Rahul Kumar Barkattha
बरकट्ठा/हजारीबाग : झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ/कोबरा बलों ने संयुक्त रूप से जिले के गोरहर में एक बड़ी सफलता हासिल की है। नक्सल विरोधी इस अभियान में सोमवार सुबह तीन शीर्ष माओवादी नेताओं को मार गिराया गया है, जिनमें से एक सहदेव सोरेन पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। सहदेव सोरेन उर्फ प्रयाग दा सेंट्रल कमेटी का सदस्य था। इनके खिलाफ गिरिडीह और बोकारो में कुल 30 मामले दर्ज हैं। ये बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह क्षेत्रों में सक्रिय थे और इन्होंने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था, जिनमें 20 लोगों की हत्या और कई पुलिसकर्मियों पर हमले शामिल हैं। इनकी प्रमुख घटनाओं में वर्ष 2006 में बांका जिले में एसटीएफ पर हमला कर हथियार लूटना, गिरिडीह जिले में पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के भाई और भतीजे की हत्या, और मुंगेर जिले में एसएपी जवानों पर हमला कर हत्या और हथियार लूटना शामिल है।
रघुनाथ हेम्ब्रम 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था : सहदेव सोरेन पर झारखंड सरकार द्वारा एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था। वहीं दूसरे माओवादी रघुनाथ हेम्ब्रम उर्फ शिबू मांझी उर्फ निर्भय उर्फ बिरसेन उर्फ चंचल (एसएसी) हैं, जिन पर झारखंड सरकार द्वारा 25 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनके खिलाफ कुल 58 मामले दर्ज हैं। ये बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह क्षेत्रों में सक्रिय थे और इन्होंने कई बड़ी घटनाओं में भाग लिया था। इनकी प्रमुख घटनाओं में वर्ष 1998 में बोकारो जिले में पुलिस शिविर पर हमला, वर्ष 2000 में विधानसभा चुनाव के दौरान पुलिस बल की गाड़ी उड़ाना, और 2006 में चाईबासा जिले में पुलिस गाड़ी को विस्फोट कर उड़ाना शामिल है। तीसरे माओवादी बिरसेन गंझू उर्फ खेलावन गंझू उर्फ रामखेलावन उर्फ छोटा बिरसेन (जेडसीएम) हैं, जिन पर झारखंड सरकार द्वारा 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था। इनके खिलाफ कुल 36 मामले दर्ज हैं। ये बोकारो, हजारीबाग और गिरिडीह क्षेत्रों में सक्रिय थे और इन्होंने कई मुठभेड़ों में भाग लिया था। इनकी प्रमुख घटनाओं में 2015 में सारंडा से वापस आते समय तैमारा घाटी में पुलिस के साथ मुठभेड़ और जनवरी 2022 में धमधड़वा में पुलिस के साथ मुठभेड़ शामिल है।
माओवादी संगठन को बड़ा झटका : झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ/कोबरा बलों ने संयुक्त रूप से हजारीबाग जिले के गोरहर थाना क्षेत्र में पांतीतरी जंगल में अभियान चलाया। इस दौरान माओवादियों ने पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग और ग्रेनेड से हमला किया, लेकिन जवाबी कार्रवाई में तीन शीर्ष माओवादी नेताओं को मार गिराया गया। इस अभियान में कोबरा के दो जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज मेदांता रांची में चल रहा है और वे खतरे से बाहर हैं। झारखंड पुलिस ने सभी नक्सलियों से अपील की है कि वे झारखंड राज्य की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति का लाभ उठाकर मुख्य धारा में शामिल हों और विकास में योगदान करें। जब्त सामग्री में 3 एके-47 राइफल, 63 एम-47 के कारतूस, 6 भरे हुए मैगजीन और अन्य सामग्री शामिल हैं। इस अभियान से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है और इससे नक्सली गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।