरी, व्यभिचार रुपी पांच पाप त्याग कर ध्यान भजन सत्संग करना चाहिए। स्वामी परमानंद जी महाराज ने कहा कि जीव परमात्मा का अंश है। जैसे एक मिट्टी के ढेले को उछाल दीजिए, वह नीचे गिर कर रुकता है, शांत हो जाता है, वैसे ही हमारी आत्मा परमात्मा से भक्ति मिलन को प्राप्त कर संतुष्ट होती है। स्वामी लक्ष्मणजी महाराज, स्वामी जयकुमार, स्वामी बालकृष्ण, स्वामी नरेंद्र जी, स्वामी राममूर्ति, स्वामी दिवाकर, स्वामी राजेंद्र, स्वामी अखिलेश ने भी अपने प्रवचन में सदाचार-शाकाहार और भक्ति करने की विधि बताई।
मौके पर खूंटी विधायक राम सूर्या मुंडा भी पहुंचे और सत्संगियों संग भक्ति में खूब झूमे और संतों का आशीर्वाद प्राप्त किया। विधायक को सत्संगियों ने मेन रोड मुरहू से आश्रम तक पहुंचाने वाले सड़क को बनाने के विषय में मांग पत्र दिया। विधायक ने प्राथमिकत के आधार पर इसे पूरा करने का भरोसा दिया। मौके पर काशीनाथ महतो, योगश वर्मा ने भी भक्ति मार्ग की प्रशंसा की। कार्यक्रम के सफल आयोजन में संरक्षक डॉ डॉ डीएन तिवारी, जिलाध्यक्ष संजय कुमार, मंत्री जगमोहन पूर्ति, जूरन मुंडा, रामहरि साव, सूरजमल प्रसाद, सुबोध कुमार, सनातन कुमार बीरू सहित अन्य का योगदान रहा।