Eksandeshlive Desk
रांची/पश्चिम सिंहभूम/पूर्वी सिंहभूम : राज्य भर में भारी बारिश से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। पश्चिम सिंहभूम जिले में जगन्नाथपुर-जैंतगढ़ मुख्य सड़क पर स्थित कांकुवा नदी की पुलिया का एप्रोच रोड पूरी तरह बह गया, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूर्णतः अवरुद्ध हो गया है। इससे स्थानीय लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति में अब रविवार को आंशिक राहत के संकेत मिल रहे हैं। स्वर्णरेखा नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे कुछ क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है। हालांकि खरकई नदी का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे तटीय इलाकों में जलजमाव की स्थिति बरकरार है।
सबसे अधिक घाटशिला में 192.6 मिमी बारिश रिकार्ड की गई : झारखंड में पिछले 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में 192.6 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की गई। इस दौरान रांची में 24 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। वहीं राज्य के कई इलाकों में भी भारी बारिश दर्ज की गई है। इनमें मंझारी 189 मिलीमीटर, सरायकेला 129, तांतनगर 125.8, हाटगम्हरिया 122.6,मझगांव 118.6, कुडू 117.2, मांडर 110.6, मुसाबनी 102.4, सिसई 100.6, चांडिल 99.6, गोइलकेरा 98.2, अड़की 98, चाईबासा में 96.5, सरयू में 96, गुदरी 92.6, लातेहार के बालूमाथ में 89, गुरु में 88.2, कुमारडूंगी में 87.4, सोनुआ में 86, जमशेदपुर में 82.6, धालभूमगढ़ में 75.6 मिमी सहित राज्य के अन्य इलाकों में भी भारी बारिश रिकॉर्ड की गई। राजधानी रांची में भी लगातार बारिश से लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई है। कई निचले इलाकों में बारिश का पानी घुसने से लोग परेशान हैं। कई गलियां और सड़के पानी में डूब गई हैं। रांची स्थित धुर्वा डैम, गोंदा और घेतलसूद डैम का जल स्तर काफ़ी बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार 29 जुलाई को राज्य के दक्षिण और पूर्वी जिलों के कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की संभावना है। इन क्षेत्रों में आकाशीय बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की भी संभावना है। वहीं 30 जुलाई को उत्तर पूर्वी इलाके के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की संभावना है। इन क्षेत्रों के कुछ हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवा चलने की संभावना है। इधर, रविवार को रांची और आसपास के इलाकों में सुबह से बादल छाए रहे। इससे तापमान में कमी दर्ज की गई और हल्की ठंड का एहसास हुआ। रविवार को रांची में अधिकतम तापमान 26.3, जमशेदपुर में 31 डिग्री, डाल्टनगंज में 31 डिग्री, बोकारो में 33.1 और चाईबासा में अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया।
भारी बारिश से कांकुवा नदी की पुलिया का एप्रोच रोड बहा : पश्चिम सिंहभूम जिला में बीते शुक्रवार से लगातार मूसलधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। जगन्नाथपुर-जैंतगढ़ मुख्य सड़क पर स्थित कांकुवा नदी की पुलिया का एप्रोच रोड पूरी तरह बह गया, जिससे इस मार्ग पर आवागमन पूर्णतः अवरुद्ध हो गया है। इससे स्थानीय लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इसी क्रम में रविवार को क्षेत्र की पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने घटनास्थल का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित ग्रामीणों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं और त्वरित समाधान का आश्वासन दिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने पीडब्लूडी के अधिकारियों को निर्देश दिया कि पुलिया की मरम्मत का कार्य शीघ्र शुरू किया जाए और तब तक के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए ताकि आमजन की आवाजाही बहाल हो सके।गीता कोड़ा ने कहा कि जनसामान्य की सुविधा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जिले में लगातार हो रही बारिश के कारण कई सड़कों, पुलों और स्कूल भवनों को नुकसान पहुंचा है, वहीं ग्रामीण इलाकों में गरीबों के कई कच्चे मकान भी ढह गए हैं। पूर्व सांसद ने जिला प्रशासन से मांग की है कि सभी क्षतिग्रस्त सड़कों और पुलों की मरम्मत तत्काल की जाए, बारिश में जिन गरीब परिवारों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं उन्हें यथाशीघ्र मुआवजा दिया जाए, प्रभावित परिवारों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ा जाए और बारिश खत्म होते ही सड़कों पर बने गड्ढों की मरम्मत कर दुर्घटनाओं की रोकथाम की जाए।
जमशेदपुर में बाढ़ से राहत के संकेत, स्वर्णरेखा का जलस्तर घटा : पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिले में बीते कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ की स्थिति में अब रविवार को आंशिक राहत के संकेत मिल रहे हैं। स्वर्णरेखा नदी के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है, जिससे कुछ क्षेत्रों में पानी उतरने लगा है। हालांकि खरकई नदी का जलस्तर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बना हुआ है, जिससे तटीय इलाकों में जलजमाव की स्थिति बरकरार है। स्वर्णरेखा नदी का जलस्तर मानगो पुल स्थल पर खतरे के स्तर 121.50 मीटर से नीचे आकर 120.66 मीटर पर पहुंच गया है। यह राहत की खबर है, लेकिन प्रशासन अभी भी सतर्क है और नदी के किनारे बसे इलाकों पर नजर रखी जा रही है। वहीं खरकई नदी आदित्यपुर पुल स्थल पर अब भी खतरे के स्तर 129 मीटर से ऊपर 132.79 मीटर पर बह रही है। नदी के उफान से कदमा, शास्त्रीनगर, बागबेड़ा, सोनारी और आदित्यपुर जैसे निचले इलाकों में पानी घरों में घुस गया है। कई मोहल्लों की गलियों में नाव से आवाजाही हो रही है और लोग घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने को मजबूर हैं। जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। प्रभावित क्षेत्रों में खाद्यान्न, पीने का पानी, टॉर्च, दवाइयों और जरूरी सामान की आपूर्ति की जा रही है। प्रशासन की ओर से चेतावनी जारी करते हुए लोगों से अपील की गई है कि वे नदी के किनारे ना जाएं और किसी भी आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर तुरंत संपर्क करें। जिले में बीते 24 घंटे में 85 मिमी वर्षा दर्ज की गई है।
अगले दो दिनों तक हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना : मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक हल्की से मध्यम वर्षा की संभावना जताई है। प्रशासन की ओर से स्कूलों को एहतियातन बंद रखने और बांधों से जल निकासी की निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन द्वारा संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और राहत टीमें तैनात कर दी गई हैं। तटीय इलाकों के लोगों को ऊंचाई वाले सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है। स्थिति की सतत निगरानी की जा रही है और किसी भी तरह की ढिलाई न बरतने की सलाह दी गई है। बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए अस्थायी शिविर भी बनाए गए हैं जहां उन्हें भोजन, चिकित्सा और रहने की व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि स्वर्णरेखा में जलस्तर में गिरावट राहत की बात है, लेकिन जब तक खरकई नदी का जलस्तर सामान्य नहीं होता, प्रशासन ने अलर्ट जारी रखने का निर्णय लिया है।