झारखंड विधानसभा का शीताकलीन सत्र : बालू के मुददे पर सदन हुआ गर्म, मंत्री ने कहा- 374 घाटों पर 100 रुपये प्रति सीएफटी उपलब्ध है बालू

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Eksandeshlive Desk

रांची : झारखंड विधानसभा के शीतकलीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सदन बालू के मुददे पर गर्म रहा। सत्ता पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई। अल्पसूचित प्रश्न के तहत भाजपा के विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने झारखंड में बालू की किल्लत का मुददा उठाया। उन्होंने कहा कि पलामू जिले में बालू के व्यवसाय को थाना के जरिये मैनेज किया जा रहा है। लोगों को दूसरे राज्यों से विवश होकर महंगी दर पर बालू मंगाना पड रहा है। इसके जवाब में विभागीय मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश के बाद पेसा कानून की घोषणा तक बालू घाटों से बालू के उठाव पर रोक लगाई गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनहित में राज्य के 374 घाटों पर 100 रुपये प्रति सीएफटी बालू लोगों को उपलब्ध करा रही है। उन्होंने बताया कि ऐसे 71 बालू घाट पलामू में भी हैं।

मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनता के प्रति संकल्पित है। उन्होंने बताया कि एमडीओ (माइन डवेलपर ऑपरेटर) के चयन में राजस्व का नुकसान नहीं हुआ है। वहीं मामले में भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि पूरे राज्य भर में बालू का अवैध उत्खनन हो रहा है। मंत्री इस मामले में सदन को गुमराह कर रहे हैं। झारखंड में कहीं भी 100 रुपये प्रति सीएफटी बालू नहीं मिल रहा है। कुशवाहा शिवपूजन मेहता ने मंत्री से जानना चाहा कि पलामू जिले में 71 कौन से बालू घाट हैं जहां सस्ता बालू सरकार लोगों को उपलब्ध करा रही है। उन्होंने मंत्री से पलामू के उन 71 बालू घाटों की सूची की मांग की जहां सस्‍ते दर पर बालू दिया जा रहा है। विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने सरकार से जानना चाहा कि क्या यह सही है कि जेएसएमडीसी (झारखंड राज्य खनिज विकास निगम) की ओर से राज्‍य में बालू घाटा के संचालन की व्‍यवस्‍था के दौरान काफी कम दर पर एमडीओ का चयन किये जाने के कारण राज्‍य को राजस्‍व का बहुत बडा नुकसान हुआ है।

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