झारखण्ड के जन नेता दिशोम गुरू को दी गई श्रद्धांजली

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BHASKAR UPADHYAY

हजारीबाग:  जन सेवा परिषद गैर सरकारी संगठन के संयोजन कार्यालय मुख्य डाकघर मार्ग जुलु पार्क हजारीबाग में झारखण्ड आंदोलन के प्रणेता रहे शिबू सोरेन के लिए एक श्रद्धांजली कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मौके पर संस्था के सचिव रामलाल प्रसाद, प्रदीप कुमार, विवेक कुमार, बिकास कुमार, प्रमिला देवी, स्वीटी कुमारी, जुली कुमारी, दृष्टिबाधित एवं अल्प दृष्टिबाधित लोगों के लिए तान्या कम्प्युटर सेंटर के संयोजक हरदेव पंडित एवं छात्र छात्राऐं आदि उपस्थित थे। उपस्थित लोगों ने उनकी आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखा तदुपरांत सभी ने मुक्त कंठों से झारखण्ड के लिए उनके योगदान की सराहना की। रामलाल प्रसाद ने उनके बारे में बताते हुए कहा कि शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को रामगढ जिला अंतर्गत गोला प्रखण्ड के नेमरा गाँव मे हुआ था उनके पिता का नाम सोबरन सोरेन था वे गांधीवादी विचारधारा में विष्वास रखते थें । परंतु स्कूल के दिनों में ही उनके पिता की हत्या सूदखोरों द्वारा भाडे़ के लठैतों से करवा दी गई। इस घटना का उनके जीवन पर एक गहरा प्रभाव पड़ा और वे सूदखारी एवं व्याप्त अन्य कुरीतियों कि खिलाफ उठ खडे़ हुए । 18 वर्ष की उम्र में उन्होने संथाल नवयुवक संघ एवं 1972 में अपने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर झारखझण्ड मुक्ति मोर्चा का गठन किया जिसने अंततः वर्ष 2000 में बिहार से अलग एक नए राज्य झारखण्ड के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। झारखण्ड उनके योगदान को हमेसा याद रखेगा।