Eksandeshlive Desk
रांची : झारखंड कलाकार आंदोलन संघर्ष समिति (झॉलीवुड) ने राज्य सरकार से नई फिल्म नीति बनाने की मांग की है। इस संबंध में समिति ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से झारखंड के कलाकारों को लेकर वादा किया था, पांच माह बीतने के बावजूद सरकार की ओर से इसे लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया। समिति ने कहा कि सरकार यदि दिसंबर तक नई फिल्म नीति नहीं बनाती है तो आगामी विधानसभा सत्र के दौरान राज्य के कलाकार विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
इस संबंध में समिति की महासचिव रंजू मिंज बताया कि झारखंड फिल्म नीति-2015 के अन्तर्गत झाॅलीवुड कलाकरों को दरकिनार किया गया, जबकि राज्य सरकार की तरफ से बॉलीवुड के सुप्रसिद्ध कलाकार अनुपम खेर और महेश भट्ट जैसे बाहरी कलाकार और फिल्मकारों को करोड़ों रुपये का अनुदान दिया गया, जो गलत है। वहीं इस संबंध में समिति की रंजू मिंज ने कहा कि अब लास्ट लव, खोरठा भाषा की दो फिल्म और संथाली भाषा की तीन फिल्म सहित कई फिल्में बनकर तैयार हैं, जिसकी लागत लगभग पांच करोड़ रूपये से अधिक है। यदि सरकार की ओर से फिल्म के प्रोत्साहन के लिए आर्थिक सहयोग नहीं दिया गया तो झारखंड में नई फिल्में बनाने में कलाकारों को परेशानियों का सामना करना पडे़गा। नीति बनाकर झारखंड की भाषा की फ़िल्मों झारखंड के फिल्म निर्माताओं पर आर्थिक बोझ बढेगा और उन्हें भारी नुकसान होगा।
रंजू मिंज ने कहा कि तीन माह पूर्व झारखंड के कलाकार, फिल्मकार, तकनीशियनों और फिल्म निर्माता झारखंड सरकार से नई फिल्म नीति की मांग को लेकर सड़क पर उतरकर आंदोलन किया था। इसके बाद कला संस्कृति विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने समिति के साथ दो बैठकें की। इस दौरान मंत्री ने झॉलीवुड विकास को लेकर चिंता जताई। फिल्मों के विकास के लिए झारखंड फिल्म नीति-2015 को निरस्त कर तीन माह के अंदर नई झारखंड फिल्म नीति-2025 बनाने की बात कही, लेकिन पांच माह बीतने के बाद भी सरकार या विभागीय मंत्री सुदिव्य सोनू ने नई फिल्म नीति पर किसी तरह की कोई पहल नहीं की इससे झारखंड के फिल्मकार, कलाकार और सभी फिल्म निर्माताओं में आक्रोश है।
