Eksandeshlive Desk
रांची : झारखंड की राजधानी सहित सहित राज्य के अधिकांश जिलों में मेघगर्जन के साथ वर्षा और ओलावृष्टि हुई। रांची में सुबह पांच बजे से बरसात शुरू हुई जिससे मौसम का मिजाज बदल और गुलाबी ठंडक में थोड़ी बढ़ोतरी महसूस की गई। हल्की बारिश से रांची में तापमान में लगभग छह डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। सुबह में रांची में तापमान 23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड दर्ज किया गया जो बुधवार को 29.8 डिग्री सेल्सियस था। हालांकि बाद में मौसम कुछ देर के लिए साफ हो गया, लेकिन दोपहर बाद पुन: आसमान में बादल छाए।
इन जिलों में जमकर हुई बारिश : मौसम विज्ञान केंद्र रांची ने इसे लेकर आरेंज और यलो अलर्ट जारी किया है। 20 फरवरी को राज्य के दक्षिणी हिस्से पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, सिमडेगा और सरायकेला खरसावां के अलावे निकटवर्ती मध्य भाग यानी रांची, रामगढ़, हजारीबाग, गुमला, बोकारो, खूंटी और लोहरदगा में मेघगर्जन और 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा चल रही है। यही स्थिति इन जिलों में 21 फरवरी को भी बनी रहेगी और आंशिक बादल छाए रहेंगे। उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने पूर्व में ही गुरुवार और शनिवार को राज्य के दक्षिणी, पूर्वी, मध्यवर्ती और पश्चमी जिलों के कई इलाकों में गर्जन के साथ ओलावृष्टि और वज्रपात को लेकर येलो अलर्ट जारी किया था।
22 फरवरी को भी बारिश के आसार : मेघ गर्जन के साथ वर्षा होने की संभावना है। इसका असर पश्चिमी सिंहभूम, खूंटी, सिमडेगा में अधिक देखने को मिल सकता है। वहीं 22 फरवरी को दक्षिणी व निकटवर्ती मध्य हिस्सों के अलावे उत्तर पूर्वी हिस्से यानी देवघर, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, जामताड़ा, साहिबगंज, धनबाद, गिरिडीह में भी कहीं कहीं ओलावृष्टि होने के साथ साथ मेघगर्जन और 40 से 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से तेज हवा बहने की संभावना है।
रिमझिम बारिश से रबी की फसलों को मिली संजीवनी
लोहरदगा : मौसम में परिवर्तन के बाद गुरुवार सुबह क्षेत्र में झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे में खुशी देखने को मिल रही है। बादलों से घिरे आसमान के बीच सुबह होने से पूर्व बारिश शुरू हुई,जो कुछ देर बाद थम गई। अहले सुबह से तेज हवाओं के साथ रिमझिम बारिश के साथ वज्रपात भी देखने को मिली। बारिश से मौसम में आई नमी के कारण आमजन ने जहां गुलाबी ठंड का एहसास किया।वहीं किसानों के चेहरे खिल गए। बीते कुछ दिनों से लोगों को गर्मी का एहसास होने लगा था।छोटे-मोटे जलाशय सूखने से किसानों के समक्ष सिंचाई की समस्या उत्पन्न हो गई थी। ऐसे में बारिश किसानों के लिए संजीवनी साबित हुई।जिले के कृषि वैज्ञानिक हेमंत कुमार पांडेय की मानें तो हल्की बारिश से खेतों में लगे फसलों को संजीवनी मिली है। फसलों के लिए पानी ऑक्सीजन का काम करेगी। वहीं अन्य रवि फसलों को भी फायदा पहुंचेगा। जिला कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि वर्तमान में हल्की बारिश नुकसान तो नहीं करेगी, लेकिन फूल लगी दलहन और तेलहन की फसलों में लगे फूलों को झड़ने की संभावना बनेगी।
खूंटी में जमकर हुई ओलावृष्टि, सड़कों और घरों की छतों पर कई इंच मोटी बर्फ जमी
खूंटी : खूंटी जिला मुख्यालय के लोगों को गुरुवार की सुबह कश्मीर सा नजारा देखने को मिला। सुबह लगभग आठ बजे हल्की हवा के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई। 15-20 मिनट की ओलावृष्टि से सड़कों और लोगों के घरों की छतों पर कई इंच मोटी बर्फ जम गई। सुबह आई हल्की आंधी की चपेट में आकर एक स्कूली बच्चा भी घायल हो गया। स्थानीय लोगों की मदद से उसे सदर अस्पताल भेजा गया। बर्फबारी का नजारा देखने और फोटो लेने के लिए लोग घरों से निकल पड़े। हालांकि ओलावृष्टि सिर्फ जिला मुख्यालय में ही हुई। जिले के कर्रा, तोरपा, रनिया, मुरहू और अड़की प्रखंड के किसी इलाके में ओलावृष्टि नहीं हुई। इसके कारण इस क्षेत्र में फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। अचानक हुई ओलावृष्टि से आम, लीची आदि की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस संबंध में कृषि विज्ञान केंद्र खूंटी के अध्यक्ष वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक राय ने कहा कि ओलावृष्टि से आम की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा सब्जी और तरबूज तथा अन्य फसलों पर भी इसका असर पड़ा है। डॉ दीपक राय ने कहा कि आम में मंजर आने के बाद पारागण और फल बनने की महत्वपूर्ण अवस्था चल रही है। ऐसे समय में ओलावृष्टि काफी नुकसानदायक हो जाती है। भारी बारिश और बर्फबारी के कारण खूंटी के डाक बंगला रोड में कई पेड़ और बिजली के खंभे और तार गिर गये हैं। इसके कारण कुछ देर तक आवागमन बाधित रहा। बिजली तार गिरने के कारण बिजली की आपूर्ति भी ठप है। खूंटी प्रखंड के अन्य इलाकों में भी बिजली के खंभे और पेड़ गिर गये हैं।