जीत का एक और तमगा भगवान सिंह की झोली में, दक्षिण बिहार (झारखंड) की सीट बचाने में सफल रही सीजीपीसी

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जमशेदपुर : तख़्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब कमेटी के चुनाव को लेकर उहापोह और निरंतर उतार-चढ़ाव भरे माहौल में सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह के कुशल नेतृत्व में सीजीपीसी आखिरकार दक्षिण बिहार (झारखंड) के गुरुद्वारों के वोट बचाने में सफल रही। भगवान सिंह ने इसे संवैधानिक जीत बताया है। इस गंभीर मुद्दे को लेकर सीजीपीसी के एक दल तख़्त श्री पटना साहिब में कैंप किये हुए था।रविवार, 15 सितंबर 2024 को पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर बुलाई गई बैठक, पटना साहिब में प्रबंधक कमेटी की बैठक में यह चर्चा थी कि जगजोत सिंह सोही गुट दक्षिण बिहार, विशेष रूप से झारखंड के गुरुद्वारों के वोट काटने की कोशिश कर रहे हैं। परन्तु लेकिन समय रहते सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह के नेतृत्व में सीजीपीसी के प्रतिनिधिमंडल दल ने इस पर सफलतापूर्वक दबाव बनाया, जिससे इस मुद्दे पर बैठक में कोई चर्चा ही नहीं हुई और 2018 की तर्ज पर ही चुनाव की प्रक्रिया तय की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि तीन महीने के भीतर चुनाव होंगे, लेकिन चुनावी प्रक्रिया जल्द ही शुरू कर दी जाएगी। महासचिव सरदार इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वोटर लिस्ट तैयार कर ली गई है और वे चाहते हैं कि चुनाव जल्द से जल्द हों। उन्होंने बताया कि बिहार राज्य चुनाव आयोग को वोटिंग लिस्ट भेजी गई थी, जिसमें कुछ खामियां थीं, जिन्हें सुधार लिया जाएगा। इस बैठक में बिहार और झारखंड की सभी कमेटियों के लोग महासचिव इंद्रजीत सिंह के पक्ष में मौजूद थे और उन्होंने उन पर पूर्ण विश्वास जताया। उनका कहना था कि इंद्रजीत सिंह के नेतृत्व में पटना साहिब गुरूद्वारे में जितना विकास हुआ है, वह पहले कभी नहीं हुआ। सभी संगत ईमानदार और स्वच्छ छवि के इंद्रजीत सिंह के साथ हैं और रहेंगी।इस महत्वपूर्ण बैठक में सीजीपीसी के प्रधान सरदार भगवान सिंह, महासचिव सरदार गुरचरण सिंह बिल्ला, उपाध्यक्ष चंचल सिंह, गुरनाम सिंह, टिनपलेट गुरुद्वारा के प्रधान सुरजीत सिंह खुशीपुर, सीजीपीसी के सलाहकार सुरेंद्र सिंह शिंदे, कुलदीप सिंह खुशीपुर, सुखदेव सिंह बिट्टू, सुखवंत सिंह, गुरमीत सिंह मंगू, संदीप सिंह, शरणपाल सिंह पन्नू, भभुआ बिहार से रणजीत सिंह, सासाराम गुरुद्वारा से बजरंगी दास, दीपक लांबा, लखी बग्गा, मनोहर बग्गा और अन्य धनबाद, हज़ारीबाग़, राँची, रामगढ़ गुरुद्वारों के कई प्रमुख और प्रतिनिधि उपस्थित थे।