NUTAN
लोहरदगा: रविवार को भंडरा प्रखंड अंतर्गत नंदिनी डैम के समीप जिला राजी पड़हा की बैठक जिला राजी पड़हा के बेल (राजा) लक्ष्मी नारायण भगत की अध्यक्षता में हुई। बैठक में जिले भर के 32 पड़हा में से 17 पड़हा के पड़हा बेल, देवान, कोटवार, भंडारी जैसे अन्य पदाधिकारी शामिल हुए। इस दौरान सामाजिक स्वशासन पड़हा व्यवस्था पुनर्गठन, सामाजिक मजबूती, सशक्त ग्राम सभा, पेसा कानून 1996 सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा पर चर्चा किया गया। बैठक में सर्वसम्मति से पड़ा पुनर्गठन किया गया। जिसमें जिला बेल लक्ष्मी नारायण भगत को बनाया गया। वही कुछ निष्क्रिय पदाधिकारी को पड़हा से हटाया गया, वहीं कुछ सक्रिय पदाधिकारी को पड़हा से जोड़ा गया। यह भी तय किया गया कि 30 अप्रैल तक जिले के 32 पड़हा में सक्रिय एवं निष्क्रिय पदाधिकारी का फेरबदल करते हुए पड़हा व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा। इसके पश्चात जिला पड़हा का बैठक करते हुए सभी पुनर्गठित पदाधिकारी की सूची प्रकाशित की जाएगी। कहा गया कि प्रत्येक 3 वर्ष में पड़हा की ओर से बिशु शिकार एवं प्रत्येक 12 वर्ष में जनी शिकार जैसे कार्यक्रम आयोजित होते हैं, इसलिए इस प्रक्रिया को तोड़ने- मरोड़ने की जरूरत नहीं है। निर्णय लिया गया कि 2026 में 3 वर्ष पूरे होने पर पड़हा की ओर से बिशु शिकार जाया जाएगा। मौके पर पड़हा के अगुवाओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए कहा कि समाज के लोग अलग-अलग ना चले एक साथ होकर चले तो निश्चित रूप से समाज सशक्त हो सकता है। धर्म संस्कृति और गांव में हो रहे आपसी विवाद तथा अन्य समस्या का निदान करना अति आवश्यक है। हमारे समाज को नशा, अशिक्षा और कुछ नेता से खतरा है। समाज कई खंडों में बट गया है, जिससे धर्मांतरण एवं गैर जातीय विवाह हो रहा है।साथ ही हक अधिकार का हनन हो रहा है। जब जब नियम कानून में कोई प्रकार से दबाव होता है, नेता समाज के लोगों पर सौंप दिया करते हैं और जुलुस आंदोलन कराते हैं। जबकि समाज के रक्षा के लिए उन्हें विधायक, संसद बनाया जाता है। समाज से नशा, अशिक्षा को दूर करना होगा। बैठक का संचालन डोमना उरांव ने किया। बैठक में मुख्य रूप से गोसाई भगत, मंगल उरांव, सुरेंद्र उरांव, बुधराम उरांव, परमेश्वर उरांव, चंद्रमोहन उरांव, रमेश उरांव, रागदेव उरांव, संजय उरांव, बुधवा उरांव, शनिचरण उरांव, नारायण उरांव सहित पड़हा के बेल, देवान, कोटवार, भंडारी सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।