झारखंड विधानसभा-बजट सत्र : सदन में जन्म प्रमाणपत्र, सहारा इंडिया और दिव्यांगों की पेंशन का उठा मामला

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Eksandeshlive Desk

रांची : झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के आठवें दिन कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए गए, जिनमें जन्म प्रमाणपत्र, दिव्यांग पेंशन, सहारा इंडिया के निवेशकों की समस्या और किसानों से धान खरीद में कटौती जैसे विषय शामिल रहे। विधायक धनंजय सोरेन ने साहेबगंज जिले के बोरियो विधानसभा क्षेत्र में जन्म प्रमाणपत्र बनने में हो रही देरी का मामला उठाया। इस पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि उन्होंने साहेबगंज के डीसी से बात कर अविलंब लंबित जन्म प्रमाणपत्र निर्गत किये जाने और इसे लंबित रखे जाने का कारण पता करने को कहा है। डीसी ने एक सप्ताह में ऐसे सभी लंबित प्रमाणपत्र को निर्गत किये जाने का भरोसा दिया है। इस पर विधायक धनंजय ने पूछा कि सरकार जन्म प्रमाणपत्र नियत समय पर निर्गत कराने की व्यवस्था करे। इस पर राधाकृष्ण ने कहा कि राइट टू सर्विस का प्रावधान पहले से तय है। निर्धारित समय पर सभी तरह के कार्य होते हैं। इस पर विधायक उमाकांत रजक ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि अगर राइट टू सर्विस का प्रावधान धरातल पर लागू होता तो ऐसी स्थिति ही नहीं आती।

दिव्यांगों के लिए पेंशन के लंबित होने का मामला उठाया : विधायक शत्रुघ्न महतो ने राज्य में चार माह से दिव्यांगों के लिए पेंशन के लंबित होने का मामला उठाया। साथ ही उन्हें 1000 रुपया की बजाय कम से कम 2500 रुपए दिये जाने की मांग की। इस पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि वे पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ, ओड़िशा और मध्य प्रदेश में किये गये प्रावधानों को देखेंगे। इस पर नवीन जायसवाल ने हस्तक्षेप करते कहा कि आखिर सभी वर्ग के जरूरतमंद को एक समान ही क्यों नहीं 2500 रुपये क्यों नहीं दे रही। सरकार हां या ना में बताए। इस पर राधाकृष्ण ने कहा कि केंद्र की ओर से हमें एक लाख 36 हजार करोड़ रुपये दिये जाएं तो हम आगे बढ़ेंगे। इस पर विधायक नवीन जायसवाल, राज सिन्हा, नीरा यादव सहित भाजपा विधायक वेल में आ गये और सदन से निकल गए। हालांकि जदयू विधायक सरयू राय, लोजपा (आर) विधायक जनार्दन पासवान और आजसू पार्टी के निर्मल महतो (तिवारी महतो) अपनी जगह पर बने रहे।

भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति के बावजूद चला सदन : भाजपा विधायकों की अनुपस्थिति के बावजूद सत्र संचालित होता रहा। कई सवाल जवाब हुए। कांके विधायक ने बीएयू, कांके में लंबे समय से कार्यरत श्रमिकों को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के आधार पर नियमित करने की मांग रखी। मंत्री शिल्पी नेहा ने इस पर कहा कि सृजित पदों के विरूद्ध कार्यरत कर्मियों को ही नियमित किया जा सकता है, अन्य केस में नहीं। इसके बाद शून्यकाल के प्रश्न लिए गये।

सहारा के निवेशकों के लिए झारखंड सरकार संवेदनशील : सदन में झारखंड के वैसे निवेशकों का भी मसला उठा, जिन्होंने सहारा इंडिया में निवेश किया था पर पैसे अबतक नहीं मिले। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने इस संबंध में बात उठाते कहा कि सरकार पोर्टल ऐसा बनाए जिस पर निवेशक अपने निवेश की जानकारी और उससे संबंधित स्थिति देख सकें। इस पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने बताया कि वर्ष 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जजमेंट दिया था। इसके बाद झारखंड सरकार ने वर्ष 2023 से जनवरी 2025 तक कई बार सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ सोसाइटी को पत्र लिखा है पर कोई रिस्पांस नहीं मिला। अब सरकार कुछ अधिकारियों (एक या दो) को जवाबदेही दी जायेगी कि वे इससे संबंधित विस्तृत सूचना जुटाएं। इसके बाद कृषि विभाग की ओर से विभागीय मंत्री शिल्पी नेहा ने 31 मार्च 2026 को समाप्त होनेवाले वर्ष के भीतर भुगतान के दौरान जो व्यय होगा, उसकी पूर्ति के लिए 24 अरब 21 लाख 08 लाख 16 हजार रुपए से अनाधिक राशि प्रदान करने की मांग सदन के पटल पर रखी, जिसे स्वीकृत कर लिया गया।

किसानों से धान खरीद के समय 10 प्रतिशत की कटौती का मामला उठा : वहीं विधायक हेमलाल मुर्मू ने राज्य के किसानों से धान खरीद के समय 10 प्रतिशत की कटौती किये जाने का मामला उठाया। इस पर खाद्य आपूर्ति मंत्री इरफान अंसारी ने केंद्र सरकार के निर्धारित प्रावधानों का हवाला देते बताया कि धान की नमी, गुणवत्ता के आधार पर धान की खरीद होती है।

राज्य जनजातीय आयोग का गठन का मामला उठा : विधायक राजेश कच्छप ने राज्य में राज्य जनजातीय आयोग का गठन किये जाने संबंधी मामला उठाया। इस पर मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि अगले तीन माह के भीतर इसकी प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। विधानसभा के अगले सत्र से पूर्व यह आयोग अस्तित्व में होगा।

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