Eksandeshlive Desk
सिमडेगा : झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत शाखा सिमडेगा जिला कमिटी की ओर से शनिवार को एक दिवसीय जिला सम्मेलन सह वन भोज का आयजन किया गया। इसकी अध्यक्षता अमर कुजूर ने की, जबकि इसका संचालन दिनेश बड़ाइक ने किया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने भाग लिया। इस दौरान सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित करके विभिन्न मांगें उठाई गईं, जिनमें झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली-2015 में उल्लेखित प्रावधानों के खिलाफ सिमडेगा जिले में चौकीदारों के रिक्त पदों पर की गई अवैध नियुक्ति को जनहित और राज्यहित में तत्काल रद्द करना, एसीपी/ एमएसीपी का लाभ देना, वर्दी भत्ता का लाभ देना, माह के प्रथम सप्ताह में वेतन भुगतान करना, बैंक ड्यूटी डाक ड्यूटी कैदी स्कॉट रोड ड्यूटी और थाना में बैठ बेगारी कराने पर रोक लगाना और चौकीदारी मैनुअल के अनुसार ड्यूटी कराना प्रमुख है।
इस मौके पर उपस्थित चौकीदारों को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने कहा कि सिमडेगा जिले में सेवा विमुक्त, एवजी और अनुकंपा के आधार (आवेदन देने की अवधि 5 वर्ष समाप्त नहीं हुई है पर चौकीदार/दफादारों के रिक्त पदों पर की गई अवैध नियुक्ति तत्काल रद्द की जाए। सिंह ने बताया कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 की कंडिका 2( 9) में प्रावधान है कि ” बीट” से अभिप्रेत है एक चौकीदार का कार्यक्षेत्र, जिसमें 100 से 120 आवासीय घरों का समूह होगा। कंडिका 4 में प्रावधान है कि नियुक्ति एवं प्रोन्नति हेतु राज्य सरकार द्वारा समय समय पर निर्धारित जिला स्तरीय आरक्षण लागू होगा और कंडिका 5 (5) में प्रावधान है कि अभ्यर्थी को संबंधित बीट का स्थायी निवासी होना अनिवार्य होगा।
सिंह ने बताया कि झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित उक्त प्रावधानों का अनुपालन सिमडेगा जिले के चौकीदार पद पर नियुक्ति में नहीं हुआ है। चौकीदारों के रिक्त पदों पर नियुक्ति हेतु निकले गये विज्ञापन से पहले या बाद में 100 से 120 आवासीय घरों पर बीट सृजित नहीं किया गया है। सफल अभ्यर्थियों को जिस बीट में चौकीदार के पद पर नियुक्त किया गया है उस बीट के स्थायी निवासी नहीं हैं। एक बीट में एक ही चौकीदार नियुक्त होंगे, लेकिन एक बीट में 1 से ज्यादा 3-4 चौकीदारों को नियुक्त किया गया है। एक बीट ( पुराना) के अलावे नया बीट किसी जिले में नहीं बना है और ना ही एक बीट से ज्यादा पद और बल झारखंड कैबिनेट से स्वीकृत है तो एक बीट में एक से ज्यादा 3-4 चौकीदारों को कैसे नियुक्त कर दिया गया है? बीट के बाहर से चौकीदार के पद पर नियुक्ति करने से भारत की सबसे पुरानी प्रशासनिक व्यवस्था चौकीदारी व्यवस्था झारखंड से समाप्त हो जाएगी और इसका सीधा बुरा असर जनहित और राज्यहित पर पड़ेगा। उक्त उल्लेखित तथ्यों से स्पष्ट है कि सिमडेगा जिले में चौकीदारों की नियुक्ति में झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 में उल्लेखित प्रावधानों का अनुपालन नहीं हुआ है। सिमडेगा जिले में चौकीदारों की नियुक्ति में पिछड़े वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15( 4) और 16( 4, 5) का खुलम खुल्ला उल्लंघन है।
सिंह ने झारखंड के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि झारखंड में चौकीदारी व्यवस्था बचाने के लिए सिमडेगा जिला सहित जिन जिन जिलों में चौकीदारों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालकर अवैध नियुक्ति की गई है उसको तत्काल रद्द करें और इसकी जांच झारखंड विधान सभा की समिति से कराएं और झारखंड के सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में वापिस करें और एवजी चौकीदारों को एक बार पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार नियुक्ति करने का आदेश जारी करें। चौकीदार/दफादारों का पद सार्वजनिक नहीं है, यह पद परंपरागत है। सार्वजनिक पद हेतु नया बीट सृजित करना होगा। झारखंड हाई कोर्ट और झारखंड सरकार ने झारखंड चौकीदार संवर्ग नियमावली 2015 के खिलाफ में बहाली करने का आदेश नहीं दिया है। यदि 15 दिन के अंदर में चौकीदारों की अवैध नियुक्ति रद्द नहीं हुई तो झारखंड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की जाएगी।
सिमडेगा जिला सम्मेलन सह वन भोज में सर्वसम्मति से सिमडेगा जिला कमिटी का पुनर्गठन करते हुए बनो गिर्दा ओपी के चौकीदार किशोर बड़ाइक को जिलाध्यक्ष, कुरडेग थाना के चौकीदार देवती देवी को उपाध्यक्ष, ठेठईटांगर थाना के चौकीदार दिनेश बड़ाइक और पकड़तांड थाना के चौकीदार अमर कुजूर कोकिला कोषाध्यक्ष बनाया गया है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अमर कुजूर ने कहा कि सिमडेगा जिले में अभी तक राज्य सरकार के आदेश के बाद भी एसीपी/एमएसीपी का लाभ सभी को नहीं देना चौकीदार-दफादारों के साथ घोर अन्याय है। हमारी उपायुक्त से मांग है कि इस मामले में तत्काल कार्रवाई करें और चौकीदारी मैनुअल के अनुसार ही ड्यूटी करने का आदेश दें। कार्यक्रम में मुख्य रूप से शाहजहां खान, कृष्णा बड़ाइक, नारायण भोक्ता, बंदे गोप, भैयाराम तुरी, आनंद डुंगडुंग, हेमसेन सोरेन, दीपक खेद, रावल, समाप्ति देवी, पार्वती कुमारी, कमलेश प्रधान, जगतपाल सिंह, बुद्धेश्वर खड़िया, रामेश्वर पन जैन बड़ा, कुलदीप तिर्की, अरुण बड़ाइक आदि मुख्य रूप से शामिल थे।