झारखंड में प्रस्तावित शराब नीति पर अबुआ अधिकार मंच ने दिए अहम सुझाव

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रांची: झारखंड सरकार द्वारा प्रस्तावित शराब नीति 2025 को लेकर अबुआ अधिकार मंच के गौतम सिंह ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग को विभिन्न जनहितैषी सुझाव प्रेषित किए हैं। गौतम सिंह ने शराब नीति में व्यापक सुधार लाने की मांग करते हुए कहा कि इससे न केवल सामाजिक संतुलन स्थापित होगा, बल्कि अपराध दर में भी कमी आएगी। अबुआ अधिकार मंच ने शैक्षणिक संस्थानों, धार्मिक स्थलों, अस्पतालों, खेल मैदानों और शहरी आबादी वाले क्षेत्रों से कम से कम 500 मीटर दूर शराब की दुकानों को लाइसेंस देने, ग्रामीण क्षेत्रों में शराब दुकान खोलने के लिए ग्राम सभा की सहमति अनिवार्य करने, शराब की बिक्री के लिए आॅनलाइन लाइसेंस प्रणाली लागू करने ताकि पारदर्शिता बनी रहे, हर दुकान पर अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाना अनिवार्य किए जाने, शराब की बिक्री रात 9 बजे के बाद प्रतिबंधित की जाने जिससे अपराधों पर नियंत्रण पाया जा सके, प्रत्येक शराब दुकान के बाहर नशा मुक्त समाज से जुड़े जागरूकता पोस्टर अनिवार्य रूप से लगाए जाने, शराब विक्रेताओं के लिए सामाजिक जिम्मेदारी प्रशिक्षण अनिवार्य किए जाने ताकि वे नाबालिगों और नशे की लत वाले व्यक्तियों को शराब बेचने से बचाया जा सके, अंतरराज्यीय अवैध शराब व्यापार को रोकने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किए जाने, ट्रकों और बड़े वाहनों से शराब परिवहन पर जी.पी.एस. ट्रैकिंग सिस्टम लागू किए जाने, जिम्मेदार शराब उपभोग को बढ़ावा देते हुए शराब पीकर वाहन चलाने पर “डॉन्ट ड्रिंक एंड ड्राइव” अभियान को और प्रभावी बनाए जाने, शराब पीने की न्यूनतम आयु सीमा का कड़ाई से पालन कराए जाने संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं।अबुआ अधिकार मंच ने आग्रह किया है कि इन सुझावों को प्रस्तावित शराब नीति 2025 में शामिल किया जाए, जिससे झारखंड को एक स्वस्थ, सुरक्षित और जागरूक समाज बनाया जा सके। संगठन ने सरकार से जल्द इस विषय पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक संशोधन करने की मांग की है।