कांग्रेस-झामुमो को सरना धर्म कोड के समर्थन का कोई अधिकार नहीं : प्रतुल शाहदेव

Politics

Eksandeshlive Desk

रांची : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने सरना धर्म कोड के मुद्दे पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और कांग्रेस पर दोहरा रवैये अपनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह दोनों दल आदिवासी समाज को गुमराह कर रहे हैं और अब इस मुद्दे पर घड़ियाली आंसू बहाकर आंदोलन का नाटक कर रहे हैं। शाहदेव मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बोल रहे थे। भाजपा प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार के दौरान, तत्कालीन आदिवासी कल्याण मंत्री वी. किशोर चंद्र देव ने 11 फरवरी, 2014 को पत्रांक संख्या 16012/19/2013/(PC & V) के माध्यम से सरना धर्म कोड को अव्यवहारिक बताते हुए अस्वीकार कर दिया था। मंत्री ने यह भी कहा था कि यदि इस तरह की मांग स्वीकार की जाती है, तो अन्य धर्मों से भी सैकड़ों मांगें सामने आ सकती हैं, जिससे व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो अब सरना धर्म कोड के समर्थन में आंदोलन की बात कर रहे हैं, जबकि 2014 में जब वे केंद्र की सत्ता में थे, तो खुद ही इस मांग को ठुकरा चुके हैं। अब जब वे सत्ता से बाहर हैं, तो जनभावनाओं का राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से आंदोलन की बात कर रहे हैं। दोनों पार्टियां जनता को भ्रमित करने और राजनीतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रही हैं। प्रतुल ने कहा कि कांग्रेस और झामुमो को आदिवासी समाज से सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने देश पर 50 वर्षों से अधिक समय तक शासन किया और झामुमो ने भी लंबे समय तक उनका समर्थन किया, फिर भी इन दलों ने आदिवासी हितों के लिए कोई ठोस कार्य नहीं किया। उन्होंने सवाल उठाया कि जब इन्होंने पहले खुद ही इस मांग को अस्वीकार किया था, तो वे किस नैतिक आधार पर आंदोलन की बात कर रहे हैं। प्रेस वार्ता में रांची महानगर के मंत्री अजीत भगत ,एसटी मोर्चा के महानगर महामंत्री अशोक मुंडा एवं महिला मोर्चा की मीडिया सह प्रभारी सोनी हेंब्रम भी मौजूद रहीं।