Ashutosh Jha
काठमांडू : नेपाल सरकार काठमांडू में “सगरमाथा संवाद” आयोजित करने जा रही है। इस संवाद में पर्वतीय क्षेत्र के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के ध्यान में लाने का महत्वपूर्ण अवसर मिलेगा, इसके लिए सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों ने इसे एक बड़ा मौका माना है। सगरमाथा संवाद की तैयारियों के बारे में मंगलवार को प्रतिनिधि सभा सदस्य एकनाथ ढकाल ने संसद में अपने विचार व्यक्त करते हुए जलवायु परिवर्तन के मुद्दे को “जलवायु न्याय” के संदर्भ में प्रमुख प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “नेपाल जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग को स्पष्ट करने और पर्यटन प्रोत्साहन में मदद करने के लिए तैयार है।” ढकाल ने यह भी कहा, “सगरमाथा संवाद के अवसर पर, नेपाल को संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को आमंत्रित करने के लिए सभापति के माध्यम से नेपाल सरकार से अनुरोध करता हूं।” इस संवाद में दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों और सरकार प्रमुखों की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। नेपाल के जलवायु परिवर्तन पहल और पर्वतीय क्षेत्र के संरक्षण के लिए साझा आवाज उठाने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। नेपाल सरकार की सक्रियता से यह संवाद नेपाल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रबंधन और नेतृत्व के लिए एक महत्वपूर्ण आधार प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी को सागरमाथा संवाद के लिए आमंत्रित करेगा नेपाल
नेपाल सागरमाथा संवाद में हिस्सा लेने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेगा। इस अंतरराष्ट्रीय आयोजन में नेपाल कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित करता है। यह सम्मेलन 16-18 मई को काठमांडू में प्रस्तावित है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की अध्यक्षता में सोमवार शाम हुई कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा की गई। ओली सरकार के पूर्व मंत्री शरत सिंह भंडारी ने बताया कि सागरमाथा संवाद में मुख्य अतिथि के रूप में भारत के प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजने का का प्रस्ताव किया गया है। नेपाल इस आयोजन की रूपरेखा भारत के रायसीना डायलॉग की तरह तैयार कर रहा है। नेपाल की विदेशमंत्री डॉ. आरजू राणा ने कहा कि सागरमाथा संवाद के लिए भारतीय प्रधानमंत्री को अनौपचारिक निमंत्रण भेज दिया गया है। दिल्ली से सकारात्मक जवाब मिलते ही औपचारिक निमंत्रण भेजा जाएगा। विदेशमंत्री डॉ. राणा ओमान के मस्कट में 16-18 फरवरी तक होने वाले इंडिया फाउंडेशन के कार्यक्रम में भारत के विदेशमंत्री डॉ. एस जयशंकर से इस संबंध में चर्चा करेंगी।