झारखंड में भाजपा हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करेगी

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प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने कहा- राज्य सरकार “अबुआ सरकार” नहीं, असल में “ठगवा सरकार” है

Eksandeshlive Desk

रांची : झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पार्ट-2 के एक वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर से आरोप पत्र जारी किया जाएगा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को इस संबंध में आरोप पत्र तैयार करने के लिए एक सात सदस्यीय आरोप पत्र समिति का गठन किया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की ओर से गठित समिति में झारखंड विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक और विधायक नवीन जायसवाल, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री भानु प्रताप शाही ,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ,प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक, सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह, पूर्व सांसद एवं प्रवक्ता गीता कोड़ा तथा अंत्योदय के संपादक रविनाथ किशोर शामिल हैं। समिति की घोषणा करते हुए प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद आदित्य साहू ने कहा कि जनता हेमंत सरकार की वादा खिलाफी, भ्रष्टाचार और पूरी तरह से ध्वस्त विधि-व्यवस्था से त्रस्त है। प्रदेश भाजपा आरोप पत्र के माध्यम से हेमंत सरकार की नाकामियों को उजागर करेगी।

हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड को छह वर्षों में 25 वर्ष पीछे धकेला : मरांडी ने हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने राज्य सरकार पर आदिवासियों के शोषण, भ्रष्टाचार और जनता को बरगलाने का आरोप लगाया। बाबूलाल मरांडी ने गुरुवार को घाटशिला में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने झारखंड को छह वर्षों में 25 वर्ष पीछे धकेल दिया है। यह सरकार पूरी तरह से आदिवासी विरोधी, विकास विरोधी और जनविरोधी है। यह सरकार केवल नाम की “अबुआ सरकार” है, वास्तव में यह “ठगुवा सरकार” है, जिसने झारखंड के युवाओं और आदिवासियों को ठगा है। मरांडी ने आरोप लगाया कि चाईबासा सदर अस्पताल में थैलसीमिया से पीड़ित पांच आदिवासी बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाया गया, जो राज्य सरकार की घोर लापरवाही और संवेदनहीनता का उदाहरण है। प्रदेश में इलाज के नाम पर मौत परोसी जा रही है, लेकिन सरकार ने केवल कुछ लोगों को निलंबित कर मामले को दबाने की कोशिश की है। इस मामले पर मुख्यमंत्री मौन साधे बैठे हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री विपक्ष पर दोष मढ़ने में लगे हैं। मरांडी ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार की शुरुआत ही आदिवासियों की हत्या से हुई। 2020 में चाईबासा में सात आदिवासियों की हत्या हुई थी और इसी वर्ष सिद्धू-कान्हू के वंशज रामेश्वर मुर्मू की हत्या हुई, जो इस सरकार की असफलता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि सरकार के संरक्षण में माफिया और घुसपैठिए आदिवासियों की जमीन लूट रहे हैं, महिलाएं असुरक्षित हैं, जबकि पेंशन, छात्रवृत्ति और रोजगार योजनाएं ठप हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि पेसा कानून लागू न करके इस सरकार ने आदिवासियों के अधिकारों का गला घोंटा है। राज्य में प्रखण्ड और थाना स्तर पर केवल वसूली हो रही है, जनता परेशान है और विकास के सारे कार्य ठप हैं। हेमंत सरकार जनता के हितों की जगह लूट और भ्रष्टाचार में व्यस्त है, कानून-व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है, अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है। उन्होंने जनता से अपील की कि घाटशीला उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार बाबूलाल सोरेन को विजयी बनाएं, ताकि झारखंड को लूट और भ्रष्टाचार से मुक्ति मिल सके। उन्होंने कहा कि घाटशिला जैसे आरक्षित क्षेत्र में मुस्लिम आबादी की वृद्धि दर पांच वर्षों में 29.4 प्रतिशत रही है, जबकि सामान्य वर्ग की केवल 3 प्रतिशत। यह एक सुनियोजित साजिश है।

फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर ग्रामीण इलाकों में वोट बैंक तैयार किया : मरांडी ने आरोप लगाया कि हेमंत सरकार ने फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाकर ग्रामीण इलाकों में वोट बैंक तैयार किया है। राज्य सरकार अपने राजनीतिक लाभ के लिए झारखंड की सामाजिक संरचना बदलने का षड्यंत्र कर रही है। उन्होंने बताया कि हेंदलजोरी पंचायत में 174 मुस्लिम महिलाओं को ‘मईयां सम्मान योजना’ की राशि दी गई, जबकि उस पंचायत में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। मरांडी ने कहा कि सरकार घुसपैठियों को राशन कार्ड, आधार कार्ड और योजनाओं का लाभ दिला रही है। यह झारखंड की अस्मिता और सम्मान पर हमला है। अगर अब भी जनता ने इस सरकार को सबक नहीं सिखाया, तो यह सरकार झारखंड की अस्मिता और सम्मान को बेच देगी। भाजपा और राजग ही झारखंड को भ्रष्टाचार, माफियाओं और घुसपैठियों से मुक्त करा सकता है। इस अवसर पर चुनाव प्रभारी अभय सिंह, जिलाध्यक्ष चंडीचरण साव, अशोक बड़ाईक, सुजन मन्ना सहित अन्य नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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