Eksandeshlive Desk
रांची/पूर्वी सिंहभूम/खूंटी/लोहरदगा : राजधानी रांची सहित झारखंड के कई जिलों में मंगलवार से हो रही मानसून की पहली बरसात से एक ओर जहां किसानों के चेहरे पर मुस्कान लौट आई है, वहीं आम जन जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में सबसे अधिक बारिश रांची जिले में 128 मिमी रिकॉर्ड की गई। वहीं इस दौरान धनबाद के पंचेत में 73.2 मिमी रिकॉर्ड की गई। इस बीच, झारखंड के 13 जिलों में दो दिनों तक भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग की ओर से बुधवार और गुरुवार को राज्य के कई जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। वहीं पूर्वी सिंहभूम जिले में प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल बंद कर दिए हैं।
इन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी : राज्य के जिन जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है उनमें 18 जून को धनबाद, दुमका, जामताड़ा, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, बोकारो और रामगढ़, जबकि 19 जून को रांची, रामगढ़, बोकारो, हजारीबाग, कोडरमा और गिरिडीह शामिल है। वहीं 20 जून को पलामू, गढवा, चतरा, लातेहार में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा हजारीबाग, गिरिडीह, देवघर, दुमका और कोडरमा में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा 21 जून को राज्य के गढवा, छत्र, पलामू, देवघर, पलामू,दुमका और जामताड़ा में कहीं कहीं भारी बारिश होने की आशंका है। इधर, राज्य में सबसे अधिक अधिकतम तापमान डालटेनगंज में 38.4 और सबसे कम न्यूनतम तापमान गुमला में 21.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बुधवार को रांची में तापमान 23 डिग्री, जमशेदपुर में 25, डालटेनगंज में 28, बोकारो में 26 और चाईबासा में तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
नदियों के किनारे रहने वाले रहें सतर्क : पूर्वी सिंहभूम जिला में मौसम विज्ञान केंद्र, रांची की ओर जारी पूर्वानुमान के अनुसार मंगलवार से लगातार बारिश हो रही है। इसके अलावा बुधवार को भी जिले में भारी से अति भारी वर्षा होने की संभावना जताई गई है। इसे लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और नागरिकों से भी सजग रहने की अपील की गई है। विशेषकर स्वर्णरेखा और खरकई नदी के किनारे तथा अन्य निम्न इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्कता बरतने को कहा गया है, क्योंकि तेज वर्षा के कारण नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है और बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और नागरिकों की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने नागरिकों से अपील की है कि वे भारी वर्षा के दौरान सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर शरण लें और किसी भी स्थिति में प्रशासन की ओर से जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और जिला प्रशासन का राहत और बचाव दल पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। जिले के सभी नगर निकायों, अंचल अधिकारियों और प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अलर्ट रहने और अपने-अपने क्षेत्रों में आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। किसी भी प्रकार की अफवाह से बचने और अधिकृत सूचना पर ही विश्वास करने की सलाह भी नागरिकों को दी गई है। प्रशासन की ओर से कहा गया है कि नागरिक नदियों के किनारे न जाएं और जरूरी कारणों को छोड़कर घर से बाहर निकलने से बचें। किसी भी आपात स्थिति में वे तत्काल स्थानीय नगर निकाय, प्रखंड प्रशासन या नजदीकी थाना से संपर्क करें।
कक्षा एक से आठ तक के सभी स्कूल बंद : पूर्वी सिंहभूम जिले में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही अत्यधिक वर्षा और संभावित जलभराव तथा सुरक्षा कारणों को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाया है। जिला शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार 18 जून 2025 (बुधवार) को कक्षा 1 से 8 तक के सभी प्रकार के विद्यालय – सरकारी, निजी, सहायता प्राप्त एवं मदरसा-बंद रहेंगे। इस निर्णय के पीछे प्रमुख कारण जिले में हो रही मूसलधार बारिश और उसके कारण उत्पन्न होने वाले संभावित खतरा हैं। प्रशासन को यह आशंका है कि नदी-नालों के जलस्तर में वृद्धि, जलजमाव, बिजली के खंभों से खतरा और सड़कों की फिसलन जैसी स्थितियां बच्चों की सुरक्षा के लिए संकट पैदा कर सकती हैं। आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि वे विद्यालय जहां उच्चतर कक्षाएं (कक्षा 9 से 12 अथवा कॉलेज स्तरीय कक्षाएं) संचालित हो रही हैं, उनमें केवल कक्षा एक से आठ तक की पठन-पाठन गतिविधियां स्थगित रहेंगी, जबकि अन्य कक्षाओं में पढ़ाई सामान्य रूप से जारी रहेगी। जिला प्रशासन ने सभी विद्यालय प्रमुखों को निर्देश दिया है कि वे आदेश का अक्षरशः पालन सुनिश्चित करें और विद्यार्थियों और अभिभावकों को समय रहते इसकी सूचना दें। साथ ही अभिभावकों से अपील की गई है कि वे बच्चों को अनावश्यक रूप से बारिश के दौरान बाहर निकलने न दें। मौसम विभाग रांची की ओर से पूर्व में जारी चेतावनी के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम जिला के कई हिस्सों में तेज हवाओं के साथ भारी वर्षा की संभावना जताई गई है। खासतौर पर स्वर्णरेखा और खरकई नदी के तटीय और निम्न क्षेत्रों में जलस्तर में तेज़ बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बनने की आशंका भी जताई गई है। इस बीच, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और नगर निगम को अलर्ट पर रखा गया है। निचले इलाकों में रहने वाले लोगों से सतर्क रहने और आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित होने की अपील की गई है।
रांची में 128 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई : रांची में पिछले 24 घंटों के दौरान 128 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। भारी बारिश से रांची के कई मुहल्लों में बारिश का पानी घुस गया। इससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पडा। बारिश का पानी सडकों पर बह रहा है। इससे आने-जानेवालों को काफी परेशानी हुई। वहीं बारिश के चलते कई लोग कार्यालय नहीं जा सके और कई बच्चे भी स्कूल नहीं जा सके। इधर, रांची में सुबह से ही खबर लिखे जाने तक बारिश जारी है। उल्लेनखनीय है कि दक्षिणी-पश्चिमी मानसून झारखंड के सभी जिलों को कवर कर चुका है। इसकी वजह से पूरे राज्य भर में अच्छी बारिश हो रही है। मौसम विभाग ने बुधवार और गुरुवार को राज्य के अधिकांश जिलों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।
जमकर हुई बारिश, किसानों में खुशी : खूंटी जिले में मंगलवार की शाम से जारी लगातार बारिश के कारण लोगों का घरों से निकलना दुभर हो गया है। स्कूली बच्चों को भी परेशानी का समाना करना पड़ा। सड़कों पर वीरानी छाई हुई है। वही लोग सड़कों पर निकल रहे है, जिन्हें बहुत जरूरी काम है। मानसून की पहली बारिश ने ही नगर पंचायत खूंटी की व्यवस्था का पोल खोल दिया है। नालियों का गंदा पानी सड़कों पर बहने लगा है। भारतीय मौसम विभाग के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा केंद्र के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ राजन चौधरी ने बताया कि 18 से 22 जून के बीच जिले में हल्के से मध्यम और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दौरान तेज हवाएं, आकाशीय बिजली तथा आंधी तूफान की भी चेतावनी दी है। बताया गया कि 18 जून को छह मिमी, 19 जून को 14 मिमी, 20 जून को 32 मिमी, 21 जून को सात मिमी, और 22 जून को चार मिमी बारिश की संभावना है। इस दौरान अधिकतम तापमान 26-28 तथा न्यूनतम 24 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है। हवा की रफ्तार 18 किमी प्रति घंटा के बीच रहेगी। सापेक्षिक आर्द्रता अधिकतम 89 से 94 और न्यूनतम 68 से 82 के बीच रहेगी। भारी वर्षा, आकाशीय बिजली, आंधी-तूफान और तेज सतही हवाओं की चेतावनी दी गई है। किसान सतर्कता बरतें और खेतों में काम करते समय मौसम की जानकारी लेकर ही निकलें। जिन किसानों ने अभी तक धान का बीज नहीं बोया है, वे जल्द ही बीज डालें। ऊंची जगह पर 5-7 दिन पहले तैयार की गई नर्सरी से रोपाई के लिए पौध तैयार करें। अधिक वर्षा का लाभ उठाते हुए इन फसलों की बुआई करें ज्वार के लिए सीएसवी-1616, सीएसवी-17 जैसी किस्में अपनाएं। मक्का के लिए सूखा सहनशील किस्मों की बुआई की सलाह दी गई है। साथ ही कद्दू, करेला, खीरा जैसी फसलों में यदि लाल मक्खी या अन्य कीट लगने के लक्षण हों तो तुरंत दवा छिड़काव करें।
लगातार बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त : लोहरदगा जिला मे मंगलवार की रात से हो रही बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लगातार हो रही बर्षा से बाजारों में विरानगी छायी हुई है। नदियों तालाबों का जलस्तर बढ गया है। खेतों में भी पानी भर गया है। इधर दक्षिण पश्चिम मानसून 2025 को देखते हुए आपदा से निपटने की संपूर्ण तैयारी के लिए उपायुक्त ने जिला के अनुमंडल पदाधिकारी, पीएचईडी कार्यपालक अभियंता, नगर परिषद कार्यपालक पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता विद्युत प्रमंडल, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचल अधिकारी, सहायक अभियंता बीएसएनल और जिला अग्निशमन पदाधिकारी को सुरक्षा के निदेश दिए गए हैं। लोगों का कहना है कि मानसून का आगमन जबरदस्त तरीके से हुआ है। तापमान में गिरावट आई है।