sunil Verma
रांची: जनसंख्या वृद्धि से बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं पर भी दबाब पड़ता है और असमानता बढ़ती है । परिणामस्वरूप सामाजिक संघर्ष और कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भरता बढ़ जाती है। जनसंख्या वृद्धि पर रोक लगाने के लिए सबसे सरल उपाय परिवार नियोजन नीति को अपनाय और इसके साथ ही लोगों के बीच जागरूकता फैलाये। उक्त बातें राष्टÑीय स्वास्थ्य मिशन अभियान के निदेशक शशि प्रकाश ाा ने विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर कही । विश्व जनसंख्या दिवस का उद्देश्य जनसंख्या से जुड़े मुद्दों जैसे गरीबी, बेरोजगारी, संसाधनों पर दवाब, शिक्षा और कौशल विकास में कमी पर्यावरण पर इसके नकारात्मक प्रभाव, सामाजिक समस्याएँ और प्रजनन स्वास्थ्य जैसे विषयों पर चर्चा की । भारत की वर्तमान जनसंख्या वृद्धि दर 0.90 तथा झारखण्ड का वृद्धि दर 1.25 है। झारखण्ड का लगातर कम हो रहा है जिसमें परिवार नियोजन कार्यक्रम का अहम योगदान है। आज हमारे पास संसाधन की मात्रा काफी सीमित है अगर हमारी आबादी बढ़ती जाएगी और गुणवत्ता नहीं बढ़ेगी तो आगे जाकर हमें काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है हमारा देश एक विकासशील देश है जहां जनसंख्या वृद्धि भी हो रही है लेकिन क्वालिटी आॅफ लाइफ पहले की तुलना में बढ़ी है यानि की बेहतर हुई है साथ ही संभावित आयु भी पहले की तुलना में बढ़ी है आज लोग 65 वर्ष से ज्यादा जीवन जी रहे हैं । इसके बावजूद हमारे सामने कई तरह की समस्या है जैसे अशिक्षा, कम उम्र में बच्चों की शादी होना, जल्दी बच्चा होना, बच्चों में कम अंतर होना इत्यादि’ इन सभी समस्याओं को हम प्रचार प्रसार एवं लोगों को जागरूक करके कम कर सकते हैं’ यदि किसी घर में माँ की मृत्यु हो जाती है तो वह अगर बिखर जाता है और बच्चों को संभालने में काफी कठिनाई आती है इसीलिए महिला के स्वास्थ्य में ध्यान देने के साथ-साथ दो बच्चों के बीच में कम से कम 3 साल का अंतर रखना जरूरी है। हम गांव एवं पंचायत स्तर पर सहिया एएनएम इत्यादि के माध्यम से गांव की किशोरी बालिका, नई दंपत्ति इत्यादि को जागरूक करके इन समस्याओं का समाधान कर सकते हैं’ गांव एवं पंचायत स्तर पर नुक्कड़ नाटक तथा आई.ई.सी. सामग्री जैसे बैनर, पोस्टर के माध्यम से विस्तृत प्रचार प्रचार किया जाना चाहिए तभी यह कार्यक्रम सफल होगा साथ ही हमें जनसंख्या स्थिरीकरण पर ध्यान देना चाहिए। निदेशक प्रमुख डा0 सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि अस्थाई विधियों की उपयोगिता बढ़ाकर गर्भनिरोधक की आवश्यकता को पूरा किया जाए।
सिविल सर्जन रांची डा0 प्रभात कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण एनएफएचएस .5 के अनुसार झारखंड की कुल प्रजनन दर टीएफआर घटकर 2.3 हो गई है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। ये सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के सतत प्रयास से ही संभव हो पाया है। झारखंड राज्य की जनसंख्या वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक है, जिससे हमारी स्वास्थ्य सेवा प्रणाली, संसाधनों और बुनियादी ढांचे के लिए चुनौतियाँ है। ’ झारखंड में रांची सबसे अधिक आबादी वाला जिला है पिछले 10 सालों में यहां आबादी काफी संख्या में बढ़ी है जो की चिंता का विषय है। इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस 2025 का थीम में मां बनने की उम्र वही जब तन और मन की तैयारी सही। हमें टीनएज प्रेगनेंसी को रोकने पर ध्यान देना चाहिए इसके लिए हमें उनतक फैमिली प्लानिंग किट और बास्केट आॅफ चॉइस को आसानी से उपलब्ध कराना होगा ताकि वह इनका उपयोग करके परिवार नियोजन कर सके जब एक महिला पूरी तरह से तैयार होती है तभी उसे फैमिली प्लानिंग करना चाहिए हम इस के माध्यम से प्रचार-प्रसार पूर्ण रूप से कर रहे हैं ताकि लोग जागरुक हो सके ।
