जम्मू-कश्मीर का अन्य राज्यों से सड़क संपर्क टूटा, एनएच-44 पर आने-जाने वाले दोनों पुल क्षतिग्रस्त, वैकल्पिक मार्ग भी क्षतिग्रस्त, जनजीवन अस्त-व्यस्त

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Eksandeshlive Desk

कठुआ/जम्मू : जम्मू-कश्मीर के जिला कठुआ में कई हिस्सों में रात से लगातार हो रही भारी बारिश से जिले के निचले इलाकों में बाढ़ आ गई। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग लोगेट मोड़ पर स्थित जम्मू की तरफ जाने वाला एक महत्वपूर्ण पुल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया जबकि उसी के साथ लगता कठुआ की ओर आने वाला पुल भी बाढ की चपेट में आ गया, जिसके कारण जिला प्रशासन ने जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर दोनों तरफ से आवाजाही बंद कर दी है, जिसके चलते जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के दोनों तरफ गाड़ियों की कतारें लग गई हैं। सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया। इस समय जम्मू कश्मीर का सड़क संपर्क अन्य राज्यों से टूट चुका है।

बाहरी राज्यों आए यात्री अपने-अपने वाहनों में बैठ इंतजार कर रहे : अधिकारियों ने बताया कि इस भारी बारिश से कठुआ जिले में जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित एक महत्वपूर्ण पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया। हाईवे पर लोगेट मोड़ के पास एक पुल उफनती सहार खड्ड नदी के बहाव में बीच से ढह गया। अधिकारियों ने बताया कि तेज बहाव के कारण, राष्ट्रीय राजमार्ग पर सहार खड्ड पर बने दोनों पुलों पर यातायात रोक दिया गया। अधिकारियों ने वाहनों को वैकल्पिक मार्ग से डायवर्ट किया है, लेकिन वैकल्पिक मार्गों की भी खस्ता हो गई है क्योंकि उपरी इलाकों में भारी बारिश का पानी निचले इलाकों में भर गया। कठुआ के नगरी, बडाला, शेरपुर, खोख्याल आदि क्षेत्रों में भी भारी नुकसान पहुंचा है। सहार खड के दोनों तरफ जमीनों में भी भरी कटाव हुआ है। जिसमें खड के किनारे बने कई शमशान घाट बह गए। वहीं अगर बारिश लगातार रही तो सहार खड के किनारे बने रिहायशी इलाकों का भी नुकसान पहुंचने की आशंका है। कठुआ के उपायुक्त राजेश शर्मा ने बताया कि सहार खड पर बने एक पुल को भारी नुकसान पहुंचा है, जबकि दूसरे पुल में भी कमजोरी के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि पुराने पुल को काफी नुकसान पहुंचा है। नए पुल की स्थिति को लेकर भी कुछ संदेह था, इसलिए एहतियात के तौर पर हमने उसे तुरंत बंद कर दिया। राजमार्ग अधिकारी और उनके इंजीनियर इसकी जांच करने आ रहे हैं, और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। फिलहाल जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात ठप है। बाहरी राज्यों आए यात्री अपने-अपने वाहनों में बैठ स्थिति सामन्य होने का इंतजार कर रहे हैं।

खराब मौसम के कारण चशोती गांव नहीं जा सके राजनाथ सिंह, जीएमसी में भर्ती मरीजों से मिले : किश्तवाड़ ज़िले के चशोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने की घटना के बाद स्थिति की समीक्षा करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार को जम्मू पहुंचे, लेकिन खराब मौसम के कारण वह प्रभावित स्थल का दौरा नहीं कर सके। इस घटना में 64 लोगों की मौत हो गई थी और 34 से ज़्यादा लोग अभी भी लापता हैं। रक्षा मंत्री ने सरकारी मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) जम्मू का दौरा किया, जहां बादल फटने की घटना से बचे भर्ती लोगों से मुलाकात की। उन्होंने उनकी स्थिति और उन्हें दिए जा रहे उपचार के बारे में जानकारी ली। बाद में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि वह चशोती घटना के घायलों से मिलने आए थे। प्रधानमंत्री मोदी भी स्थिति पर नज़र रख रहे हैं। खराब मौसम के कारण मैं घटनास्थल पर नहीं पहुंच सका। अस्पताल में सभी मरीज़ खतरे से बाहर हैं और उनकी हालत में सुधार हो रहा है। मैं डॉक्टरों के समर्पण की सराहना करता हूं। रक्षा मंत्री के साथ केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।

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