Eksandeshlive Desk
खूंटी : नई पंचायती राज व्यवस्था लागू होने के बाद खूंटी जिले में तीन पंचायत चुनाव हो चुके हैं और जिला परिषद कें तीन अध्यक्ष भी चुने गये, लेकिन जिले का दुर्भाग्य कहें या कुछ और, इनमें दो जिला परिषद अध्यक्ष को जेल की हवा खानी पड़ी। दोनों के जेल जाने का कारण लगभग एक समान है। खूंटी जिला परिषद के वर्तमान अध्यक्ष मसीह गुड़िया को चुटिया थाना की पुलिस ने शनिवार को जिला परिषद के चैंबर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसके पूर्व 2011 में निवर्तमान जिलाध्यक्ष अगस्तुस गुड़िया को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
खूंटी जिले की राजनीति में हलचल : जिला परिषद अध्यक्ष की गिरफ्तारी के बाद खूंटी जिले की राजनीति में हलचल मच गई है। आमजन से लेकर राजनीतिक गलियारों तक में इस विषय पर तरह-तरह की चर्चा तेज हो गई है। मसीह गुड़िया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए दस में से सात जिला परिषद सदस्यों ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी को आवेदन दिया था, पर कोरम पूरा नहीं होने के कारण इसे निरस्त कर दिया गया। लोगों में इस बात को लेकर चर्चा है कि अब परिषद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी किसको दी जाएगी।वैसे तो अध्यक्ष की अनुपस्थिति में प्रावधान अनुसार अध्यक्ष की जिम्मेदारी जिला परिषद उपाध्यक्ष मंजू देवी को सौंपी जा सकती है और दोबारा अध्यक्ष का चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर होगा। जानकारों का कहना है कि जिला परिषद अध्यक्ष का पद रिक्त होने से विकास कार्यों पर पड़ना तय है।
युवती की खुदकुशी के मामले में अगस्तुस गुड़िया की हुई थी गिरफ्तारी : वर्ष 2010 में हुए पंचायत चुनाव में अगुस्तुस गुड़िया जिला परिषद अध्यक्ष बने थे। एक वर्ष तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन 11 नवम्बर 2011 को एक युवती ने फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली। इस मामले में अगुस्तुस गुड़िया को आरोपित बनाया गया और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उनके जेल जाने के बाद उपाध्यक्ष संगीता कुमारी ने कार्यभार संभाला था। अगस्तुस गुड़िया के त्यागपत्र देने के बाद अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में मायलीना टोपनो जिला परिषद की अध्यक्ष चुनी गई थी।