झारखंड उपभोक्ता आयोग सदस्यों के क्षमता निर्माण कार्यक्रम में न्याय लेखन और डिजिटल पहलुओं पर चर्चा

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Ranchi : यूनिवर्सिटी ऑफ स्ट्डी एंड रिसर्च इन लॉ, रांची में कंज्यूमर रिसर्च एंड पॉलिसी (उउफढ)’ के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम का दूसरा दिन संपन्न हुआ। दूसरे दिन उपभोक्ता विवाद निवारण में न्याय लेखन कौशल, प्रक्रियात्मक दक्षता और डिजिटल पहलुओं पर विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। न्यायमूर्ति श्री टी.जी. शिवशंकरे गौड़ा, अध्यक्ष, कर्नाटक राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के विशेष सत्र के साथ प्रारंभ हुआ। उन्होंने “निर्णय लेखन कौशल और मानक निर्णय प्रारूप” विषय पर अपना व्याख्यान देते हुए उच्च गुणवत्ता वाले न्यायिक निर्णयों की रचना करने के तकनीकी पहलुओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक के बाद एक कई बेहतरीन उदाहरण देते हुए समझाया कि निर्णय लेखन में सटीक लिखना कितना जरूरी है। दूसरे सत्र में श्री सय्यद अंसार कलीम, अध्यक्ष, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण फोरम, कोलार, कर्नाटक ने “उपभोक्ता विवाद निवारण में प्रक्रियात्मक दक्षता और प्रभावशीलता बढ़ाना” विषय पर अपना विशेषज्ञ ज्ञान साझा किया। उन्होंने विवाद निवारण प्रक्रिया को तेज और अधिक प्रभावी बनाने के व्यावहारिक उपायों पर चर्चा की। दोपहर के सत्र में श्री अक्षय यादव, शोध छात्र, रामय्या यूनिवर्सिटी ऑफ एप्लाइड साइंस, बैंगलोर तथा सह-संस्थापक, रामकृष्ण लॉ फर्म एंड रिसर्च सेंटर, चिकोडी ने “ई-दाखिल, ई-जाग्रति और डार्क पैटर्न” विषय पर एक जानकारीपूर्ण सत्र लिया। इस सत्र में उपभोक्ता संरक्षण के डिजिटल पहलुओं, ऑनलाइन धोखाधड़ी की तकनीकों और उनसे निपटने के उपायों पर विस्तृत चर्चा हुई। कार्यक्रम का समापन एक उच्च-स्तरीय पैनल चर्चा के साथ हुआ, जिसमें श्री बसंत कुमार गोस्वामी, कार्यकारी अध्यक्ष, झारखंड राज्य उपभोक्ता आयोग; प्रो. (डॉ.) आशोक आर. पाटिल, कुलपति, और श्री अक्षय यादव ने भाग लिया। चर्चा के दौरान उपभोक्ता संरक्षण के वर्तमान परिदृश्य, चुनौतियों और भविष्य की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया। कुलपति प्रो. (डॉ.) आशोक आर. पाटिल ने कहा, ” आज के सत्रों ने उपभोक्ता न्याय प्रणाली के महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे न्यायिक लेखन, डिजिटल सुरक्षा और प्रक्रियात्मक सुधार पर अमूल्य ज्ञान प्रदान किया है। यह प्रशिक्षण झारखंड में उपभोक्ता अधिकारों की रक्षा को और मजबूत करेगा। अंतिम दिन कल यानी 25 अगस्त को “दंड, अपराध और वारंट”, “खाद्य सुरक्षा और लेबलिंग” और “विधिक मापविज्ञान” जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सत्र आयोजित होंगे, जिसके बाद एक विशाल समापन समारोह का आयोजन किया जाएगा।

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