इंटरनेशनल मार्केट में गोल्ड की बढ़ी कमजोरी, 1 सप्ताह में 4 प्रतिशत से ज्यादा टूटा सोना

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : कुछ दिन पहले तक मजबूती का रिकॉर्ड बना रहे सोने की कीमत में लगातार गिरावट आ रही है। इस सप्ताह अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत में 4.01 प्रतिशत की कमजोरी आ चुकी है। साप्ताहिक आधार पर पिछले 3 साल में ये अभी तक की सबसे बड़ी कमजोरी है। इसके पहले नवंबर 2021 के दूसरे सप्ताह में साप्ताहिक आधार पर सोने के भाव में 4.62 प्रतिशत की गिरावट आ गई थी।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना आज 2,562.61 डॉलर प्रति ऑन्स के स्तर पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह कॉमेक्स पर इस गोल्ड फ्यूचर्स भी 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,567.10 डॉलर के स्तर पर कारोबार कर रहा था। सोने के भाव में आई गिरावट की वजह से ये चमकीली धातु अंतरराष्ट्रीय बाजार में दो महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई है।

सोना अपने सर्वोच्च स्तर 2,801 डॉलर प्रति ऑन्स से फिलहाल 238.39 डॉलर टूट कर कारोबार कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में आई गिरावट का असर भारत के सर्राफा बाजारों में भी साफ-साफ नजर आ रहा है। वेडिंग सीजन होने के बावजूद देश के ज्यादातर सर्राफा बाजारों में सोने के भाव में पिछले 7 दिनों से लगातार गिरावट आ रही है। इस गिरावट के कारण सोना आज 76 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर से भी नीचे आ गया है।

बुलियन मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स की मजबूती के कारण गोल्ड मार्केट पर दबाव बढ़ गया है। इसके साथ ही अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा तत्काल ब्याज दरों में और कटौती करने की बात से इनकार करने की वजह से भी गोल्ड मार्केट को झटका लगा है।

कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट राजीव त्यागी के अनुसार डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद डॉलर इंडेक्स के मजबूत हो जाने की वजह से स्पॉट गोल्ड की खरीदारी करने वालों के लिए सोना तुलनात्मक तौर पर अधिक महंगा हो गया है। इसलिए जो लोग अभी तक बड़ी मात्रा में सोने में निवेश कर रहे थे उन्होंने अपना हाथ खींचना शुरू कर दिया है। इससे सोने की कीमत पर दबाव बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि अगले साल डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण के बाद अमेरिका की मौद्रिक नीति और सख्त हो सकती है। ऐसे में निवेशक सोने की जगह स्टॉक या प्रॉपर्टी मार्केट में अपना निवेश बढ़ा सकते हैं।

राजीव त्यागी का कहना है कि शॉर्ट टर्म के लिए इंटरनेशनल गोल्ड मार्केट में निगेटिविटी नजर आ रही है। इसके बावजूद लॉन्ग टर्म में गोल्ड इन्वेस्टमेंट आकर्षक माना जा सकता है। अगर जल्दी ही जियो पॉलिटिकल टेंशन पर काबू नहीं पाया गया और वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता बनी रही, तो सोने की कीमत में एक बार फिर तेजी आ सकती है। मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की चाल किस दिशा में जाएगी, इसका जनवरी में ट्रंप के डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद ही पता चल सकेगा। इसलिए फिलहाल छोटे निवेशकों को गोल्ड मार्केट में काफी संभल कर अपनी निवेश योजना को अमल में लाना चाहिए।