Eksandeshlive Desk
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक संपन्न हुई। बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि सभी मंत्रियों को उनके विभागों की दो महीने में समीक्षा करने का निर्देश दिया गया है। पदाधिकारी से मंत्री तक तय किए गए हैं। आने वाले समय में राज्य को बेहतर दिशा कैसे दें, इसमें कुछ 15-16 प्वाइंट बनाये गये हैं, जो आगे की रूपरेखा तय करेंगे। सोरेन ने कहा कि रांची ही नहीं बाकी जिला कार्यालयों तक बैठक होगी और मंत्री समीक्षा करेंगे। इसमें सभी चीजों को देखा जायेगा। सभी विभागों में प्रमोशन भी होंगे। जल्द से जल्द समस्याओं का समाधान होगा। कुल मिलाकर बहुत से विषय हैं। मंत्रियों को विभागों को दुरूस्त करने का निर्देश दिया गया है। हेड क्वार्टर से लेकर जिला कार्यालय तक समीक्षा करने को कहा गया है। दो महीने में सभी विभागों की समीक्षा मंत्री करेंगे और पदधिकारियों के कार्यकुशलता का भी ध्यान रखेंगे। फिर सभी चीजों से उन्हें भी अवगत कराने कहा गया है।
कैबिनेट में लिए गए 17 प्रमुख निर्णय
मंत्रिपरिषद में भेजे जाने वाले प्रस्ताव पर स्वयं संतुष्ट हो लें। वित्त विभाग, विधि विभाग, कार्मिक विभाग से भी सम्पर्क करें ताकि ससमय मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रस्ताव आ सके। सभी मंत्रीगण अपने-अपने विभागों के सभी जिला के क्षेत्रीय कार्यालय में जाकर विभागीय कार्यकलाप की समीक्षा करें तथा विभागीय योजनाओं के लाभुकों से मुलाकत कर फीडबैक लें। विभागीय कार्यकलाप का समीक्षा करें। सभी योजनाओं को समझ कर उसके गुण-दोष का अध्ययन करें। वैसी योजनाएं जो बहुत दिनों से लम्बित हैं, उसके लम्बित रहने के कारण की समीक्षा करें और उसको पूरा कराने के लिए कार्रवाई करें। कई योजनाएं ऐसी हैं, जिसमें आज की पृष्ठभूमि में बदलाव अपेक्षित है या फिर कुछ प्रावधान के कारण क्रियान्वयन में कठिनाई होती है उसके निराकरण का प्रस्ताव प्राप्त कर कार्रवाई करें। राज्य में आपके विभाग के योजना से यदि कोई क्षेत्र छूटा हुआ है, खासकर दूर-दराज के क्षेत्र, एससी-एसटी क्षेत्र, पहाड़ी क्षेत्र उसके लिए योजना के प्रस्ताव पर विचार करें। वैसे विभाग जिनमें राजस्व प्राप्ति की बेहतर संभावनाएं हैं, वे राजस्व स्रोत की समीक्षा कर राजस्व प्राप्ति की बढ़ोत्तरी का प्रस्ताव तैयार करें। भवन जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर वाली योजना की विशेष समीक्षा करें ताकि बना हुआ भवन का वास्तविक इस्तेमाल हो सके। अनावश्यक भवन आदि की योजना न लिया जाय। वर्ष 2025-26 में ली जाने वाली योजनाओं की रूपरेखा तैयार करें। अधीनस्थ अधिकारी, कर्मचारी के प्रोन्नति की स्थिति की समीक्षा करें और प्रोन्नति प्रदान करें। पदस्थापना की समीक्षा करें और आवश्यकता या कम जरूरी के आधार पर एडजस्टमेंट करें। आप्त सचिव तथा निजी स्टॉफ रखते समय उसकी पृष्ठभूमि जरूर देख लें ताकि विवादित कर्मी मंत्री कार्यालय में स्थान नहीं पायें। कोर्ट केस मामले की भी समीक्षा करें ताकि सरकार केस कम से कम हारे। अपने विधानसभा क्षेत्र से बाहर भी हर जिला में भ्रमण करें और लोगों से मिलकर वहां की समस्या (खासकर अपने विभाग से संबंधित) के निपटारा के लिए प्रयास करें। क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बारे में क्षेत्र भ्रमण के क्रम में फीडबैक प्राप्त करें और मुख्यमंत्री को समय-समय पर अवगत कराएं। स्थानीय जन प्रतिनिधियों से मिलने के लिए तिथि का निर्धारण कर दें, ताकि सभी को सहुलियत हो। सभी मंत्री समय-समय पर अपने विभाग की उपलब्धियों के विषय में प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी उपलब्ध कराते रहेंगे।